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केदारनाथ में बनेगा नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर, दुलर्भ वन्यजीवों और वनस्पति की मिलेगी जानकारी

अभी तक श्रद्धालु धाम आकर बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने के साथ ही प्राचीन गुफाओं से रूबरू हो रहे हैं. मगर अब केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से धाम में नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना कर श्रद्धालुओं को वन्यजीवों और वनस्पतियों की जानकारी दी जायेगी.

Kedarnath Dham
केदारनाथ धाम
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Published : Nov 4, 2020, 7:02 PM IST

रुद्रप्रयाग: सबकुछ योजना के तहत हुआ तो जल्द ही केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को प्रकृति, वन्य जीव और वनस्पतियों की भी जानकारी मिल सकेगी. इसके लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से धाम में नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर (प्रकृति व्याख्या केंद्र) स्थापना करने की योजना बनाई जा रही है. संभवतः अगले वर्ष तक योजना पर काम पूरा हो जायेगा.

इस प्रोजोक्ट के पूरा होने के बाद केदारनाथ में धर्म, आस्था और भक्ति के साथ ही देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को वन्य जीव व वनस्पतियों की भी जानकारी मिल सकेगी. अभी तक श्रद्धालु धाम आकर बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने के साथ ही प्राचीन गुफाओं से भी रूबरू हो सकेंगे. मगर अब केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से धाम में नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना कर श्रद्धालुओं को वन्यजीवों और वनस्पतियों की जानकारी दी जायेगी. धाम आने वाले श्रद्धालुओं को बताया जायेगा कि यहां पर कौन-कौन से जीव-जंतु पाये जाते हैं.

पढ़ें- अल्मोड़ा में जंगल में लगी आग, वन विभाग की टीम ने बमुश्किल पाया काबू

समुद्र तल से 11750 फीट की ऊंचाई पर भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक केदारनाथ धाम में उच्च हिमालय में मिलने वाले दुर्लभ जीवों व वनस्पतियों की स्थली भी है. जहां राज्य पुष्प ब्रह्मकमल, फेन कमल व अन्य दुर्लभ पुष्प पाए जाते हैं तो वहीं वन्यजीवों में हिम तेंदुआ, सफेद भालू, हिमालयन लोमड़ी समेत अन्य दुलर्भ जीव भी प्रवास करते हैं, जो कभी-कभार ही नजर आते हैं.

अब इन वनस्पतियों व जीवों के संरक्षण व आमजन को इनके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से केदारनाथ में नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना की जा रही है. सेंटर को पहाड़ी शैली में निर्मित किया जायेगा, जिसके लिए भूमि का चयन किया जा रहा है.

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि केदारनाथ धाम में नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना की योजना बनाई जा रही है. सेंटर में केदारनाथ क्षेत्र में पाई जाने वाली वनस्पतियों और वन्य जीवों के बारे में जानकारी संग्रहित की जाएगी.

रुद्रप्रयाग: सबकुछ योजना के तहत हुआ तो जल्द ही केदारनाथ धाम में श्रद्धालुओं को प्रकृति, वन्य जीव और वनस्पतियों की भी जानकारी मिल सकेगी. इसके लिए केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से धाम में नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर (प्रकृति व्याख्या केंद्र) स्थापना करने की योजना बनाई जा रही है. संभवतः अगले वर्ष तक योजना पर काम पूरा हो जायेगा.

इस प्रोजोक्ट के पूरा होने के बाद केदारनाथ में धर्म, आस्था और भक्ति के साथ ही देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को वन्य जीव व वनस्पतियों की भी जानकारी मिल सकेगी. अभी तक श्रद्धालु धाम आकर बाबा भोलेनाथ के दर्शन करने के साथ ही प्राचीन गुफाओं से भी रूबरू हो सकेंगे. मगर अब केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग की ओर से धाम में नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना कर श्रद्धालुओं को वन्यजीवों और वनस्पतियों की जानकारी दी जायेगी. धाम आने वाले श्रद्धालुओं को बताया जायेगा कि यहां पर कौन-कौन से जीव-जंतु पाये जाते हैं.

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समुद्र तल से 11750 फीट की ऊंचाई पर भगवान आशुतोष के द्वादश ज्योतिर्लिंग में एक केदारनाथ धाम में उच्च हिमालय में मिलने वाले दुर्लभ जीवों व वनस्पतियों की स्थली भी है. जहां राज्य पुष्प ब्रह्मकमल, फेन कमल व अन्य दुर्लभ पुष्प पाए जाते हैं तो वहीं वन्यजीवों में हिम तेंदुआ, सफेद भालू, हिमालयन लोमड़ी समेत अन्य दुलर्भ जीव भी प्रवास करते हैं, जो कभी-कभार ही नजर आते हैं.

अब इन वनस्पतियों व जीवों के संरक्षण व आमजन को इनके प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से केदारनाथ में नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना की जा रही है. सेंटर को पहाड़ी शैली में निर्मित किया जायेगा, जिसके लिए भूमि का चयन किया जा रहा है.

केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के डीएफओ अमित कंवर ने बताया कि केदारनाथ धाम में नेचर इंटरप्रिटेशन सेंटर की स्थापना की योजना बनाई जा रही है. सेंटर में केदारनाथ क्षेत्र में पाई जाने वाली वनस्पतियों और वन्य जीवों के बारे में जानकारी संग्रहित की जाएगी.

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