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एक हफ्ते से बंद पड़ा स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटर मार्ग, दर्जनों गांवों पड़े अलग-थलग

रुद्रप्रयाग जिले में स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटर मार्ग पिछल एक हफ्ते से बंद पड़ा है. इसकी वजह से करीब पांच हजार की आबादी का संपर्क जिला और तहसील मुख्यालय से कट गया है. वहीं रोड बंद होने से ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है.

स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटर मार्ग
स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटर मार्ग
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Published : Sep 15, 2021, 8:28 AM IST

Updated : Sep 15, 2021, 10:05 AM IST

रुद्रप्रयाग: पहाड़ों में भारी बारिश ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रखी है. रुद्रप्रयाग जिले में स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटर मार्ग पिछल एक हफ्ते से बंद पड़ा है. इसकी वजह से करीब पांच हजार की आबादी का संपर्क जिला और तहसील मुख्यालय से कट गया है. वहीं रोड बंद होने से ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बीमार लोगों को डंडी पर बैठाकर किसी तरह अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.

दरअसल, भारी बारिश के चलते बच्छणस्यूं पट्टी के एक दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ने वाला स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटरमार्ग टैंठी से पाटा के बीच कई स्थानों पर बाधित चल रहा है. ऐसे में सुराड़ी, गैरसारी, कोल्ली, खल्या और पाटा आदि गांवों की करीब पांच हजार आबादी का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है.

एक हफ्ते से बंद पड़ा स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटर मार्ग.

हालात इतने खराब हो गए है कि दुकानदार रोजमर्रा का सामना तक नहीं ला पा रहे है. ग्रामीण कई किलोमीटर का पैदल सफर तय करके अपने गंतव्यों तक पहुंच रहे हैं. सबसे बड़ी समस्या तब होती है, जब गांव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाता हैय बीमार व्यक्ति या फिर गर्भवती महिला को डंडी पर बैठाकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. ऐसे में हर समय जोखिम बना रहता है.

वहीं उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटरमार्ग का जायजा लिया. उन्होंने टैंठी से पाटा तक आठ किमी पैदल चलकर मोटरमार्ग की स्थिति देखी. उन्होंने कहा कि इस मार्ग की हालत दयनीय बनी हुई है. जगह-जगह पुस्ते टूट गए हैं. मार्ग पर सफर करना जोखिमभरा है. उन्होंने नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) के अधिकारियों से फोन पर वार्ता करते हुए जल्द मोटर मार्ग को दुरुस्त करने को कहा.

उन्होंने कहा कि सड़क बाधित होने के चलते किसी भी बीमार व्यक्ति के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो इसके लिए एनपीसीसी जिम्मेदार रहेगी. उन्होंने जिलाधिकारी को सड़क की स्थिति से अवगत कराते हुए जल्द आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की. ग्रामीण हरीश कुमार, लाल सिंह बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, हरेंद्र नेगी, रतन सिंह, प्रह्लाद बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, ने कहा कि सड़क बंद होने से सामान पीठ पर ढोकर लाना पड़ रहा है. कोई हमारी पीड़ा नहीं समझ पा रहा है. गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में परेशानी हो रही है. शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं.

पढ़ें: उत्तराखंड में देर से विदा होगा मॉनसून, अब तक रिकॉर्ड हुई 1071.3 MM बारिश

उन्होंने कहा कि जल्द सड़क नहीं खुली तो हम जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे. ग्राम प्रधान क्वली सुमन देवी, संदीप रावत, गोपाल पंवार, नरेंद्र असवाल, जमन सिंह और त्रिलोक राणा का कहना है कि सड़क पर बिछाया गया डामर उखड़ने लगा है. गुणवत्ता का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. घटिया कार्य के चलते सड़क की स्थिति दयनीय बनी हुई है. शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही.

रुद्रप्रयाग: पहाड़ों में भारी बारिश ने लोगों की दुश्वारियां बढ़ा रखी है. रुद्रप्रयाग जिले में स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटर मार्ग पिछल एक हफ्ते से बंद पड़ा है. इसकी वजह से करीब पांच हजार की आबादी का संपर्क जिला और तहसील मुख्यालय से कट गया है. वहीं रोड बंद होने से ग्रामीणों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. बीमार लोगों को डंडी पर बैठाकर किसी तरह अस्पताल पहुंचाया जा रहा है.

दरअसल, भारी बारिश के चलते बच्छणस्यूं पट्टी के एक दर्जन से अधिक गांवों को जोड़ने वाला स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटरमार्ग टैंठी से पाटा के बीच कई स्थानों पर बाधित चल रहा है. ऐसे में सुराड़ी, गैरसारी, कोल्ली, खल्या और पाटा आदि गांवों की करीब पांच हजार आबादी का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है.

एक हफ्ते से बंद पड़ा स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटर मार्ग.

हालात इतने खराब हो गए है कि दुकानदार रोजमर्रा का सामना तक नहीं ला पा रहे है. ग्रामीण कई किलोमीटर का पैदल सफर तय करके अपने गंतव्यों तक पहुंच रहे हैं. सबसे बड़ी समस्या तब होती है, जब गांव में कोई व्यक्ति बीमार हो जाता हैय बीमार व्यक्ति या फिर गर्भवती महिला को डंडी पर बैठाकर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है. ऐसे में हर समय जोखिम बना रहता है.

वहीं उत्तराखंड क्रांति दल के युवा नेता मोहित डिमरी ने स्यूणी-टैंठी-पाटा मोटरमार्ग का जायजा लिया. उन्होंने टैंठी से पाटा तक आठ किमी पैदल चलकर मोटरमार्ग की स्थिति देखी. उन्होंने कहा कि इस मार्ग की हालत दयनीय बनी हुई है. जगह-जगह पुस्ते टूट गए हैं. मार्ग पर सफर करना जोखिमभरा है. उन्होंने नेशनल प्रोजेक्ट कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन लिमिटेड (एनपीसीसी) के अधिकारियों से फोन पर वार्ता करते हुए जल्द मोटर मार्ग को दुरुस्त करने को कहा.

उन्होंने कहा कि सड़क बाधित होने के चलते किसी भी बीमार व्यक्ति के साथ कोई अप्रिय घटना होती है तो इसके लिए एनपीसीसी जिम्मेदार रहेगी. उन्होंने जिलाधिकारी को सड़क की स्थिति से अवगत कराते हुए जल्द आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की. ग्रामीण हरीश कुमार, लाल सिंह बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, हरेंद्र नेगी, रतन सिंह, प्रह्लाद बिष्ट, सुरेंद्र बिष्ट, ने कहा कि सड़क बंद होने से सामान पीठ पर ढोकर लाना पड़ रहा है. कोई हमारी पीड़ा नहीं समझ पा रहा है. गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने में परेशानी हो रही है. शिक्षक समय पर स्कूल नहीं पहुंच पा रहे हैं.

पढ़ें: उत्तराखंड में देर से विदा होगा मॉनसून, अब तक रिकॉर्ड हुई 1071.3 MM बारिश

उन्होंने कहा कि जल्द सड़क नहीं खुली तो हम जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव करेंगे. ग्राम प्रधान क्वली सुमन देवी, संदीप रावत, गोपाल पंवार, नरेंद्र असवाल, जमन सिंह और त्रिलोक राणा का कहना है कि सड़क पर बिछाया गया डामर उखड़ने लगा है. गुणवत्ता का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है. घटिया कार्य के चलते सड़क की स्थिति दयनीय बनी हुई है. शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही.

Last Updated : Sep 15, 2021, 10:05 AM IST
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