रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में दीपावली (Deepawali in Kedarnath Dham) धूमधाम से मनाया जा रहा है. दिवाली को लेकर केदारनाथ मंदिर को भव्य रूप से सजाया गया (Kedarnath temple decorated splendidly) है. दीपावली के दिन भगवान केदारनाथ, माता पार्वती, लक्ष्मी नारायण के साथ ही गणेश भगवान की पूजा सम्पन्न होंगी. जबकि 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण के दिन मंदिर के कपाट बंद रहेंगे.
दीपावली को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखा जा रहा है. केदारनाथ धाम में भी दीपावली मनाने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. श्रद्धालु सुबह से देर शाम तक लाइन में लगकर बाबा के दर्शन का इंतजार कर रहे हैं. साथ ही शाम में आरती में शामिल होने के बाद दीपोत्सव मना रहे हैं. धाम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु दीपावली का पर्व मनाने के लिए आए हुए हैं. श्रद्धालु केदारनाथ मंदिर परिसर में दिये जला रहे हैं. केदारनाथ धाम पहुंचे भक्त यहां खूब खरीदारी भी कर रहे हैं.
दीयों की रोशनी से बाबा केदार की नगर जगमगा रही है. श्रद्धालु बड़े उत्साह के साथ दीपोत्सव कार्यक्रम (Deepotsav Program) में प्रतिभाग कर रहे हैं. जय भोले, जय बाबा के उद्घोष से केदारनाथ धाम गुंजायमान हो रहा है. बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डाॅ हरीश गौड़ ने बताया कि पंचांग गणना अनुसार 25 अक्टूबर मंगलवार प्रातः 4 बजकर 26 मिनट से शाम 5 बजकर 32 मिनट ग्रहण काल तक केदारनाथ मंदिर एवं सभी अधीनस्थ मंदिरों के कपाट बंद रहेंगे.
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ग्रहण का समय 25 अक्टूबर को प्रातः 4 बजकर 26 मिनट पर है. ग्रहण से ठीक पहले मंदिर के कपाट बंद हो जायेंगे. 12 घंटे पहले सूतक प्रारंभ हो जाता है. पंचांग के अनुसार 25 अक्टूबर शाम 5 बजकर 32 मिनट तक ग्रहण काल रहेगा. ग्रहण काल तक उत्तराखंड के चारों धामों सहित छोटे-बड़े मंदिर बंद रहेंगे. ग्रहण समाप्ति के बाद केदारनाथ मंदिर सहित अधीनस्थ मंदिरों में साफ सफाई कार्य और शांय काल पूजाएं आरती सम्पन्न होंगी.
27 अक्टूबर को भैया दूज पर बाबा केदार के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये जाएंगे. जिसको लेकर बदरी-केदार मंदिर समिति तैयारियों में जुटी हुई है. केदारनाथ की उत्सव डोली मंदिर से प्रातः साढ़े 8 बजे प्रस्थान कर रात्रि त्रिश्राम के लिए रामपुर पहुंचेगी. अगले दिन प्रातः रामपुर से प्रस्थान करते हुए फाटा, नारायणकोटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए गुप्तकाशी पहुंचेगी. 29 अक्टूबर को केदारनाथ की उत्सव डोली प्रातः 8 बजे विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रस्थान कर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में प्रवेश करेगी और परम्परा अनुसार अपने गद्दीस्थल में विराजमान होगी.