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राकेश्वरी मंदिर पहुंची भगवान मदमहेश्वर की डोली, पंच देव पांडव ने अस्त्र-शस्त्र के साथ की अगुवाई - रुद्रप्रयाग हिंदी समाचार

भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह यात्रा डोली शुक्रवार को राकेश्वरी मंदिर पहुंची. इस दौरान लोगों ने रीति-रिवाज से उसका स्वागत किया.

राकेश्वरी मंदिर पहुंची मदमहेश्वर की चल यात्रा डोली
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Published : Nov 22, 2019, 6:51 PM IST

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंची, जहां राकेश्वरी मन्दिर के पंच देव पाण्डवों ने अस्त्र-शस्त्र के साथ डोली की अगुवाई की. वहीं, रात्रि विश्राम के बाद ये डोली शनिवार को विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए गिरीया गांव पहुंचेगी.

बता दें कि मदमहेश्वर की चल यात्रा शुक्रवार को राकेश्वरी मंदिर पहुंची, जहां प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने ब्रम्ह मुहुर्त पर पंचांग पूजा करने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली व साथ चल रहे अनेक देव निशाणों का महाभिषेक किया. साथ ही आरती उतार कर विश्व कल्याण की कामना की. जिसके बाद उत्सव डोली ने स्थानीय वाद्य यन्त्रों की मधुर धुनों व जयकारों के साथ राकेश्वरी मन्दिर रांसी के लिए प्रस्थान किया.

राकेश्वरी मंदिर पहुंची मदमहेश्वर की चल यात्रा डोली

ये भी पढ़ें: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट: सड़क चौड़ीकरण के लिए सर्वे शुरू, ट्रैफिक प्लान दिलाएगा जाम से निजात

वहीं, भगवान मदमहेश्वर की डोली का राकेश्वरी मन्दिर में आगमन होते ही ग्रामीणों ने पौराणिक परम्परानुसार पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना कर मन्नतें मांगी. ये डोली शनिवार को भगवान मदमहेश्वर मंदिर में अंतिम रात्रि विश्राम के बाद गिरीया गांव पहुंचेगी और रविवार को अपने शीतकालीन गद्दी ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान हो जाएगी.

रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली रात्रि विश्राम के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंची, जहां राकेश्वरी मन्दिर के पंच देव पाण्डवों ने अस्त्र-शस्त्र के साथ डोली की अगुवाई की. वहीं, रात्रि विश्राम के बाद ये डोली शनिवार को विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए गिरीया गांव पहुंचेगी.

बता दें कि मदमहेश्वर की चल यात्रा शुक्रवार को राकेश्वरी मंदिर पहुंची, जहां प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने ब्रम्ह मुहुर्त पर पंचांग पूजा करने के बाद भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली व साथ चल रहे अनेक देव निशाणों का महाभिषेक किया. साथ ही आरती उतार कर विश्व कल्याण की कामना की. जिसके बाद उत्सव डोली ने स्थानीय वाद्य यन्त्रों की मधुर धुनों व जयकारों के साथ राकेश्वरी मन्दिर रांसी के लिए प्रस्थान किया.

राकेश्वरी मंदिर पहुंची मदमहेश्वर की चल यात्रा डोली

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वहीं, भगवान मदमहेश्वर की डोली का राकेश्वरी मन्दिर में आगमन होते ही ग्रामीणों ने पौराणिक परम्परानुसार पूरे विधि विधान से पूजा-अर्चना कर मन्नतें मांगी. ये डोली शनिवार को भगवान मदमहेश्वर मंदिर में अंतिम रात्रि विश्राम के बाद गिरीया गांव पहुंचेगी और रविवार को अपने शीतकालीन गद्दी ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान हो जाएगी.

Intro:राकेश्वरी मन्दिर में मदमहेश्वर व पाण्डवों का अदभुत मिलन
15 वर्षों बाद आयोजित पाण्डव लीला के आयोजन से पाण्डवों का हुआ मिलन
रात्रि प्रवास को रांसी गांव पहुंची मदमहेश्वर की डोली
रविवार को डोली अपने शीतकालीन गददीस्थल में होगी विराजमान
रुद्रप्रयाग। पंच केदारों में द्वितीय केदार के नाम से विख्यात भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली दूसरे रात्रि प्रवास के लिए राकेश्वरी मंदिर रांसी पहुंची। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के राकेश्वरी मन्दिर रांसी पहुंचने पर पंच देव पाण्डवों ने अस्त्र-शस्त्र के साथ डोली की अगुवाई की। मदमहेश्वर की डोली के राकेश्वरी मंदिर पहुंचने पर पाण्डवों व भगवान मदमहेश्वर की डोली का अदभुत मिलन पन्द्रह वर्षों बाद हुआ। शनिवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली विभिन्न यात्रा पड़ावो पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए अंतिम रात्रि प्रवास के लिए गिरीया गांव पहुंचेगी।Body:आज सुबह मदमहेश्वर यात्रा के आधार शिविर गौण्डार गांव में प्रधान पुजारी बागेश लिंग ने बह्म बेला पर पंचांग पूजन के तहत अनेक पूजाएं सम्पन कर भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली व साथ चल रहे अनेक देव निशाणों का महाभिषेक कर आरती उतारी तथा विश्व कल्याण की कामना की। ठीक नौ बजे भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली स्थानीय वाद्य यन्त्रो की मधुर धुनों व सैकड़ों श्रद्धालुओं की जयकारों के साथ राकेश्वरी मन्दिर रांसी के लिए प्रस्थान हुई। भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली के अकतोली में पहुंचने पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर डोली का स्वागत किया। दोपहर को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली ने जैसे ही रांसी गांव में पर्दापण किया और पंच देव पाण्डवों ने अस्त्र-शस्त्र के साथ डोली की अगुवाई की। पंच देव पाण्डव व भगवान मदमहेश्वर की डोली जैसे ही राकेश्वरी मन्दिर परिसर पहुंची तो श्रद्धालुओं की जयकारों से सम्पूर्ण भूभाग गुजायमान हो उठा। महिलाओं ने मागलगीतों व पुरुष ने जागरों के माध्यम से पंच देव पाण्डवो व डोली की स्तुति की। भगवान मदमहेश्वर की डोली व पंच देव पाण्डवो के पन्द्रह वर्षों के अदभुत मिलन के समय धियाणियों व बुर्जगो की आखे झलक उठी। भगवान मदमहेश्वर की डोली के राकेश्वरी मन्दिर में विराजमान होते ही ग्रामीणों ने पौराणिक परम्परानुसार अनेक प्रकार की पूजा सामग्रियों से अर्ध्य लगाकर मनौतिया मांगी। शनिवार को भगवान मदमहेश्वर की चल विग्रह उत्सव डोली अन्तिम रात्रि प्रवास को गिरीया गांव पहुंचेगी और रविवार को अपने शीतकालीन गद्दी ओंकारेश्वर मन्दिर में विराजमान होगी।
Conclusion:
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