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रुद्रप्रयागः जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक, DM मनुज गोयल ने दिए निर्देश - रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी मनुज गोयल ने ली बैठक

बैठक में जिला गंगा संरक्षण समिति के अध्यक्ष एवं जिलाधिकारी जिला गंगा संरक्षण समिति मनुज गोयल ने जनपद में अवस्थित ऐसे नाले जिनका पानी एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) में नहीं जाता, उन नालों के पानी की गुणवत्ता व जल प्रवाह की माप के निर्देश परियोजना प्रबन्धक पेयजल निगम को दिए.

RUDRAPRAYAG
DM मनुज गोयल ने ली जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक
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Published : Dec 20, 2020, 6:40 PM IST

रुद्रप्रयागः गंगा व उसकी सहायक नदियों की अविरलता व निर्मलता को बनाये रखने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मनुज गोयल की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक हुई. जिसमें डीएम ने परियोजना प्रबन्धक स्वजल, अधिशासी अभियंता आरईएस एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुपस्थित होने पर स्पष्टीकरण के निर्देश दिए.

जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि वर्तमान में जनपद में छह एसटीपी कार्यरत हैं. एसटीपी में कार्यरत कार्मिकों द्वारा दूषित जल के शुद्धिकरण एवं उपचार के लिए प्रयुक्त क्रियाविधि की जानकारी को प्रेजेंटेशन के माध्यम से देने के दिए गए हैं.

पढ़ें- कुंभ की समीक्षा बैठक में मंत्री निशंक हुए नाराज, अधिकारियों को लगाई फटकार

साथ ही उपजिलाधिकारी, अधिशासी अभियन्ता जल निगम व अधिशासी अधिकारी नगरपालिका को क्रियाशील एसटीपी का एक सप्ताह के भीतर निरीक्षण कर, प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए. स्वजल विभाग द्वारा गंगा से लगे गांव में किए जा रहे ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों यथा-सोख्ता पिट, गोबर गड्ढा, नाली आदि कार्य को एक माह के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए गए.

खंड विकास अधिकारी, सहायक अभियंता सिंचाई व तकनीकी सहायक, स्वजल की समिति गठित की गई है. जिनका कार्य स्वजल विभाग के कार्यों का थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन करना होगा. समिति द्वारा मौके पर कार्यों की जांच की जाएगी. बैठक में जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी नगरपालिका व नगरपंचायत को ट्रंचिंग भूमि के चिन्हीकरण के लिए भौगोलिक सूचना तंत्र की सहायता से भूमि का चिन्हीकरण करने को कहा है, ताकि मानकानुसार भूमि की उपलब्धता का आसानी से पता लगाया जा सके.

रुद्रप्रयागः गंगा व उसकी सहायक नदियों की अविरलता व निर्मलता को बनाये रखने के उद्देश्य से जिलाधिकारी मनुज गोयल की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक हुई. जिसमें डीएम ने परियोजना प्रबन्धक स्वजल, अधिशासी अभियंता आरईएस एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुपस्थित होने पर स्पष्टीकरण के निर्देश दिए.

जिलाधिकारी मनुज गोयल ने कहा कि वर्तमान में जनपद में छह एसटीपी कार्यरत हैं. एसटीपी में कार्यरत कार्मिकों द्वारा दूषित जल के शुद्धिकरण एवं उपचार के लिए प्रयुक्त क्रियाविधि की जानकारी को प्रेजेंटेशन के माध्यम से देने के दिए गए हैं.

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साथ ही उपजिलाधिकारी, अधिशासी अभियन्ता जल निगम व अधिशासी अधिकारी नगरपालिका को क्रियाशील एसटीपी का एक सप्ताह के भीतर निरीक्षण कर, प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए. स्वजल विभाग द्वारा गंगा से लगे गांव में किए जा रहे ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन के कार्यों यथा-सोख्ता पिट, गोबर गड्ढा, नाली आदि कार्य को एक माह के भीतर पूर्ण करने के निर्देश दिए गए.

खंड विकास अधिकारी, सहायक अभियंता सिंचाई व तकनीकी सहायक, स्वजल की समिति गठित की गई है. जिनका कार्य स्वजल विभाग के कार्यों का थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन करना होगा. समिति द्वारा मौके पर कार्यों की जांच की जाएगी. बैठक में जिलाधिकारी ने अधिशासी अधिकारी नगरपालिका व नगरपंचायत को ट्रंचिंग भूमि के चिन्हीकरण के लिए भौगोलिक सूचना तंत्र की सहायता से भूमि का चिन्हीकरण करने को कहा है, ताकि मानकानुसार भूमि की उपलब्धता का आसानी से पता लगाया जा सके.

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