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डीएम ने तुंगनाथ घाटी का किया निरीक्षण, साहसिक खेलों और पर्यटन बढ़ाने पर जोर

जिलाधिकारी मनुज गोयल ने स्थानीय व्यापारी को हिदायत दी कि है कि बुग्यालों की सुंदरता के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ न की जाए. यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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डीएम ने तुंगनाथ घाटी का किया निरीक्षण
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Published : Feb 21, 2021, 8:16 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी मनुज गोयल ने तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों, सुरम्य मखमली बुग्यालों और प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण पर्यटक स्थलों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने स्थानीय व्यापारियों से साथ सुझाव भी साझा किए. उन्होंने कहा कि विश्व में तुंगनाथ घाटी को धरती के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है और तुंगनाथ घाटी में साहसिक खेलों व पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं. इसलिए यहां पर साहसिक खेलों व पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के सामूहिक प्रयास किए जाएंगे.

जिलाधिकारी मनुज गोयल ने तुंगनाथ घाटी के मक्कूबैंड, पवधार, दुगलविट्टा, बनियाकुंड यात्रा पड़ावों सहित तुंगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालों एवं पर्यटक स्थलों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए स्थानीय व्यापारियों से मिले. इस दौरान उन्होंने स्थानीय व्यापारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि बुग्यालों की सुन्दरता में यदि किसी प्रकार की छेड़खानी हुई तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

पढ़ें- महाकुंभ 2021: बैरागी संतों को अब तक नहीं मिली भूमि, मेला प्रशासन को दी चेतावनी

उन्होंने स्थानीय व्यापारियों से तुंगनाथ घाटी में साहसिक खेलों व पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सुझाव मांगते हुए कहा कि तुंगनाथ घाटी को प्रकृति ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार दिया है. इसलिए तुंगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालों की सुन्दरता विश्व विख्यात है. यदि तुंगनाथ घाटी में जैव विविधता पार्को का निर्माण किया जाता है तो तुंगनाथ घाटी के पर्यटन व्यवसाय में खासा इजाफा हो सकता है. तुंगनाथ घाटी में सैलानियों को यदि सभी सुविधायें मिलेगी तो हर साल यहां पर पर्यटकों की संख्या बढे़गी. जिलाधिकारी मनुज गोयल ने स्थानीय व्यापारियों की मांग पर एसडीएम परमानन्द को निर्देश दिए वे महीने में दो बार निर्धारित शुल्क पर कूड़ा निस्तारण के लिए नगर निकायों के वाहन उपलब्ध कराए.

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हिन्दी गढ़वाली काव्य संग्रह सिंटै फूलिगैं का विमोचन

हिन्दी गढ़वाली काव्य संग्रह सिंटै फूलिगैं का विमोचन

जिलाधिकारी मनुज गोयल ने साहित्यकार जीवन्ती देवी खोयाल की हिन्दी गढ़वाली काव्य संग्रह सिंटै फूलिगैं का विमोचन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि साहित्य सृजन करना बहुत बड़ी चुनौती है. साहित्यकारों का जीवन सघर्षमय होता है, क्योंकि वे हमेशा समाज के लिए संघर्षरत रहते हैं. आने वाले समय में पूरे जनपद के विभिन्न स्थानों पर वाद-विवाद, संगीत व नृत्य की प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेंगी, जिससे यहा के युवक-युवतियां आगे बढ़ सकें.

रुद्रप्रयाग: जिलाधिकारी मनुज गोयल ने तुंगनाथ घाटी के विभिन्न यात्रा पड़ावों, सुरम्य मखमली बुग्यालों और प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण पर्यटक स्थलों का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने स्थानीय व्यापारियों से साथ सुझाव भी साझा किए. उन्होंने कहा कि विश्व में तुंगनाथ घाटी को धरती के स्वर्ग के रूप में जाना जाता है और तुंगनाथ घाटी में साहसिक खेलों व पर्यटन की अपार सम्भावनाएं हैं. इसलिए यहां पर साहसिक खेलों व पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा देने के सामूहिक प्रयास किए जाएंगे.

जिलाधिकारी मनुज गोयल ने तुंगनाथ घाटी के मक्कूबैंड, पवधार, दुगलविट्टा, बनियाकुंड यात्रा पड़ावों सहित तुंगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालों एवं पर्यटक स्थलों का स्थलीय निरीक्षण करते हुए स्थानीय व्यापारियों से मिले. इस दौरान उन्होंने स्थानीय व्यापारियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा कि बुग्यालों की सुन्दरता में यदि किसी प्रकार की छेड़खानी हुई तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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उन्होंने स्थानीय व्यापारियों से तुंगनाथ घाटी में साहसिक खेलों व पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सुझाव मांगते हुए कहा कि तुंगनाथ घाटी को प्रकृति ने अपने वैभवों का भरपूर दुलार दिया है. इसलिए तुंगनाथ घाटी के सुरम्य मखमली बुग्यालों की सुन्दरता विश्व विख्यात है. यदि तुंगनाथ घाटी में जैव विविधता पार्को का निर्माण किया जाता है तो तुंगनाथ घाटी के पर्यटन व्यवसाय में खासा इजाफा हो सकता है. तुंगनाथ घाटी में सैलानियों को यदि सभी सुविधायें मिलेगी तो हर साल यहां पर पर्यटकों की संख्या बढे़गी. जिलाधिकारी मनुज गोयल ने स्थानीय व्यापारियों की मांग पर एसडीएम परमानन्द को निर्देश दिए वे महीने में दो बार निर्धारित शुल्क पर कूड़ा निस्तारण के लिए नगर निकायों के वाहन उपलब्ध कराए.

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हिन्दी गढ़वाली काव्य संग्रह सिंटै फूलिगैं का विमोचन

हिन्दी गढ़वाली काव्य संग्रह सिंटै फूलिगैं का विमोचन

जिलाधिकारी मनुज गोयल ने साहित्यकार जीवन्ती देवी खोयाल की हिन्दी गढ़वाली काव्य संग्रह सिंटै फूलिगैं का विमोचन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि साहित्य सृजन करना बहुत बड़ी चुनौती है. साहित्यकारों का जीवन सघर्षमय होता है, क्योंकि वे हमेशा समाज के लिए संघर्षरत रहते हैं. आने वाले समय में पूरे जनपद के विभिन्न स्थानों पर वाद-विवाद, संगीत व नृत्य की प्रतियोगिताएं आयोजित की जायेंगी, जिससे यहा के युवक-युवतियां आगे बढ़ सकें.

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