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छांतीखाल गांव के लिए मुसीबत बना सिरोबगड़, पुनर्वास की बाट जोह रहे लोग

सिरोबगड़ में मलबा आने से राजमार्ग दो घंटे तक बाधित रहा. जिसे लोक निर्माण विभाग ने खोलकर यातायात सुचारू किया.

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Published : Jul 27, 2019, 12:03 AM IST

landslide in sirobagar

रुद्रप्रयागः मॉनसून का सीजन आते ही एक बार फिर से सिरोबगड़ की पहाड़ी दरकने लगी है. जिससे इसके आसपास रहने वाले गांवों में डर का माहौल है. सिरोबगड़ की पहाड़ी के ऊपर छांतीखाल गांव बसा है. ऐसे में ये गांव भी खतरे की जद में आ गया है.

मानसून आते ही दरकरने लगी सिरोबगड़ स्लाइड जोन.

ऐसे में ग्रामीण खौफ में जीने को मजबूर है. जो पुनर्वास की बाट जोह रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों के विस्थापन को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. उधर, राजमार्ग के स्थायी ट्रीटमेंट को लेकर पपड़ासू से खांखरा बाईपास का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इसे बनने में काफी समय लग सकता है.

ये भी पढ़ेंः मुख्यमंत्री के उल्टे-पुल्टे बयान, नेताओं के ज्ञान से सकते में 'विज्ञान'

वहीं सिरोबगड़ की पहाड़ी दरकने से श्रीनगर-रुद्रप्रयाग राजमार्ग एक बार फिर से बाधित हुआ. जिसके कारण यहां से आवाजाही करने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लगातार हो रही बारिश से पहाड़ी से मलबा आने से राजमार्ग कई घंटो बंद हो रहा है. जिससे जाम की स्थिति पैदा हो गई. ऐसे में तीर्थयात्री और स्थानीय लोग एक बार फिर से प्रशासन की ओर मदद की नजर से देख रहे हैं.

रुद्रप्रयागः मॉनसून का सीजन आते ही एक बार फिर से सिरोबगड़ की पहाड़ी दरकने लगी है. जिससे इसके आसपास रहने वाले गांवों में डर का माहौल है. सिरोबगड़ की पहाड़ी के ऊपर छांतीखाल गांव बसा है. ऐसे में ये गांव भी खतरे की जद में आ गया है.

मानसून आते ही दरकरने लगी सिरोबगड़ स्लाइड जोन.

ऐसे में ग्रामीण खौफ में जीने को मजबूर है. जो पुनर्वास की बाट जोह रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों के विस्थापन को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. उधर, राजमार्ग के स्थायी ट्रीटमेंट को लेकर पपड़ासू से खांखरा बाईपास का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इसे बनने में काफी समय लग सकता है.

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वहीं सिरोबगड़ की पहाड़ी दरकने से श्रीनगर-रुद्रप्रयाग राजमार्ग एक बार फिर से बाधित हुआ. जिसके कारण यहां से आवाजाही करने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लगातार हो रही बारिश से पहाड़ी से मलबा आने से राजमार्ग कई घंटो बंद हो रहा है. जिससे जाम की स्थिति पैदा हो गई. ऐसे में तीर्थयात्री और स्थानीय लोग एक बार फिर से प्रशासन की ओर मदद की नजर से देख रहे हैं.

Intro:एक बार फिर से सक्रिय हो रहा सिरोबगड़ स्लाइड जोन
चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के साथ यात्रियों के नासूर बना सिरोबगड़
सिरोबगड़ में दो घंटे बंद रहा राजमार्ग, यात्री परेशान
पिछले तीन दशक से आफत बरसा रही है पहाड़ी
रुद्रप्रयाग। पिछले तीन दशक से रुद्रप्रयाग व चमोली जिले की जनता के साथ ही चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए नासूर बने सिरोबगड़ की पहाड़ी फिर से दरकने लगी है। काफी लम्बे समय से यहां पर पहाड़ी शांत बैठी थी कि अब लगातार हो रही बारिश के बाद पहाड़ी सक्रिय हो गई हैं। ऐसे में तीर्थयात्री एवं स्थानीय जनता परेशान होने लगी है। शुक्रवार सांय सिरोबगड़ की पहाड़ी से मलबा आने से राजमार्ग बंद हो गया, जिसे खोलने में विभाग को दो घंटे का समय लग गया। Body:दरअसल, श्रीनगर-रुद्रप्रयाग राजमार्ग के बीच सिरोबगड़ की पहाड़ी फिर से बरसने लगी है। पहाड़ी से भारी मात्रा में मलबा आ रहा है। पहाड़ी के ऊपर छांतीखाल गांव है, जहां ग्रामीण लोग निवास करते हैं। यहां के ग्रामीण आज भी पुनर्वास की बाट जोह रहे हैं। पुनर्वास न होने से ग्रामीण मौत के साये में जीवन यापन करने को मजबूर हैं। शुक्रवार सांय साढ़े चार बजे सिरोबगड़ में मलबा आने से राजमार्ग बंद हो गया, जिसे हटाने में विभाग को दो घंटे का समय लग गया। पिछले तीन दशक से सिरोबगड़ रुद्रप्रयाग-चमोली की जनता के साथ ही चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सिरदर्द बना है। यहां पर बरसात के दिनों में पहाड़ी से मलबा आना आम बात हो गई है। मलबा आने से सिरोबगड़ में घंटों जाम की स्थिति पैदा हो जाती है। राजमार्ग के स्थाई ट्रीटमेंट को लेकर भले ही अब पपड़ासू से खांखरा बाईपास का निर्माण किया जा रहा है, लेकिन इसे बनने में काफी लम्बा समय लग जायेगा। ऐसे में तीर्थयात्रियों को बरसात के दिनों में सिरोबगड़ में दिक्कतें झेलनी होंगी। Conclusion:null
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