रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम में पिछले 15 दिनों से बर्फबारी नहीं हुई है, जिस कारण धाम में जमी बर्फ पिघलने लगी है. जहां पिछले साल तक इस महीने में चार से पांच फीट तक बर्फ जमी होती थी, वहीं अभी एक फीट से भी कम बर्फ जमी है, जो धीरे-धीरे पिघल रही है. ऐसे में प्रशासन धाम में पुनर्निर्माण कार्य शुरू करने जा रहा है.
15 दिनों से बर्फबारी रुकने और बर्फ पिघलने को लेकर लोक निर्माण विभाग गुप्तकाशी को भीमबली से लिनचैली तक पैदल मार्ग को दुरूस्त करने के निर्देश दिए गये हैं. बता दें कि इस वर्ष मौसम में काफी परिवर्तन देखने को मिला है, जहां ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी नहीं हो रही है, वहीं केदारघाटी सहित अन्य इलाकों में जंगल धूं-धूं कर जल रहे हैं. इससे पर्यावरण को भी भारी नुकसान हो रहा है.
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इसके साथ ही बारिश के न होने से काश्तकारों के चेहरे मुरझाए हुए हैं. केदारनाथ धाम में 15 दिनों से बर्फबारी नहीं हुई है. धाम में जमी बर्फ पिघल रही है. केदारनाथ मंदिर परिसर स्थित नंदी की मूर्ति कुछ दिन पहले बर्फ से ढकी थी, लेकिन धाम में इन दिनों धूप खिलने से बर्फ पिघल गई है. अब धाम में कुछ स्थानों पर ही एक फीट तक बर्फ जमी है. धाम में बर्फ अगर इसी प्रकार पिघलती है तो पुनर्निर्माण कार्य दोबारा शुरू हो जायेंगे. नवंबर माह से धाम में सभी पुनर्निर्माण कार्य बंद हैं और एक भी मजदूर धाम में नहीं है. इसके अलावा भीमबली से लिनचैली के बीच दो से तीन फीट तक बर्फ जमी है, जो अब धीरे-धीरे पिघलने में लगी है. छानी कैंप तक पैदल मार्ग पर कहीं भी बर्फ नहीं है. छानी कैंप से आगे बेस कैंप तक कुछ स्थानों पर पैदल मार्ग पर ग्लेशियर बने हुए हैं. बर्फ सिर्फ बेस कैंप से केदारनाथ धाम तक है.
जिलाधिकारी मनुज गोयल ने बताया कि वर्तामान में केदारनाथ धाम में बहुत ज्यादा बर्फवारी नहीं हुई है. भीमबली से लिनचैली तक दो से तीन फीट बर्फ जमी है. लोनिवि गुप्तकाशी को व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने कहा कि पुलिस की एक टीम को पैदल मार्ग निरीक्षण के लिए भेजा गया था. कुछ स्थानों पर मार्ग टूटा हुआ है, जिसकी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी गई है.