रुद्रप्रयाग: गोविंद बल्लभ पंत गढ़वाल क्षेत्रीय केन्द्र के तत्वावधान में पंगरोली में एक दिवसीय परामर्श कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें जैव विविधता, संरक्षण, जलवायु परिवर्तन के साथ ही स्मार्ट गांवों पर विस्तार से चर्चा की गई. साथ ही जैव विविधता से किसानों की आजीविका सुधारने पर भी जोर दिया गया.
जखोली ब्लाॅक के पंगरोली में आयोजित कार्यशाला में संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. एस तरफदार ने विभिन्न जल स्रोतों के रख रखाव एवं उनके सतत विकास के साथ ही संरक्षण की जानकारी दी. साथ ही डॉ. अरुण जुगरान ने क्षेत्र की जैव विविधता को बताते हुए इसके महत्व पर जोर दिया. वहीं, जैव विविधता संरक्षण के लिए विभिन्न उपायों की जानकारी भी दी. जैव विविधता से कैसे किसानों की आजीविका बढ़ाई जा सकती है, तकनीकी विधियों से कैसे क्षेत्र की जैव विविधता का संरक्षण किया जा सकता है, इस पर जोर दिया गया.
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वहीं, वैज्ञानिक डाॅ. एलएस रावत ने जलवायु परिवर्तन के कारण एवं इसके प्रभाव को बताते हुए कहा कि जलवायु परिवर्तन से जंगल, पानी एवं लोगों की आजीविका प्रभावित हो रही है. जलवायु के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है. जैसे कृषि वानिकी, जैविक कृषि एवं सूक्ष्म उद्यमों को अपनाकर लोगों की आय के साथ ही जलवायु का संरक्षण किया जा सकता है. वहीं, डॉ. एसके साहनी ने प्राकृतिक संसाधनों का उचित प्रबंधन कर ग्रामीणों की आजीविका सुधारने पर जोर दिया.