रुद्रप्रयाग: विकासखंड जखोली की ग्राम पंचायत देवल के ग्रामीणों ने एक नई मिसाल कायम की है. बंद हो चुके गांव के प्राथमिक विद्यालय में ग्रामीणों ने अपने बच्चों को भेजने का सराहनीय निर्णय लिया है. ग्रामीण अपने बच्चों को निजी विद्यालयों में भेजने के बजाय बंद हो चुके प्राथमिक विद्यालय में भेजेंगे. इस संबंध में ग्राम पंचायत देवल के ग्रामीणों की आपस में वार्ता हो गई है. इस संबंध में ग्रामीणों ने विभाग को अवगत कराकर अध्यापक की व्यवस्था करने के लिये कहा है.
दरअसल, ग्राम पंचायत देवल के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालय खरियाल न्यून छात्र संख्या होने के कारण विगत दो-तीन वर्ष बंद हो गया था और विद्यालय में ताले लटक गये थे. यहां तैनात अध्यापिका भी विभाग की ओर से दूसरे विद्यालय भेज दी गई थी. ऐसे में ग्रामीणों ने आपस में वार्ता करके गांव के नौनिहालों को फिर से विद्यालय में भेजने का निर्णय लिया है.
ग्रामीणों का कहना है कि गांव में 10 से अधिक बच्चे अभी प्राथमिक स्तर पर शिक्षा ग्रहण करने योग्य हैं, लेकिन पूर्व में विद्यालय बंद होने के कारण वह बच्चों को प्राइवेट विद्यालय भेज रहे थे, लेकिन अब ग्रामीणों की आपसी सहमति के बाद दोबारा से विद्यालय खोलने की दिशा में पहल की गई है. सभी ग्रामीण इस पहल का स्वागत कर रहे हैं.
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कुछ दिन पूर्व शिक्षा विभाग के अधिकारी भी विद्यालय में पहुंचे थे और उन्होंने अभिभावकों से वार्ता की थी. विभाग के अधिकारियों के सामने भी अभिभावकों ने सहमति जताई थी. कोरोना के चलते फिलहाल विद्यालय बंद है. विद्यालय खुलने पर सभी अभिभाव अपने बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिये प्राथमिक विद्यालय भेजेंगे.
विद्यालय के लिए विभाग से की जा रही वार्ता
ग्राम पंचायत देवल की सामाजिक कार्यकर्ता ममता देवी सकलानी का कहना है कि गांव के 10 से अधिक बच्चे विद्यालय में पढ़ने को तैयार हैं. विभाग से लगातार वार्ता की जा रही है. विभाग को विद्यालय खुलने पर विद्यालय में अध्यापक तैनात करने को कहा गया है. उन्होंने कहा कि अभी जूनियर हाईस्कूल बंद है. जूनियर हाईस्कूल खोलने के भी लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.
विद्यालय खुलने से ग्रामीण खुश
ग्रामीण नरेश उनियाल ने कहा कि सभी बच्चों के अभिभावकों से वार्ता करने के बाद ही विद्यालय खोलने का निर्णय ग्रामीणों की ओर से लिया गया है. विद्यालय खोलने के लिये सभी ग्रामीण तैयार हैं. विद्यालय खुलने पर सभी बच्चों को राजकीय प्राथमिक विद्यालय में भेजा जायेगा.