रुद्रप्रयागः केदारनाथ यात्रा में पुलिस जवानों और प्रशासन के साथ कंधे से कंधे मिलाकर चलने वाले प्रांतीय रक्षक दल (पीआरडी) जवानों को यात्रियों की संख्या में कमी आने के बाद बाहर कर दिया गया है. जिससे पीआरडी जवानों में भारी आक्रोश है. जवानों ने प्रशासन के खिलाफ आक्रोश जताते हुए जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. साथ ही उत्पीड़न का आरोप भी लगाया.
बता दें कि जिला प्रशासन की ओर से पीक यात्रा सीजन में केदारनाथ धाम समेत पैदल यात्रा मार्ग पर करीब 200 पीआरडी यानी प्रांतीय रक्षक दल तैनात किए गए, लेकिन यात्रा कम होते ही अब प्रशासन की ओर से पीआरडी जवानों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. दो माह की नौकरी के बाद अचानक नौकरी से निकाल दिए जाने से आक्रोशित पीआरडी जवानों ने जिलाधिकारी कार्यालय में जमकर बबाल काटा और विभाग व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.
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जब जरूरत थी तब नौकरी पर रखा, अब बिना बताए ही निकालाः पीआरडी जवानों ने आरोप लगाया कि जब उनकी जरूरत थी, तब उन्हें तत्काल नौकरी पर लगा दिया गया और अब बिना बताए ही निकाल दिया गया है. उन्होंने कहा कि 90 जवानों को हटा दिया गया है और 110 को बरकरार रखा गया है. उनका आरोप है कि रातों रात आदेश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन जिन जवानों को हटाया गया है, उन्हें पूर्व में किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई. नौकरी पर वही जवान तैनात है, जिनकी पहचान है और पहुंच है. बाकी पीआरडी जवानों को तत्काल निकाल दिया गया है.
दो माह का मानदेय भी नहीं किया भुगतानः उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दो माह की नौकरी करने के बाद अभी तक मानदेय का भी भुगतान नहीं किया गया है. वहीं, पीआरडी जवान जिलाधिकारी से वार्ता करना चाहते थे, लेकिन वार्ता नहीं हो पाई. ऐसे में उन्होंने चतावनी दी कि यदि जल्द उन्हें वापस नौकरी पर नहीं रखा जाता तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.
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क्या बोले एसडीएम दीपेंद्र नेगी? वहीं, जब इस संबंध में अपर जिलाधिकारी दीपेंद्र नेगी (Additional District Magistrate Deependra Negi) से जानकारी ली तो उन्होंने कहा कि पीआरडी जवानों ने मांग पत्र दिया है, जिस पर कार्रवाई की जाएगी.