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20 अप्रैल को ऊखीमठ पहुंचेंगे केदारनाथ के रावल - Uttarakhand News

बुधवार को केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर से दूरभाष पर हुई बातचीत में बताया कि वे 20 अप्रैल तक ऊखीमठ पहुंच जाएंगे.

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20 अप्रैल को ऊखीमठ पहुंचेंगे केदारनाथ के रावल
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Published : Apr 15, 2020, 7:38 PM IST

रुद्रप्रयाग: कोरोना के देश में लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. चारधाम यात्रा की तिथियां भी नजदीक आ रही हैं. आज केदारनाथ धाम के कपाट खुलने और रावल के यहां पहुंचने को लेकर स्थितियां साफ हुई. मिली जानकारी के अनुसार केदारनाथ धाम के रावल 20 अप्रैल को ऊखीमठ पहुंच जायेंगे. जिसके बाद केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की सभी परंपराएं विधि विधान से शुरू की जाएंगी.

बता दें कि देशभर में कोरोना संक्रमण के चलते कयास लगाए जा रहे थे कि महाराष्ट्र के नांदेड़ में मौजूद रावल निश्चित तिथि तक केदारनाथ नहीं पहुंच पाएंगे. बुधवार को केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर से दूरभाष पर हुई बातचीत में बताया कि वे 20 अप्रैल तक ऊखीमठ पहुंच जाएंगे. बता दें इससे पहले उन्होंने ऊखीमठ जाने की अनुमति के लिए पीएम मोदी को भी पत्र लिखा था. अब, महाराष्ट्र सरकार ने भी उन्हें जाने की अनमुति दे दी है.

पढ़ें- देवप्रयाग पुलिस ने 101 गांव लिए गोद, अपने वेतन से देंगे राशन

केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार उनके जाने की जैसी भी व्यवस्था करेगी वे उसी माध्यम से ऊखीमठ पहुंचेंगे. इस मामले में उत्तराखंड सरकार भी उन्हें एयरलिफ्ट करने पर विचार कर रही है. उनके साथ मंदिर ट्रस्ट के चार और लोग भी हैं. उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट खुलने व शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में डोली प्रस्थान से पूर्व होने वाली परंपराओं में शामिल होंगे.

29 अप्रैल को खुलेंगे केदारनाथ के कपाट

29 अप्रैल को सुबह 6 बजे केदारनाथ के कपाट खुलने हैंं, जबकि इससे पहले 26 अप्रैल को यमनोत्री, गंगोत्री के कपाट खुलेंगे. हालांकि, सरकार ने इस बार चारधाम मंदिरों के दर्शन ऑनलाइन करवाने का फैसला भी लिया है.

परंपरा के मुताबिक रावल ही मूर्ति छू सकते हैं

केदारनाथ के रावल (गुरु) महाराष्ट्र या कर्नाटक और बदरीनाथ के केरल से होते हैं. ये लोग यहीं से हर साल यात्रा के लिए आते हैं. परंपरा के मुताबिक, केदारनाथ के रावल खुद पूजा नहीं करते, लेकिन उन्हीं के निर्देश पर पुजारी मंदिर में पूजा करते हैं. वहीं, बदरीनाथ के रावल के अलावा कोई और बदरीनाथ की मूर्ति नहीं छू सकता.

रुद्रप्रयाग: कोरोना के देश में लॉकडाउन 3 मई तक बढ़ा दिया गया है. चारधाम यात्रा की तिथियां भी नजदीक आ रही हैं. आज केदारनाथ धाम के कपाट खुलने और रावल के यहां पहुंचने को लेकर स्थितियां साफ हुई. मिली जानकारी के अनुसार केदारनाथ धाम के रावल 20 अप्रैल को ऊखीमठ पहुंच जायेंगे. जिसके बाद केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की सभी परंपराएं विधि विधान से शुरू की जाएंगी.

बता दें कि देशभर में कोरोना संक्रमण के चलते कयास लगाए जा रहे थे कि महाराष्ट्र के नांदेड़ में मौजूद रावल निश्चित तिथि तक केदारनाथ नहीं पहुंच पाएंगे. बुधवार को केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर से दूरभाष पर हुई बातचीत में बताया कि वे 20 अप्रैल तक ऊखीमठ पहुंच जाएंगे. बता दें इससे पहले उन्होंने ऊखीमठ जाने की अनुमति के लिए पीएम मोदी को भी पत्र लिखा था. अब, महाराष्ट्र सरकार ने भी उन्हें जाने की अनमुति दे दी है.

पढ़ें- देवप्रयाग पुलिस ने 101 गांव लिए गोद, अपने वेतन से देंगे राशन

केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार उनके जाने की जैसी भी व्यवस्था करेगी वे उसी माध्यम से ऊखीमठ पहुंचेंगे. इस मामले में उत्तराखंड सरकार भी उन्हें एयरलिफ्ट करने पर विचार कर रही है. उनके साथ मंदिर ट्रस्ट के चार और लोग भी हैं. उन्होंने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट खुलने व शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में डोली प्रस्थान से पूर्व होने वाली परंपराओं में शामिल होंगे.

29 अप्रैल को खुलेंगे केदारनाथ के कपाट

29 अप्रैल को सुबह 6 बजे केदारनाथ के कपाट खुलने हैंं, जबकि इससे पहले 26 अप्रैल को यमनोत्री, गंगोत्री के कपाट खुलेंगे. हालांकि, सरकार ने इस बार चारधाम मंदिरों के दर्शन ऑनलाइन करवाने का फैसला भी लिया है.

परंपरा के मुताबिक रावल ही मूर्ति छू सकते हैं

केदारनाथ के रावल (गुरु) महाराष्ट्र या कर्नाटक और बदरीनाथ के केरल से होते हैं. ये लोग यहीं से हर साल यात्रा के लिए आते हैं. परंपरा के मुताबिक, केदारनाथ के रावल खुद पूजा नहीं करते, लेकिन उन्हीं के निर्देश पर पुजारी मंदिर में पूजा करते हैं. वहीं, बदरीनाथ के रावल के अलावा कोई और बदरीनाथ की मूर्ति नहीं छू सकता.

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