रुद्रप्रयाग: साइकिल से अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी को फतह करके नया विश्व रिकॉर्ड बनाकर पूरी दुनिया में भारत का डंका बजाने वाली रुद्रप्रयाग की बेटी प्रीति नेगी रुद्रप्रयाग पहुंचीं. उनके गृह जनपद पहुंचने (Preeti Negi reached in Rudraprayag) पर आर्मी जवान, सैनिक कल्याण विभाग, व्यापारी एवं स्थानीय लोगों ने जोरदार स्वागत किया.
बता दें कि रुद्रप्रयाग जिले की तेवड़ी चंद्र नगर की रहने वाली प्रीति नेगी ने अफ्रीका महाद्वीप की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो को साइकिल से 3 दिन में फतह कर तिरंगा फहराया और असंभव काम को संभव बनाया. जिससे रुद्रप्रयाग और उत्तराखंड ही नहीं, बल्कि देश का नाम पूरी दुनिया में रोशन हुआ.
दरअसल, 18 दिसंबर की सुबह 6 बजे प्रीति नेगी ने साउथ अफ्रीका के तंजानिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर भारत का तिरंगा लहराते हुए एक नया विश्व रिकॉर्ड कायम (Preeti Negi conquered Mount Kilimanjaro) किया. जबकि, इससे पूर्व पाकिस्तान की समर खान ने 4 दिन में यह समिट पूरा किया था. प्रीति ने वो रिकॉर्ड ब्रेक करके 3 दिन में ही समिट पूरा करके नया विश्व रिकॉर्ड भारत के नाम किया.
प्रीति के गृह जनपद पहुंचने की खबर सुनते ही लोग जगह-जगह स्वागत में खड़े रहे. मुख्य बाजार रुद्रप्रयाग में नगर व्यापार मंडल के अध्यक्ष चंद्र मोहन सेमवाल के नेतृत्व में स्थानीय लोगों व व्यापारियों ने प्रीति और उनकी माता भागीरथी देवी का जोरदार स्वागत किया.
व्यापारियों ने चित्र स्वरूप में केदारनाथ भगवान के प्रतीक चिन्ह के साथ शॉल ओढ़ाकर खुशी जताई. प्रीति ने स्थानीय लोगों एवं व्यापारियों से मिले प्यार और सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि उन्हें घर पहुंचने पर काफी खुशी हो रही है.
उन्होंने बताया कि वे एक शहीद की बेटी हैं, जिसने पाकिस्तान की समर खान को हराकर भारत देश का गौरव बढ़ाया है. उन्होंने सरकार से समय-समय पर सहयोग की अपेक्षा जताई. साथ ही महिलाओं को संदेश दिया कि महिलाएं अपने जज्बे और जुनून को निखारें और दुनिया के साथ आगे बढ़ें.
ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड की प्रीति नेगी ने 3 दिन में फतह किया माउंट किलिमंजारो, तोड़ा पाकिस्तान का रिकॉर्ड
जम्मू कश्मीर में शहीद हुए थे प्रीति के पिताः प्रीति नेगी के पिता राजपाल सिंह साल 2002 में आतंकियों से लोहा लेते हुए जम्मू कश्मीर में शहीद हो गए थे. इस घटना ने परिवार को पूरी तरह से झकझोर दिया, जिसके बाद प्रीति ने कभी खुद को कमजोर नहीं होने दिया.
मां भागीरथी देवी भी लगातार बेटी की हौसला अफजाई करती रही. प्रीति कुछ बेहतर कर नाम रोशन करना चाहती थी. इसलिए बचपन से ही खेलकूद के साथ, बाइकिंग, माउंटेन और साइकिलिंग में खुद को निखारने लगी. अगस्त्य मुनि से शिक्षा प्राप्ति के दौरान 2015 में बॉक्सिंग स्टेट खेल चुकी प्रीति ने साल 2016 में पर्वतारोहण में बेसिक कोर्स किया. जिसके बाद से वो कई चोटियों का आरोपहण कर चुकी हैं.
साल 2017 में यूथ फाउंडेशन में बतौर इंस्ट्रक्टर बनकर लड़कियों को प्रशिक्षित किया. इसके बाद साल 2018 में पर्वतारोहण (ए ग्रेड) का एक उन्नत कोर्स कर डीकेडी से 5,670 मीटर तक की चढ़ाई भी की. साल 2019 में स्की कोर्स किया. जिसमें उन्हें दूसरा स्थान मिला और ए ग्रेड प्राप्त किया. इस साल यानी 2022 में पर्वतारोहण में बचाव पाठ्यक्रम करने के बाद से लगातार विभिन्न इंवेटों के जरिए अपने को स्थापित करने में जुटी.
शहीद पिता को यह रिकॉर्ड किया समर्पितः प्रीति नेगी ने इस रिकॉर्ड को शहीद पर्वतारोही सविता कंसवाल (Mountaineer Savita Kanswal), नौमी रावत और भारतीय सेना के जांबाज सिपाही अपने शहीद पिता राजपाल सिंह को श्रद्धांजलि स्वरूप समर्पित किया है. किलिमंजारो, अपने तीन ज्वालामुखीय शंकु, किबो, मवेन्जी और शिरा के साथ पूर्वोत्तर तंजानिया में एक निष्क्रिय स्ट्रैटोज्वालामुखी है. अफ्रीका का उच्चतम पर्वत है. इसकी ऊंचाई समुद्र तल से 5,895 मीटर या 19,341 फीट है.
किलिमंजारो पर्वत दुनिया का सबसे ऊंचा मुक्त खड़ा पर्वत है. साथ ही विश्व का चौथा सबसे उभरा पर्वत है. जो आधार से 5,882 मीटर या 19,298 फीट ऊंचा है. इससे पूर्व प्रीति रिस्पेक्ट टू गॉड इवेंट के जरिए 4 दिन में हरिद्वार से केदारनाथ तक की यात्रा साइकिल से कर रिकॉर्ड बना चुकी हैं. इस तरह हरिद्वार से केदारनाथ पहुंचने वाली प्रीति पहाड़ की पहली बेटी हैं.