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कविल्ठा में शहीद मानवेंद्र सिंह प्रवेश द्वार और मूर्ति का अनावरण, विधायक ने दी श्रद्धांजलि

रुद्रप्रयाग कालीमठ घाटी के कविल्ठा निवासी शहीद मानवेंद्र सिंह रावत की पुण्य स्मृति में प्रवेश द्वार व मूर्ति का अनावरण किया गया. केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत ने शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उनके बलिदान को आजीवन भुलाया नहीं जा सकता है.

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Published : Aug 23, 2022, 11:50 AM IST

रुद्रप्रयागः बांदीपोरा जम्मू कश्मीर की सीमा पर 14 जून 2018 को शहीद हुए रुद्रप्रयाग के कालीमठ घाटी के कविल्ठा निवासी शहीद मानवेंद्र सिंह रावत (Martyr Manvendra Singh Rawat) की पुण्य स्मृति में उनके पैतृक गांव कविल्ठा में निर्मित प्रवेश द्वार व मूर्ति का अनावरण (Shaheed Manvendra Singh Rawat entrance gate and statue unveiled) आर्मी बैंड धुनों के साथ किया गया. शहीद मानवेंद्र सिंह रावत की मूर्ति व प्रवेश द्वार के अनावरण अवसर पर शहीद की पत्नी, परिजन व ग्रामीणों में भावुक क्षण देखने को मिले. आर्मी की बैंड धुनों व वंदे मातरम के उद्घोष के साथ शहीद के चित्र पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.

प्रवेश द्वार व मूर्ति अनावरण के बाद शहीद की पुण्य स्मृति में आयोजित शहीद श्रद्धांजलि कार्यक्रम में राइका कोटमा, प्राथमिक विद्यालय कविल्ठा व महिला मंगल दल कविल्ठा ने देश भक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से देश के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित की.

मूर्ति के अनावरण के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत (Kedarnath MLA Shailrani Rawat) ने कहा कि शहीदों की शहादत की बदौलत हमें आजादी व पृथक राज्य की प्राप्ति हुई है. हमारे सैनिक आज भी सीमाओं पर अपने प्राणों की परवाह किए बगैर सजग प्रहरी की तरह देश सेवा कर रहे हैं. उन्होंने शहीद मानवेंद्र सिंह रावत के बलिदान को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि शहीद मानवेंद्र ने देश के प्रति अपना बलिदान देकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. उन्होंने कहा कि कालीमठ घाटी में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है, जिनके निराकारण के लिए सामूहिक पहल की जाएगी.
ये भी पढ़ेंः बीच बचाव करने गए सिपाही के साथ पड़ोसियों ने की मारपीट, मुकदमा दर्ज

विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने कहा कि शहीद मानवेंद्र सिंह के बलिदान को आजीवन भुलाया नहीं जा सकता है. आगे कहा कि देश की सीमाओं पर तैनात जवान हमेशा अपने प्राणों की बाजी लगाकर मां भारती को याद करते हुए देश की रक्षा करते हैं. उन्होंने शहीद मानवेंद्र सिंह रावत की पत्नी विनीता रावत, 11 वर्षीय पुत्री जानवी रावत, 9 वर्षीय पुत्र अनुराग रावत तथा 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान शहीद हुए शहीद राम सिंह राणा की पत्नी अषाढी देवी को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट कर सम्मानित किया.

रुद्रप्रयागः बांदीपोरा जम्मू कश्मीर की सीमा पर 14 जून 2018 को शहीद हुए रुद्रप्रयाग के कालीमठ घाटी के कविल्ठा निवासी शहीद मानवेंद्र सिंह रावत (Martyr Manvendra Singh Rawat) की पुण्य स्मृति में उनके पैतृक गांव कविल्ठा में निर्मित प्रवेश द्वार व मूर्ति का अनावरण (Shaheed Manvendra Singh Rawat entrance gate and statue unveiled) आर्मी बैंड धुनों के साथ किया गया. शहीद मानवेंद्र सिंह रावत की मूर्ति व प्रवेश द्वार के अनावरण अवसर पर शहीद की पत्नी, परिजन व ग्रामीणों में भावुक क्षण देखने को मिले. आर्मी की बैंड धुनों व वंदे मातरम के उद्घोष के साथ शहीद के चित्र पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई.

प्रवेश द्वार व मूर्ति अनावरण के बाद शहीद की पुण्य स्मृति में आयोजित शहीद श्रद्धांजलि कार्यक्रम में राइका कोटमा, प्राथमिक विद्यालय कविल्ठा व महिला मंगल दल कविल्ठा ने देश भक्ति पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से देश के शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित की.

मूर्ति के अनावरण के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए केदारनाथ विधायक शैलारानी रावत (Kedarnath MLA Shailrani Rawat) ने कहा कि शहीदों की शहादत की बदौलत हमें आजादी व पृथक राज्य की प्राप्ति हुई है. हमारे सैनिक आज भी सीमाओं पर अपने प्राणों की परवाह किए बगैर सजग प्रहरी की तरह देश सेवा कर रहे हैं. उन्होंने शहीद मानवेंद्र सिंह रावत के बलिदान को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि शहीद मानवेंद्र ने देश के प्रति अपना बलिदान देकर क्षेत्र का नाम रोशन किया है. उन्होंने कहा कि कालीमठ घाटी में समस्याओं का अंबार लगा हुआ है, जिनके निराकारण के लिए सामूहिक पहल की जाएगी.
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विशिष्ट अतिथि जिला पंचायत सदस्य कालीमठ विनोद राणा ने कहा कि शहीद मानवेंद्र सिंह के बलिदान को आजीवन भुलाया नहीं जा सकता है. आगे कहा कि देश की सीमाओं पर तैनात जवान हमेशा अपने प्राणों की बाजी लगाकर मां भारती को याद करते हुए देश की रक्षा करते हैं. उन्होंने शहीद मानवेंद्र सिंह रावत की पत्नी विनीता रावत, 11 वर्षीय पुत्री जानवी रावत, 9 वर्षीय पुत्र अनुराग रावत तथा 1965 में भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान शहीद हुए शहीद राम सिंह राणा की पत्नी अषाढी देवी को स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट कर सम्मानित किया.

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