रुद्रप्रयाग: जिले में बर्फबारी के पांच दिन बाद भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं. बर्फबारी के कारण पिछले एक सप्ताह से केदारनाथ में संचार और विद्युत सेवा ठप पड़ी हुई है. इसके चलते केदारनाथ धाम में किसी से भी संपर्क नहीं हो पा रहा है. केदारनाथ धाम में आठ फीट तक बर्फ जमी है, जिस कारण धाम में चल रहे सभी पुनर्निर्माण कार्य ठप पड़े हुए हैं. साथ ही वहां पर मौजूद अधिकांश मजदूर नीचे लौट आए हैं. वहीं, पर्यटक स्थल चोपता में बर्फबारी का आनंद लेने के पर्यटक भारी संख्या में पहुंच रहे हैं.
पिछले सप्ताह केदारनाथ धाम सहित जिले के उच्च क्षेत्रों में जमकर बारिश और बर्फबारी हो रही है. इस कारण इन दिनों भीषण ठंड का प्रकोप जारी है. बर्फबारी के बाद सबसे बुरा हाल केदारनाथ धाम का हुआ है. गौरीकुंड से ऊपर केदारनाथ धाम तक बर्फ ही बर्फ है. केदारनाथ जाने वाला 18 किमी पैदल मार्ग भी बर्फ से ढक गया है. इसके साथ गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक विद्युत लाइन जगह-जगह क्षतिग्रस्त हो गई हैं. पेयजल लाइनों को भी काफी क्षति पहुंची है. जबकि, एक सप्ताह से केदारनाथ धाम में संचार सेवा भी ठप है. अत्यधिक बर्फबारी के बाद ठंड बढ़ने के कारण केदारनाथ धाम से कई मजदूर नीचे लौट आए हैं. शीतकाल के दौरान धाम में चलने वाले सभी पुनर्निर्माण कार्य भी ठप पड़े हुए हैं. कनेक्टविटी न होने के कारण केदारनाथ धाम में किसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है.
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केदारनाथ धाम के अलावा जिले के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल और मिनी स्वीटजरलैण्ड के नाम से प्रसिद्ध चोपता में जमकर हिमपात हुआ है. चोपता से आगे गोपेश्वर के लिए अभी भी मोटरमार्ग बंद है. पर्यटक भारी संख्या में बर्फबारी का आनंद लेने के लिये पहुंच रहे हैं. जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि बर्फबारी के कारण जिले के 20 गांवों में पेयजल और विद्युत व्यवस्था ठप पड़ गई थी. हालांकि, अब ये व्यवस्थाएं सुचारू कर दी गई हैं. इसके अलावा समस्त अधिकारियों को मौसम को देखते हुए पहले से ही अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए हैं. गांवों में जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है.
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि केदारनाथ धाम में बर्फबारी होने के कारण धाम में विद्युत लाइन क्षतिग्रस्त हुई है. केदारनाथ धाम में किसी से संपर्क नहीं हो पा रहा है. नगर पंचायत, नगरपालिका और तहसील स्थल पर अलाव की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए गए हैं.