रुद्रप्रयाग: दीपावली के पर्व पर केदारनाथ मंदिर को कई क्विंटल फूलों से सजाया गया है. बाबा केदार का ये सुसज्जित रूप बड़ा ही मनमोहक लग रहा है. वहीं, आगामी 5 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर भी तैयारियां जोरों से चल रही हैं. दीपावली पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा केदार के दर्शनों के लिए धाम में पहुंच रहे हैं. उधर, देवस्थानम बोर्ड को रद्द करने की तीर्थ पुरोहितों की मांग को देखते हुए सीएम धामी भी आज उनके मान मनोव्वल के लिए केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं.
दीपावली पर केदारनाथ धाम को कई क्विंटल फूलों से सजाया गया है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु केदारधाम में दीपावली मनाने के लिए पहुंच रहे हैं. हालांकि, पीएम मोदी के दौरे और बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के जबरदस्त विरोध को देखते हुए भी सरकार सतर्क नजर आ रही है. ऐसे में तीर्थ पुरोहितों की नाराजगी को दूर करने सीएम धामी खुद केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं.
देवस्थानम बोर्ड के फैसले से गई कुर्सी: गाहे-बगाहे सियासी गलियारों में यह चर्चाएं होती रहती हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की कुर्सी देवस्थानम बोर्ड के फैसले के बाद ही ली गई थी. बीते रोज केदारनाथ में बाबा केदार के दर्शन करने पहुंचे त्रिवेंद्र रावत के इस फैसले का प्रतिबिंब भी देखने को मिला. पंडा पुरोहितों ने उनके साथ जमकर अभद्रता की. त्रिवेंद्र के साथ हुई इस अभद्रता का वैसे तो सरकार या फिर बीजेपी संगठन पर कोई ज्यादा असर नहीं पड़ा है, लेकिन आगामी 5 नवंबर को केदारनाथ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के मद्देनजर इस घटना के बाद दोनों के हाथ-पैर जरूर फूल गए हैं.
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मदन कौशिक और धन सिंह की भी नहीं बनी बात: तीर्थ-पुरोहितों ने किसी भी कीमत पर त्रिवेंद्र सिंह रावत को बाबा केदार के दर्शन नहीं करने दिए थे, ऐसे में बीजेपी की नींद उड़ी हुई है. उन्हें डर है कि कहीं पीएम मोदी के केदारनाथ दौरे के दौरान भी इस तरह का विरोध का देखने को न मिले. इसलिए धामी सरकार तीर्थ-पुरोहितों को मनाने की कवायद में जुट गई है. हालांकि, बीते दिन केदारनाथ धाम में पंडा समाज को मनाने पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत की बात भी नहीं बनी थी.
पीएम दौरे को बना रही बड़ा इवेंट: बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केदारनाथ दर्शन को बीजेपी संगठन और सरकार बड़े इवेंट के रूप में तब्दील करने की जुगत में लगी हुई है, ताकि आगामी चुनाव में बीजेपी के इसका फायदा मिले. बीजेपी केदारनाथ से पीएम मोदी के कार्यक्रम का लाइव प्रसारण करने जा रही है.
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केदारनाथ के साथ ही देश के अन्य 11 ज्योतिर्लिंगों में भी एक साथ वर्चुअली पूजा-अर्चना की जाएगी. लेकिन सरकार को डर सता रहा है कि कहीं तीर्थ-पुरोहित इस आयोजन में अपना विरोध जताकर रंग में भंग न डाल दें. यदि ऐसा हुआ तो इससे सरकार की छवि पर असर पड़ेगा और पूरे देश में एक गलत संदेश जाएगा. इतना ही नहीं, बीजेपी को इसका खामियाजा चुनाव में भुगतना भी पड़ सकता है. इसलिए सरकार अभी से सब कुछ मैनेज करने में लगी हुई है. सोमवार की घटना के बाद आज फिर से प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ में पंडा पुरोहितों से बातचीत करेंगे.