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चारधाम यात्रा से रोक हटने पर केदारघाटी में खुशी की लहर, 80% लोगों का जुड़ा है रोजगार

केदारघाटी के 80 प्रतिशत लोगों का रोजगार यात्रा से जुड़ा है. ऐसे में चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटने के बाद तीर्थ पुरोहित, व्यापारी और मजदूरों में खुशी की लहर है. उन्हें उम्मीद है कि अब उनकी आर्थिकी पटरी पर लौटेगी.

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चारधाम यात्रा
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Published : Sep 16, 2021, 8:02 PM IST

Updated : Sep 16, 2021, 8:12 PM IST

रुद्रप्रयागः आखिरकार लंबे समय बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगाई रोक हटा दी है. यात्रा पर रोक हटाए जाने से तीर्थ पुरोहित समाज के साथ ही व्यापारियों और मजदूरों में खुशी की लहर है. केदारनाथ यात्रा से केदारघाटी के 80 प्रतिशत लोगों का रोजगार जुड़ा है. उनका कहना है कि यात्रा पर रोक हटने से उन्हें रोजगार मिलेगा. जिससे वे अपने परिवार का लालन-पालन कर सकेंगे. दो साल से कोरोना महामारी के चलते तीर्थाटन व्यवसाय चौपट हो गया है.

दरअसल, कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी, स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी एवं अन्य अव्यवस्थाओं से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 28 जून को चारधाम यात्रा पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी थी. इस आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी. हाल ही में महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर एवं सीएससी चंद्रशेखर रावत ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से मौखिक रूप से यात्रा पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया था.

चारधाम यात्रा से रोक हटने पर केदारघाटी में खुशी की लहर.

ये भी पढ़ेंः नैनीताल हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा से रोक हटाई, कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूरी

सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी विचाराधीन होने का हवाला देते हुए कोर्ट ने विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली थी. बीते दिनों हाईकोर्ट को सरकार ने इस बारे में जानकारी दी तो कोर्ट ने 16 सितंबर की तिथि नियत की थी. आज नैनीताल हाईकोर्ट ने सशर्त चारधाम यात्रा पर रोक हटा दी है. श्रद्धालुओं और पर्यटकों को चारधाम में शामिल होने के लिए कोविड निगिटिव रिपोर्ट और वैक्सीन की दोनों डोज अनिवार्य किया है.

बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में प्रसिद्ध केदारनाथ, तृतीय केदार तुंगनाथ और द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम की यात्रा पर हजारों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है. हाईकोर्ट की शर्त के मुताबिक केदारनाथ यात्रा पर 800 के करीब तीर्थयात्री हर दिन आ सकेंगे. यात्रा में स्वास्थ्य, पेयजल समेत अन्य व्यवस्थाओं को चाक चौबंद किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर यमुनोत्री कूच, पुरोहितों को गोपालमणि का समर्थन

नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से रोक हटाए जाने के बाद जहां एक ओर प्रदेश सरकार ने राहत की सांस ली है. वहीं केदारघाटी के होटल, ढाबा व्यापारियों के साथ ही डंडी-कंडी, घोड़ा-खच्चर मजदूरों में खुशी की लहर है. उन्होंने हाईकोर्ट का आभार जताया और कहा कि चारधाम यात्रा पर रोक हटाए जाने से व्यापारियों और मजदूरों को राहत मिली है. यात्रा बंद होने से लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था.

तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी और व्यापारी राकेश मोहन ने कहा कि हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक हटा दी है. ऐसे में केदारघाटी के लोगों में खुशी देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा से केदारघाटी के 80 प्रतिशत लोग जुड़े हुए हैं और यात्रा बंद होने से लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था. अब यात्रा पर रोक हटने से लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाए.

रुद्रप्रयागः आखिरकार लंबे समय बाद नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगाई रोक हटा दी है. यात्रा पर रोक हटाए जाने से तीर्थ पुरोहित समाज के साथ ही व्यापारियों और मजदूरों में खुशी की लहर है. केदारनाथ यात्रा से केदारघाटी के 80 प्रतिशत लोगों का रोजगार जुड़ा है. उनका कहना है कि यात्रा पर रोक हटने से उन्हें रोजगार मिलेगा. जिससे वे अपने परिवार का लालन-पालन कर सकेंगे. दो साल से कोरोना महामारी के चलते तीर्थाटन व्यवसाय चौपट हो गया है.

दरअसल, कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी, स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी एवं अन्य अव्यवस्थाओं से संबंधित जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 28 जून को चारधाम यात्रा पर अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी थी. इस आदेश के खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की थी. जिस पर सुनवाई नहीं हो सकी थी. हाल ही में महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर एवं सीएससी चंद्रशेखर रावत ने मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान की अध्यक्षता वाली खंडपीठ से मौखिक रूप से यात्रा पर लगी रोक हटाने का आग्रह किया था.

चारधाम यात्रा से रोक हटने पर केदारघाटी में खुशी की लहर.

ये भी पढ़ेंः नैनीताल हाई कोर्ट ने चारधाम यात्रा से रोक हटाई, कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूरी

सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी विचाराधीन होने का हवाला देते हुए कोर्ट ने विचार करने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस ले ली थी. बीते दिनों हाईकोर्ट को सरकार ने इस बारे में जानकारी दी तो कोर्ट ने 16 सितंबर की तिथि नियत की थी. आज नैनीताल हाईकोर्ट ने सशर्त चारधाम यात्रा पर रोक हटा दी है. श्रद्धालुओं और पर्यटकों को चारधाम में शामिल होने के लिए कोविड निगिटिव रिपोर्ट और वैक्सीन की दोनों डोज अनिवार्य किया है.

बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले में प्रसिद्ध केदारनाथ, तृतीय केदार तुंगनाथ और द्वितीय केदार मदमहेश्वर धाम की यात्रा पर हजारों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है. हाईकोर्ट की शर्त के मुताबिक केदारनाथ यात्रा पर 800 के करीब तीर्थयात्री हर दिन आ सकेंगे. यात्रा में स्वास्थ्य, पेयजल समेत अन्य व्यवस्थाओं को चाक चौबंद किया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः चारधाम यात्रा शुरू करने की मांग को लेकर यमुनोत्री कूच, पुरोहितों को गोपालमणि का समर्थन

नैनीताल हाईकोर्ट की ओर से रोक हटाए जाने के बाद जहां एक ओर प्रदेश सरकार ने राहत की सांस ली है. वहीं केदारघाटी के होटल, ढाबा व्यापारियों के साथ ही डंडी-कंडी, घोड़ा-खच्चर मजदूरों में खुशी की लहर है. उन्होंने हाईकोर्ट का आभार जताया और कहा कि चारधाम यात्रा पर रोक हटाए जाने से व्यापारियों और मजदूरों को राहत मिली है. यात्रा बंद होने से लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था.

तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी और व्यापारी राकेश मोहन ने कहा कि हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर रोक हटा दी है. ऐसे में केदारघाटी के लोगों में खुशी देखी जा रही है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ यात्रा से केदारघाटी के 80 प्रतिशत लोग जुड़े हुए हैं और यात्रा बंद होने से लोगों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया था. अब यात्रा पर रोक हटने से लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने सरकार से मांग की है कि यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाए.

Last Updated : Sep 16, 2021, 8:12 PM IST
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