रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में 15 जून के बाद बारिश का दौर शुरू हो गया था. जुलाई में मॉनसून की दस्तक के साथ ही पहाड़ों पर भारी बारिश के साथ भूस्खलन हो बादल फटने जैसी घटनाएं शुरू हो गई थी. इस दौरान बहुत कम संख्या में श्रद्धालु केदारनाथ धाम जाते हैं. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है. इस बार मॉनसून सीजन की तमाम अड़चनें भी बाबा केदार के भक्तों के कदम नहीं रोक पाई हैं. 14 जुलाई से लगे सावन माह में तो एकाएक भक्तों की भीड़ बढ़ गई है.
मॉनसून सीजन में बहुत कम संख्या में श्रद्धालु चारधाम की यात्रा पर आते हैं. क्योंकि इस दौरान आपदाओं का खतरा बना रहता है. लेकिन इस बार बाबा के भक्त इन आपदाओं से नहीं डरे, बल्कि उन्हें पार करते हुए बाबा के दर पर पहुंचे. कांवड़ यात्रा के दौरान प्रतिदिन 8 से 10 हजार तीर्थ यात्री केदारनाथ पहुंच रहे थे. कांवड़ यात्रा खत्म होने के बाद भी प्रतिदिन दो से तीन हजार भक्त केदारनाथ पहुंच रहे हैं.
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आज सावन माह के तीसरे सोमवार पर बाबा केदार के दरबार में भक्तों की भारी भीड़ है. भक्त लंबी लाइन लगाकर बाबा केदार के दर्शनों का इंतजार कर रहे हैं. अभी यात्रा को तीन माह का समय भी पूरा नहीं हुआ है और साढ़े नौ लाख से अधिक भक्त बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. केदारनाथ यात्रा के हिसाब से यह ऐतिहासिक आंकड़ा है. पहली बार इतने कम समय में इतने अधिक यात्री केदारनाथ पहुंचे हैं और अभी भी तीन माह की यात्रा शेष बची हुई है.
ऐसे में मॉनूसन सीजन समाप्त होने के बाद भक्तों की संख्या में और इजाफा होने की उम्मीद है. केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित संतोष त्रिवेदी ने कहा कि भोले बाबा के प्रति भक्तों की अटूट आस्था देखने को मिल रही है. भक्त गर्भगृह में भगवान शंकर को जल चढ़ाकर मनौतियां मांग रहे हैं.