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चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को परोसे जाएंगे पहाड़ी व्यंजन, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

अब स्थानीय फूलों से बनी मालाओं को भगवान केदारनाथ को चढ़ाया जायेगा. इसके साथ ही पहाड़ी व्यंजनों के स्वाद को भी रोजगार के अवसरों से जोड़ा जा रहा है. जिससे यहां आने वाले यात्री पहाड़ी उत्पादों का आनंद ले सकेंगे.

बाबा केदारनाथ.
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Published : Apr 21, 2019, 3:46 PM IST

रुद्रप्रयाग: देश विदेश से चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इस बार प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं. प्रशासन इस बार केदारनाथ यात्रा के पड़ावों में श्रद्धालुओं को शुद्ध पहाड़ी व्यंजन परोसेगा. जिसके लिए तैयारियां की जा रही हैं. आचार संहिता के चलते इसके लिए अभी दुकानों का आवंटन नहीं किया गया है.जल्द ही स्वयं सहायता समूहों को केदारनाथ पैदल मार्ग पर दुकानें आवंटित की जाएंगी. जिनमें स्थानीय उत्पादों से बने व्यंजनों को परोसा जायेगा.

द्धालुओं को परोसे जांएगे पहाड़ी व्यंजन.

गौरतलब है कि प्रशासन लगातार केदारनाथ धाम में रोजगार के संसाधनों को तलाशने के प्रयोगों में जुटा हुआ है. जिसके लिए स्थानीय उत्पादों, प्राकृतिक फूलों और अन्य के जरिये लोगों को रोजगार के देने के अवसर तलाशे जा रहे हैं. वहीं अब स्थानीय फूलों से बनी मालाओं को भगवान केदारनाथ को चढ़ाया जायेगा. इसके साथ ही पहाड़ी व्यंजनों के स्वाद को भी रोजगार के अवसरों से जोड़ा जा रहा है. जिससे यहां आने वाले यात्री पहाड़ी उत्पादों का आनंद ले सकेंगे.

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की पहल पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार देने के मकसद से गौरीकुंड से केदारधाम तक दस दुकानों को स्वयं सहायता समूहों को दिया जा रहा है. ऐसे में जहां स्थानीय स्तर पर रोजगार के मार्ग सशक्त होंगे, वहीं देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु भी पहाड़ की संस्कृति से रूबरू होंगे. साथ ही काश्तकारों की आर्थिकी भी मजबूत होगी.

रुद्रप्रयाग: देश विदेश से चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए इस बार प्रशासन ने विशेष व्यवस्थाएं की हैं. प्रशासन इस बार केदारनाथ यात्रा के पड़ावों में श्रद्धालुओं को शुद्ध पहाड़ी व्यंजन परोसेगा. जिसके लिए तैयारियां की जा रही हैं. आचार संहिता के चलते इसके लिए अभी दुकानों का आवंटन नहीं किया गया है.जल्द ही स्वयं सहायता समूहों को केदारनाथ पैदल मार्ग पर दुकानें आवंटित की जाएंगी. जिनमें स्थानीय उत्पादों से बने व्यंजनों को परोसा जायेगा.

द्धालुओं को परोसे जांएगे पहाड़ी व्यंजन.

गौरतलब है कि प्रशासन लगातार केदारनाथ धाम में रोजगार के संसाधनों को तलाशने के प्रयोगों में जुटा हुआ है. जिसके लिए स्थानीय उत्पादों, प्राकृतिक फूलों और अन्य के जरिये लोगों को रोजगार के देने के अवसर तलाशे जा रहे हैं. वहीं अब स्थानीय फूलों से बनी मालाओं को भगवान केदारनाथ को चढ़ाया जायेगा. इसके साथ ही पहाड़ी व्यंजनों के स्वाद को भी रोजगार के अवसरों से जोड़ा जा रहा है. जिससे यहां आने वाले यात्री पहाड़ी उत्पादों का आनंद ले सकेंगे.

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की पहल पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार देने के मकसद से गौरीकुंड से केदारधाम तक दस दुकानों को स्वयं सहायता समूहों को दिया जा रहा है. ऐसे में जहां स्थानीय स्तर पर रोजगार के मार्ग सशक्त होंगे, वहीं देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालु भी पहाड़ की संस्कृति से रूबरू होंगे. साथ ही काश्तकारों की आर्थिकी भी मजबूत होगी.


कुछ अलग - 
पहाड़ी संस्कृति से रूबरू होंगे देश-विदेश के श्रद्धालु 
केदारधाम यात्रा मार्ग पर मिलेंगे पहाड़ी पकवान 
दस स्वयं सहायता समूहों को आवंटित होंगी दुकाने 
रोजगार के साथ काश्तकारों की आर्थिकी होगी मजबूत 
उत्तराखण्ड डेस्क
स्लग - पहाड़ी पकवान
रिपोर्ट - रोहित डिमरी/21 अप्रैल 2019/रुद्रप्रयाग/एवीबी
एंकर -देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार केदारनाथ यात्रा पड़ावों के साथ ही धाम में शुद्ध पहाड़ी व्यंजन परोसा जायेगा। इसके लिए प्रशासन स्तर पर तैयारियां की जा रही है। आचार संहित होने के चलते अभी दुकानों का आवंटन नहीं हो सका है, लेकिन जल्द ही परमीशन मिलने के बाद दस स्वयं सहायता समूहों को केदारनाथ पैदल मार्ग पर दुकानें आवंटित की जायेंगी, जिसके बाद यहां पर स्थानीय उत्पादों से बने व्यंजनों को परोसा जायेगा।
वीओ -1- इस वर्ष केदारनाथ धाम में रोजगार के संसाधनों को तलाशते हुए नया प्रयोग किया गया हैं, जहां प्लास्टिक पर बैन लगाते हुए स्थानीय प्राकृतिक फूलों की मालाओं को भगवान केदारनाथ को चढ़ाया जायेगा, वहीं पहाड़ी व्यंजनों का स्वाद भी तीर्थयात्री चख सकेंगे। ऐसे में उनकी यात्रा भी सफल सिद्ध होगी। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की पहल पर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही स्थानीय लोगों को रोजगार देने के मकसद से गौरीकुंड से केदारधाम तक दस दुकानों को स्वयं सहायता समूहों को दिया जा रहा है। इन दुकानों में पहाड़ी व्यंजनों को बेचा जायेगा, साथ ही पहाड़ी पकवान भी श्रद्धालुओं को खाने को मिलेगा। ऐसे में जहां स्थानीय स्तर पर रोजगार के मार्ग सशक्त होंगे, वहीं देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को पहाड़ की संस्कृति से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा। जो लोग खेती के जरिये अपने को ठगा सा महसूस कर रहे थे, उनके उत्पादों को अच्छे दामों पर खरीदकर दुकानों में बेचा जायेगा। ऐसे में स्वयं सहायता समूहों को भी फायदा पहुंचेगा तो काश्तकारों की आर्थिकी भी मजबूत होगी। 
बाइट - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी 


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