रुद्रप्रयागः जिला प्रशासन के साथ-साथ प्रदेश सरकार भी आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियों में लगी है. खासकर केदारनाथ धाम की पैदल यात्रा को दुरुस्त करने के प्रयास किए जा रहे हैं. केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग पर चलने वाले घोड़े-खच्चरों की मौत कम हो, इसके लिए मार्ग पर अधिक से अधिक चिकित्सकों के साथ ही गर्म पानी की व्यवस्था की जा रही है. बता दें कि, चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ही अभी तक सात बार की समीक्षा बैठक हो गई है. ऐसी ही एक मीटिंग में अधिकारियों को निर्देशित करने के लिए प्रदेश के पशुुपालन व जिले के प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा रुद्रप्रयाग पहुंचे थे.
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा अप्रैल अंतिम सप्ताह में शुरू होनी है. बदरीनाथ धाम के कपाट जहां 27 अप्रैल को खुल रहे हैं, वहीं केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि 18 अप्रैल को शिवरात्रि पर्व पर तय की जाएगी. भले ही यात्रा शुरू होने में अभी दो माह से अधिक का समय बचा है, लेकिन तैयारियां अभी से तेज हो गई हैं.
केदारनाथ धाम यात्रा में साल 2022 में रिकार्ड तीर्थयात्री पहुंचे थे लेकिन पैदल मार्ग पर रिकार्ड घोड़े-खच्चरों की मौत भी हुई थी. यात्रा के दौरान पशु क्रूरता के भी कई मामले सामने आए थे. छह माह की यात्रा के दौरान करीब ढाई सौ से अधिक घोड़े-खच्चरों की मौत हो गई थी. पिछली कमियों को दूर करते हुए इस बार घोड़े-खच्चरों के लिए नये नियम बनाये जा रहे हैं. इस बार पैदल मार्ग पर बीमार घोड़े-खच्चरों का संचालन नहीं किया जाएगा. जो भी घोड़े-खच्चर संचालित किए जाएंगे, उनका बीमा और स्वास्थ्य परीक्षण आवश्यक रूप से कराना होगा.
रुद्रप्रयाग पहुंचे प्रदेश के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि आगामी चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. यात्रा शुरू होने से पूर्व अभी तक सात बार समीक्षा बैठक ली गई है, और अधिकारियों को समय पर यात्रा तैयारियां को करने के निर्देश दिये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि पिछले साल हुई गलतियों को इस बार नहीं दोहराया जाएगा.
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मंत्री ने बताया कि इस बार सात पशु चिकित्सकों को सीजन में केदारनाथ पैदल मार्ग पर तैनात किया जायेगा. इसके अलावा जगह-जगह पर घोड़े-खच्चरों को पीने के लिये गर्म पानी की व्यवस्था की जा रही है. पैदल यात्रा मार्ग अब गंदगी नहीं होगी. इस गंदगी के निस्तारण को लेकर पहले से ही व्यवस्थाएं की जाएंगी.