रुद्रप्रयागः उत्तराखंड में चारधाम यात्रा जारी है, लेकिन यात्रा के लिए ई-पास अनिवार्य किया गया है. ऐसे में बिना ई-पास केदारनाथ धाम की यात्रा पर आ रहे यात्रियों को आधे रास्ते से ही वापस लौटाया जा रहा है. अभी तक 900 से ज्यादा यात्रियों को वापस लौटाया जा चुका है. जबकि, यात्रियों की सीमित संख्या 800 होने के कारण स्थानीय लोगों को भी रोजगार नहीं मिल पा रहा है. जगह-जगह होटल-लॉज खाली हैं. ऐसे में केदारनाथ यात्रा से जुड़े होटल-लॉज संचालकों ने 27 सितंबर को केदारघाटी बंद करने का ऐलान किया है.
गौर हो कि बीते 16 सितंबर को नैनीताल हाईकोर्ट ने चारधाम और हेमकुंड साहिब यात्रा को सशर्त खोलने की अनुमति दी थी. जिसके बाद 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा का आगाज हो चुका है. सात दिन में ई-पास वाले 4 हजार से ज्यादा यात्री बाबा केदार के दर्शन कर चुके हैं. जबकि, बिना ई-पास वाले 900 से ज्यादा यात्रियों को दर्शन कराए बगैर ही वापस भेजा गया है. देश के विभिन्न हिस्सों से यात्री बाबा केदार के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन ई-पास न होने से उन्हें बैरंग लौटना पड़ रहा है. इस कारण यात्रियों में निराशा है.
ये भी पढ़ेंः ऑनलाइन स्लॉट बुक ना होने से मायूस लौट रहे चारधाम यात्री, परिवहन व्यवसाई भी परेशान
बिना ई-पास वाले यात्रियों को सोनप्रयाग, गुप्तकाशी, फाटा, अगस्त्यमुनि समेत अन्य यात्रा पड़ावों से वापस भेजा जा रहा है. कई यात्री ऐसे भी हैं, जो पहले ही ई-पास बुक करा रहे हैं, लेकिन अंतिम समय में वो यात्रा पर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में जहां केदारनाथ धाम में एक दिन में 800 यात्रियों को पहुंचना था, वहीं, मात्र 500 से 600 के बीच ही यात्री पहुंच रहे हैं.
27 सितंबर को केदारघाटी के दुकानें रहेंगी बंदः ई-पास की अनिवार्यता को खत्म करने और केदारनाथ यात्रा को पूर्ण रूप से खोलने की मांग को लेकर केदारनाथ होटल एसोसिएशन ने 27 सितंबर को केदारनाथ यात्रा पड़ाव के सभी बाजारों को बंद रखने का निर्णय लिया है. होटल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि 27 सितंबर को सोनप्रयाग, फाटा, रामपुर, गुप्तकाशी, शीतकालीन गद्दीस्थल ऊखीमठ बाजार, चंद्रापुरी, भीरी, अगस्त्यमुनि समेत केदारघाटी के सभी बाजार बंद रहेंगे. इसके अलावा केदारघाटी के सभी होटल, लॉज और दुकानें बंद रहेंगी.
ये भी पढ़ेंः चारधाम को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह, महाराज करेंगे CM से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाने का अनुरोध
होटल-लॉज संचालकों का कहना है कि ई-पास की अनिवार्यता को खत्म कर पूरी तरह से यात्रा को खोला जाए. यह यात्रा नाम मात्र की खुली है. ऐसे में लोगों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है. वहीं, रुद्रप्रयाग पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने बताया कि अभी तक 900 तीर्थ यात्रियों को बिना ई-पास के वापस भेजा गया है. सरकार और देवस्थानम बोर्ड की गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है.
बाहरी यात्रियों का पंजीकरण अनिवार्यः चारधाम में रोजाना दर्शन के लिए यात्रियों की संख्या भी निर्धारित की गई है. इसके तहत बदरीनाथ में 1000, केदारनाथ में 800, गंगोत्री धाम में 600 और यमुनोत्री धाम में 400 यात्री ही रोजाना दर्शन कर पाएंगे. वहीं, यात्रियों को स्मार्ट सिटी पोर्टल की वेबसाइट smartcitydehradun.uk.gov.in पर अपना पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा. वहीं, उत्तराखंड के लोगों को स्मार्ट सिटी पोर्टल में पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है.
ये भी पढ़ेंः फिर आंदोलन की राह पर तीर्थ पुरोहित, देवस्थानम बोर्ड को भंग की मांग पर अड़े
ई-पास रजिस्ट्रेशन जरूरीः वहीं, ई-पास के लिए देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in या http://badrinah-Kedarnath.uk.gov.in प्रत्येक श्रद्धालु को कोविड निगेटिव रिपोर्ट या फिर दोनों डोज वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट जमा करना है. वैक्सीन की दोनों डोज लगाने के 15 दिन बाद ही यात्रा मार्ग पर जाने की अनुमति दी जाएगी.
जिन लोगों को दोनों डोज नहीं लगी होंगी, उन्हें अपनी कोविड RT-PCR की 72 घंटे पुरानी निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी. केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज के बाद भी निगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी, जिसके बाद ही उन्हें दर्शन का पास दिया जाएगा.