रुद्रप्रयाग: गुरुवार को उत्तराखंड शासन ने कई IAS और PCS अधिकारियों के तबादलों का आदेश जारी किया. जिसमें रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल को टिहरी स्थानान्तरित कर दिया है. मंगेश घिल्डियाल के स्थानान्तरण से रुद्रप्रयाग की जनता में आक्रोश बना हुआ है. विभिन्न सामाजिक संगठनों के साथ ही जनप्रतिनिधियों ने डीएम के स्थानान्तरण को दुखद बताया है.
जिले के जनप्रतिनिधियों का कहना है कि कोरोना काल के बीच में इस तरह से एक जिम्मेदार अधिकारी के तबादले से जिले पर गहरा असर पड़ेगा. उन्होंने कहा जिलाधिकारी ने कोरोना महामारी से बचाने की जो पहल की है, उसकी चेन टूट जायेगी. जनता ने डीएम घिल्डियाल के तबादले को तत्काल रोकने की मांग की है.
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जनता का कहना है कि नव नियुक्त जिलाधिकारी सुश्री वंदना को जिले की भौगोलिक स्थिति का कोई ज्ञान नहीं है. कोरोना महामारी के दौरान उनका स्थानान्तरण यहां होने से संक्रमण फैलने की पूरी संभावना बन जायेगी. जखोली ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल, रुद्रप्रयाग व्यापार संघ अध्यक्ष चन्द्रमोहन सेमवाल और गौरीकुण्ड व्यापार संघ अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी ने कहा शासन को इस कठिन दौर में अधिकारियों का तबादला नहीं करना चाहिए.
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आक्रोशित जनता का कहना है एक ओर प्रदेश में लगातार कोरोना के आंकड़े बढ़ रहे हैं सरकार इस पर चिंता करने की बजाय अधिकारियों के तबादलों में लगी है. सभी लोगों का कहना था कि जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल और उनकी टीम ने अब तक जिले को कोरोना महामारी से मुक्त रखा, मगर अब उन्हें लगता नहीं कि आगे भी ये स्थिति बनी रहेगी.
तबादला रोकने के लिए उठने लगी आवाज
तबादलों के आदेश जारी होते ही रुद्रप्रयाग में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के ट्रांसफर को रोकने के लिए आवाज उठने लगी है. जन अधिकार मंच ने छह महीने तक जिलाधिकारी का ट्रांसफर रोकने की मांग की है. मंच ने कहा कि पूरे प्रदेश में रुद्रप्रयाग जनपद कोरोना मुक्त है. जिसका श्रेय जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की प्रशासनिक कार्य कुशलता को जाता है.जिसे देखते हुए सरकार को उनके ट्रांसफर को रोकना चाहिए.
बता दें बीते तीन सालों में रुद्रप्रयाग जिले ने जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल के नेतृत्व में विकास के कई आयाम छुए हैं. जिलाधिकारी की कुशल प्रशासनिक क्षमता का लाभ जनपदवासियों को मिला है. जिलाधिकारी को पिछले साल मुख्यमन्त्री उत्कृष्टता एवं सुशासन पुरस्कार मिला. जिसके बाद उन्हें भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय द्वारा ई-गवर्नेन्स में उत्कृष्ट कार्यों के लिये हिमालयी राज्यों में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित करने हेतु चुना गया.