रुद्रप्रयाग: देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन जारी है. पिछले दो माह से तीर्थ पुरोहित बारिश और धूप में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. वे देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग पर अड़े हुए हैं. तीर्थ पुरोहितों का सरकार के विरोध में भाजपा की प्राथमिकता सदस्यता से इस्तीफे का सिलसिला भी जारी है. पुरोहितों ने यहां तक कह दिया कि अगर सरकार देवस्थानम बोर्ड को भंग नहीं करती है तो विधानसभा चुनाव बहिष्कार किया जाएगा. सरकार को जड़ से उखाड़ फेंका जायेगा, साथ ही तीर्थ पुरोहितों ने भगवान केदारनाथ से दोबारा सरकार के सत्ता में न आने का अनुरोध के साथ ही श्राप भी दिया.
बता दें देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर तीर्थ पुरोहित दो वर्षाे से केदारनाथ धाम सहित केदारघाटी के विभिन्न इलाकों में धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी एक ही मांग है कि सरकार किसी भी तरह देवस्थानम बोर्ड को भंग करे.
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विपक्षी पार्टियों को बैठे-बिठाए सरकार के खिलाफ मुद्दा मिल गया है. जिसे वे भुनाने में लगे हुए हैं. अब कांग्रेस देवस्थानम बोर्ड के विरोध में हस्ताक्षर अभियान चलाने जा रही है. साथ ही केदारनाथ से एक प्रदर्शन रैली निकालकर सरकार का विरोध करेगी. वहीं, केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों का आंदोलन दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. तीर्थ पुरोहितों का आक्रोश भी सातवें आसमान पर पहुंच गया है. उन्होंने देवस्थानम बोर्ड भंग न होने पर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है. साथ ही भगवान केदारनाथ से दोबारा सरकार के सत्ता में न आने का श्राप भी दिया.
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तीर्थ पुरोहित विष्णुदत्त शुक्ला ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की मांग को लेकर दो सालों से आंदोलन चल रहा है. तत्कालीन त्रिवेन्द्र सरकार ने इस बोर्ड का गठन कर तीर्थ पुरोहितों के हक-हकूकों को छीनने का प्रयास किया है. इस बोर्ड को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. सरकार के खिलाफ पुरोहितों का आंदोलन उग्र होने वाले है.