रुद्रप्रयाग: विकासखंड ऊखीमठ के कोरखी ब्यूंगगाड़ में तीन परिवार एनएचएआई की लापरवाही के कारण बेघर हो गये हैं. केदारनाथ हाईवे पर कार्य कर रही निर्माणदायी संस्था आरजीबी के कटिंग कार्य से ग्रामीणों के आवासीय भवन क्षतिग्रस्त हो गये हैं. इस कारण पीड़ित परिवारों के सामने रहने की गंभीर समस्या खड़ी हो गई है. बरसाती सीजन में ग्रामीण किसी तरह से स्कूल भवन में रहने को मजबूर हैं.
दरअसल, केदारनाथ राजमार्ग पर ऑलवेदर रोड का निर्माण कार्य चल रहा है. आरोप है कि मानकों को दरकिनार करते हुए निर्माण कार्य किया जा रहा है. निर्माण कार्य से गुप्तकाशी से फाटा तक राजमार्ग पर कई लैंडस्लाइड जोन उभर आये हैं. इस कारण केदारघाटी की जनता खासी परेशान है.
इसके साथ ही हाईवे पर निर्माण कार्य से पैदल मार्ग, पेयजल लाइन, बिजली पोल एवं स्कूल मार्ग ध्वस्त हो चुके हैं. इन सबका निर्माण कार्य आज तक नहीं हो पाया है. कोरखी गांव के तीन परिवारों के आवासीय भवन ध्वस्त हो जाने के बाद से वे स्कूल भवन में रहने के लिए मजबूर हैं.
पीड़ित हिमांशु का कहना है कि केदारनाथ हाईवे पर आरजीबी कंपनी कार्य कर रही है, लेकिन कंपनी की कार्यप्रणाली सही नहीं है. सड़क कटिंग के दौरान उनका आवासीय भवन भी ध्वस्त हो गया. इसके बाद प्रशासन और संबंधित विभाग से कहा गया, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. दो माह से पीड़ित परिवार कभी स्कूल भवन तो कभी लोगों के यहां रहने के लिए मजबूर हैं. पीड़ितों ने अपना सामान भी जमींदोज मकानों में छोड़ा हुआ है. सबसे ज्यादा समस्या बच्चों के लिए रहने की हो रही है.
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उन्होंने कहा कि राजमार्ग पर कार्य करने से पहले विभाग की ओर से ग्रामीणों को सूचना देनी चाहिए. कहीं पर कटिंग ज्यादा तो कहीं पर कम की जा रही है. ऐसे में पैदल संपर्क मार्ग, पेयजल लाइन, स्कूल भवन, बिजली पोल भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं. निर्माण कर रही कंपनी की कार्यशैली सवालों के घेरे में है. प्रशासन पीड़ित परिवारों की कोई मदद नहीं कर रहा है. दो माह से पीड़ित भटक रहे हैं और प्रशासन ने आज तक कोई सुध नहीं ली है.
मामले में राष्ट्रीय राजमार्ग खंड लोनिवि के अधिशासी अभियंता जितेन्द्र कुमार त्रिपाठी का कहना है कि बरसात में गुप्तकाशी से सीतापुर तक काफी नुकसान हुआ है. यहां भूस्खलन के कारण लोगों के आवासीय भवनों को क्षति पहुंची है. इसका मौका मुआयना किया गया है. ग्रामीणों के विस्थापन और मुआवजे को लेकर भारत सरकार को फाइल भेजी गयी है. ग्रामीणों को फिलहाल राहत के तौर पर स्कूल भवनों में रखा गया है.