रुद्रप्रयागः 'एक वृक्ष सौ पुत्रों के समान' कहावत तो आपने सुनी ही होगी, मगर जिले में फलदार और जड़ीबूटी के वृक्षों के साथ ही चीड़ के जंगलों पर आरी लगाकर साफ कर दिया गया और प्रशासन को इसकी भनक तक नहीं लगी. ठेकेदार ने बिना भूमि हस्तान्तरण के सैकड़ों पेड़ों को कटवा दिया.
मामला प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत रुद्रप्रयाग जिले के सनबैण्ड-बज्यूण मोटरमार्ग का है, जिसकी भूमि हस्तान्तरण होने से पहले ही ठेकेदार ने पांच किमी सड़क काटने के साथ ही पेड़ों का कटान और चिरान भी करवा दिया.
वहीं, जब महकमे की नींद टूटी तो डीएफओ की ओर से ठेकेदार और पेड़ों की कटाई करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर मुकदमा तो दर्ज किया गया है. लेकिन बिना भूमि हस्तान्तरण के छह माह से ठेकेदार सड़क कटिंग का कार्य और पेड़ों की कटिंग करने में लगा था तो विभाग कहां सोया हुआ था.
साथ ही सनबैण्ड-बज्यूण 20 किमी मोटरमार्ग पर अवैध तरीके से पेड़ों का कटान किया गया है, जबकि सड़क कटिंग के मलबे को जंगलों में डालकर पेड़ों को नष्ट किया जा रहा है. मार्ग निर्माण में कोई डंपिंग जोन भी नहीं बनाया गया है. जिससे जंगलों को काफी नुकसान पहुंच रहा है.
सोचने वाली बात यह है कि पीएमजीएसवाई विभाग और वन महकमे को इसकी कोई जानकारी नहीं थी. वन पंचायत सरपंच दशरथ सिंह बुटोला का कहना है कि नियमों को ताक पर रखकर करोड़ों की लागत से बनने वाले इस मोटरमार्ग की वन एवं नाप भूमि हस्तान्तरण होने से पहले ही ठेकेदार ने सड़क कटिंग का कार्य कर दिया.
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बुटोला ने कहा कि ग्रामीणों की नाप भूमि का भी आज तक मुआवजा नहीं दिया गया है. जबकि, बिना भूमि हस्तान्तरण के ठेकेदार सड़क निर्माण करने में लगा है. सरकार को करोड़ों के राजस्व का चूना लगाया जा रहा है. चीड़ के जंगलों का कटान और चिरान कर वन तस्करी की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर ठेकेदार के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीणों को साथ लेकर आंदोलन किया जायेगा.
वहीं, इस मामले में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि पीएमजीएसवाई के तहत स्वीकृत सनबैण्ड-बज्यूंण मोटरमार्ग पर अवैध कटान की शिकायत मिलने पर डीएफओ वैभव कुमार ने टीम के साथ निरीक्षण किया है. निरीक्षण में पता चला है कि बिना भूमि हस्तांतरण के ठेकेदार ने सड़क काट दी है और पेड़ों का कटान भी किया है. ऐसे में ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है और कार्य को भी रोक दिया गया है.