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बारिश के कारण केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह बने गड्ढे, यात्रियों को हो रही परेशानी - जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग

रुद्रप्रयाग में आए दिन हो रही बारिश के कारण केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह पहाड़ी से बेल्डर गिर रहे है. जिस कारण यात्रियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

बारिश के कारण यात्रियों को हो रही परेशानी.
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Published : Sep 13, 2019, 5:00 PM IST

रुद्रप्रयाग: जिला मुख्यालय में आए दिन बारिश हो रही है. जिस कारण केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह पहाड़ी से बोल्डर गिर रहे हैं. अगस्त्यमुनि से सोनप्रयाग तक केदारनाथ हाईवे पर 10 ऐसे स्थान हैं, जहां सड़क पर कीचड़ ही कीचड़ है. कीचड़ इतना ज्यादा है कि बस और ट्रक भी इसमें फंस रहे है और हाईवे पर जाम लग रहा है.

बारिश के कारण यात्रियों को हो रही परेशानी.

बारिश की वजह से केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों के परेशानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रुद्रप्रयाग से गौरीकुण्ड तक तीन घंटे में आसानी से पहुंचा जा सकता है, लेकिन इन दिनों रुद्रप्रयाग से गौरीकुण्ड पहुंचने में छह से आठ घंटे का समय लग रहा है.

पढ़ें: सीमित प्रदूषण जांच केंद्र बने परेशानी का सबब, 7 लाख वाहनों की होनी है जांच

केदारनाथ हाईवे पर डोलिया देवी, शेरसी, रामपुर जैसे डेंजर जोन भले ही इन दिनों सक्रिय न हो. लेकिन ऑल वेदर रोड़ के निर्माण कार्य के चलते अब दर्जनों ऐसे डेंजर जोन उभर आए हैं. जोकि कभी भी बड़ी मुसीबत बन सकती है. हाईवे पर फैले मलबे के कारण छोटे वाहनों को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं, कीचड़ के बड़े वाहनों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

हाईवे पर करोड़ों रुपये की लागत से लगाए गए पुश्ते बरसात में क्षतिग्रस्त हो रहे हैं. ब्यूंग गाड़ में हाईवे पर मौजूद गदेरा उफान पर है. आए दिन हो रही बारिश ने केदारघाटी के सफर को मुश्किल बना दिया है. यात्री डेंजर जोनों पर डर के मारे वाहनों से नीचे उतर रहे हैं और कई स्थानों पर पैदल चल रहे हैं. कई यात्री ऐसे भी हैं जो हाईवे की दयनीय स्थिति को देखकर आधे रास्ते से ही वापिस लौट रहे हैं.

वहीं, इस संबंध में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान रखने को कहा गया है. इसके अलावा नेशनल हाईवे पर डेंजर जोनों का भी शीघ्र ट्रीटमेंट करने के निर्देश दिए गए हैं.

रुद्रप्रयाग: जिला मुख्यालय में आए दिन बारिश हो रही है. जिस कारण केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह पहाड़ी से बोल्डर गिर रहे हैं. अगस्त्यमुनि से सोनप्रयाग तक केदारनाथ हाईवे पर 10 ऐसे स्थान हैं, जहां सड़क पर कीचड़ ही कीचड़ है. कीचड़ इतना ज्यादा है कि बस और ट्रक भी इसमें फंस रहे है और हाईवे पर जाम लग रहा है.

बारिश के कारण यात्रियों को हो रही परेशानी.

बारिश की वजह से केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. जिससे यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यात्रियों के परेशानी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रुद्रप्रयाग से गौरीकुण्ड तक तीन घंटे में आसानी से पहुंचा जा सकता है, लेकिन इन दिनों रुद्रप्रयाग से गौरीकुण्ड पहुंचने में छह से आठ घंटे का समय लग रहा है.

पढ़ें: सीमित प्रदूषण जांच केंद्र बने परेशानी का सबब, 7 लाख वाहनों की होनी है जांच

केदारनाथ हाईवे पर डोलिया देवी, शेरसी, रामपुर जैसे डेंजर जोन भले ही इन दिनों सक्रिय न हो. लेकिन ऑल वेदर रोड़ के निर्माण कार्य के चलते अब दर्जनों ऐसे डेंजर जोन उभर आए हैं. जोकि कभी भी बड़ी मुसीबत बन सकती है. हाईवे पर फैले मलबे के कारण छोटे वाहनों को काफी नुकसान हो रहा है. वहीं, कीचड़ के बड़े वाहनों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

हाईवे पर करोड़ों रुपये की लागत से लगाए गए पुश्ते बरसात में क्षतिग्रस्त हो रहे हैं. ब्यूंग गाड़ में हाईवे पर मौजूद गदेरा उफान पर है. आए दिन हो रही बारिश ने केदारघाटी के सफर को मुश्किल बना दिया है. यात्री डेंजर जोनों पर डर के मारे वाहनों से नीचे उतर रहे हैं और कई स्थानों पर पैदल चल रहे हैं. कई यात्री ऐसे भी हैं जो हाईवे की दयनीय स्थिति को देखकर आधे रास्ते से ही वापिस लौट रहे हैं.

वहीं, इस संबंध में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान रखने को कहा गया है. इसके अलावा नेशनल हाईवे पर डेंजर जोनों का भी शीघ्र ट्रीटमेंट करने के निर्देश दिए गए हैं.

Intro:तीन घंटे के सफर में लग रहे छः घंटे का समय
आॅल वेदर कार्य के कारण केदारनाथ हाईवे के हालत बदतर
जगह-जगह हाईवे पर फैले कीचड़ में रेंग रहे वाहनों के पहिये
छोटे तो क्या बड़े वाहन दलदल को नहीं कर पा रहे पार
छोटे वाहनों के निचले हिस्से हो क्षतिग्रस्त, यात्रियों में बना है सफर करने में डर
रुद्रप्रयाग- - अगर आप केदारनाथ हाईवे पर सफर कर रहे हैं तो जरा संभलकर। आपका यह सफर आपकी जान भी ले सकता है। हाईवे पर जगह-जगह हो रहा भूस्खलन, कीचड़ में फंस रहे वाहन और कटिंग के बाद धंस रही पहाड़ियां कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे सकती है। स्थिति का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है रुद्रप्रयाग से गौरीकुण्ड तक तीन घंटे में आसानी से पहुंचा जा सकता है, लेकिन इन दिनों रुद्रप्रयाग से गौरीकुण्ड पहुंचने में छह से आठ घंटे का समय लग रहा है, जबकि रुद्रप्रयाग से गौरीकुण्ड की दूरी 70 किमी के लगभग है। Body:भले ही रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय में बारिश न हो रही हो, लेकिन आपदा पीड़ित केदारघाटी में आये दिन बारिश हो रही है। इस बारिश का सबसे बुरा असर केदारघाटी की लाइफ-लाइन केदारनाथ हाईवे पर पड़ रहा है। बारिश के कारण जगह-जगह केदारनाथ हाईवे की पहाड़ियां दरक रही हैं। अगस्त्यमुनि से सोनप्रयाग तक केदारनाथ हाईवे पर 10 ऐसे स्थान हैं, जहां हाईवे पर कीचड़ ही कीचड़ है। कार तो क्या, यहां ऊंची-ऊंची बसों के टायर कीचड़ में रेंग रहे हैं। कई स्थानों पर ऊपर से पहाड़ियां दरक रही हैं तो नीचे से उफान पर आई मंदाकिनी नदी बह रही है। कीचड़ इतना अधिक है कि वाहन आर-पार नहीं हो पा रहे हैं।
केदारनाथ हाईवे पर जगह-जगह भूस्खलन के कारण फैला मलबा दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहा है। भले ही हाईवे पर अनेक कंपनियां आॅल वेदर रोड़ का कार्य कर रही हों, लेकिन दुर्घटना का सवब बने इस मलबे को हटाने के लिये कोई तैयार नहीं है। केदारनाथ हाईवे के डेंजर जोन, डोलिया देवी, शेरसी, रामपुर भले ही इन दिनों सक्रिय न हो, लेकिन आॅल वेदर रोड़ के चलते अब दर्जनों ऐसे डेंजर जोन उभर आये हैं, जो कभी भी बड़ी मुसीबत पैदा कर सकते हैं। हाईवे पर सबसे खतरननाक सफल दुपहिया वाहन और कार चालक कर रहे हैं। दुपहिया वाहन चालक जहां कीचड़ में फिसल रहे हैं। वहीं कार चालकों के वाहनों को भारी नुकसान पहुंच रहा है। कीचड़ के बीच हाईवे की उबड़-खाबड़ स्थिति के कारण वाहनों का निचला हिस्सा हाईवे से टकरा रहा है, जिस कारण कई वाहन क्षतिग्रस्त भी हो चुके हैं। कटिंग के बाद दी गई चढ़ाई को बड़े-छोटे वाहन पार नहीं कर पा रहे हैं। जिसके बाद यात्री भी वाहनों को धक्का देते हुये दिखाई दे सकते हैं।
हाईवे पर करोड़ों रूपये की लागत से लगाये गये पुश्ते बरसात में धराशाई हो गये हैं। केदारनाथ हाईवे की फाटा से आगे सबसे बुरी स्थिति बनी हुई है। ब्यूंग गाड़ में हाईवे के बीच में उफान पर आया गदेरा बह रहा है। कुल मिलाकर देखा जाय तो बारिश के बाद आॅल वेदर रोड़ के कार्य ने केदारघाटी के सफर को मुश्किल बना दिया है। यात्री डेंजर जोनों पर डर के मारे वाहनों से नीचे उतर रहे हैं और कई स्थानों पर पैदल चल रहे हैं। कई यात्री ऐसे भी हैं तो हाईवे की दयनीय स्थिति को देखकर आधे रास्ते से वापस लौट रहे हैं। बारिश के बाद कई स्थानों पर पहाड़ियों से पानी फूटकर हाईवे पर बह रहा है।
वहीं इस संबंध में जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि कार्यदायी संस्था को निर्माण कार्य में गुणवत्ता का ध्यान रखने को कहा गया है। इसके अलावा नेशनल हाईवे पर डेंजर जोनों का भी शीघ्र ट्रीटमेंट करने के निर्देश दिये गये हैं।
बाइट - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी Conclusion:
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