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जागतोली दशज्यूला महोत्सव का आगाज, लोक संस्कृति को दे रहा बढ़ावा

रुद्रप्रयाग में जागतोली दशज्यूला महोत्सव का शुभारंभ हो गया है. ये मेला तीन दिन तक चलेगा. इस मेले में सांस्कृतिक कार्यक्रम समेत कई खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है.

jagtoli dashjula
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Published : Sep 7, 2019, 10:43 PM IST

रुद्रप्रयागः दशज्यूला कांडई क्षेत्र में तीन दिवसीय जागतोली मेले का रंगारंग आगाज हो गया है. इस दौरान विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी. इस मेले को संस्कृति और धरोहरों को संजोने का एक प्रयास माना जा रहा है. वहीं, प्रशासन की ओर से मेला समिति को कोई सहयोग न मिलने पर स्थानीय लोगों में रोष भी देखने को मिला.

जागतोली दशज्यूला महोत्सव मेला समिति के तत्वाधान में आयोजित मेले का शुभारंभ केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेले हमारे पौराणिक धरोहर हैं, जिन्हें संजोए रखना सबकी जिम्मेदारी है. मेले को मिलन का त्योहार भी माना जाता है. साथ ही कहा कि मेला क्षेत्र की प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने का सशक्त माध्यम भी है. वहीं, उन्होंने जागतोली के खेल मैदान के समतलीकरण और 200 मीटर ट्रैक के निर्माण करवाने की भी घोषणा की.

जागतोली दशज्यूला मेले का रंगारंग आगाज.

ये भी पढ़ेंः शिक्षकों ने बच्चों को सिखाई पत्र लेखन की बारीकी, संगे संबंधियों से आ रहे जवाब

मेले के संरक्षक और निवर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष लखपत भंडारी ने कहा कि ये मेला क्षेत्र की जनता को जोड़ने के साथ ही क्षेत्रीय संस्कृति को प्रचारित और प्रसारित करेगा. मेलाध्यक्ष जयवर्धन कांडपाल ने कहा कि ये मेला संस्कृति के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा. मेला महासचिव कालिका कांडपाल ने मेले के इतिहास और तीन दिनों तक होने वाली प्रतियोगिताओं व कार्यक्रमों की जानकारी दी.

मेले में क्षेत्र के एक दर्जन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने गढ़वाली, हिंदी, पंजाबी, राजस्थानी समेत कई भाषाओं में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया. इस दौरान कई खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं.

रुद्रप्रयागः दशज्यूला कांडई क्षेत्र में तीन दिवसीय जागतोली मेले का रंगारंग आगाज हो गया है. इस दौरान विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दी. इस मेले को संस्कृति और धरोहरों को संजोने का एक प्रयास माना जा रहा है. वहीं, प्रशासन की ओर से मेला समिति को कोई सहयोग न मिलने पर स्थानीय लोगों में रोष भी देखने को मिला.

जागतोली दशज्यूला महोत्सव मेला समिति के तत्वाधान में आयोजित मेले का शुभारंभ केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मेले हमारे पौराणिक धरोहर हैं, जिन्हें संजोए रखना सबकी जिम्मेदारी है. मेले को मिलन का त्योहार भी माना जाता है. साथ ही कहा कि मेला क्षेत्र की प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने का सशक्त माध्यम भी है. वहीं, उन्होंने जागतोली के खेल मैदान के समतलीकरण और 200 मीटर ट्रैक के निर्माण करवाने की भी घोषणा की.

जागतोली दशज्यूला मेले का रंगारंग आगाज.

ये भी पढ़ेंः शिक्षकों ने बच्चों को सिखाई पत्र लेखन की बारीकी, संगे संबंधियों से आ रहे जवाब

मेले के संरक्षक और निवर्तमान जिला पंचायत उपाध्यक्ष लखपत भंडारी ने कहा कि ये मेला क्षेत्र की जनता को जोड़ने के साथ ही क्षेत्रीय संस्कृति को प्रचारित और प्रसारित करेगा. मेलाध्यक्ष जयवर्धन कांडपाल ने कहा कि ये मेला संस्कृति के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा. मेला महासचिव कालिका कांडपाल ने मेले के इतिहास और तीन दिनों तक होने वाली प्रतियोगिताओं व कार्यक्रमों की जानकारी दी.

मेले में क्षेत्र के एक दर्जन विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने गढ़वाली, हिंदी, पंजाबी, राजस्थानी समेत कई भाषाओं में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया. इस दौरान कई खेल प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं.

Intro:तीन दिवसीय जागतोली मेले का रंगारंग आगाज
प्रशासन की ओर से सहयोग ना मिलने पर जताया रोष
पौराणिक धरोहरों को संजोए रखने की जरूरत: मनोज
रुद्रप्रयाग-दशज्यूला कांडई क्षेत्र के अन्तर्गत तीन दिवसीय जागतोली मेले का रंगारंग कार्यक्रमों के साथ शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों के छात्र छात्राओं ने शानदार सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं प्रशासन की ओर से मेला समिति को कोई सहयोग न देने पर उनमें रोष देखा गया। Body:जागतोली दशज्यूला महोत्सव मेला समिति के तत्वावधान में आयोजित मेले का शुभारंभ करते हुए केदारनाथ विधायक मनोज रावत ने कहा कि मेले हमारे पौराणिक धरोधर है, जिन्हें संजोए रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। कहा कि मेले मिलन का त्यौहार भी माना गया है। कहा कि यह क्षेत्र की प्रतिभाओं को मंच प्रदान करने का सशक्त माध्यम भी है। उन्होंने जागतोली के खेल मैदान के समतलीकरण एवं दो सौ मीटर ट्रैक के निर्माण करने की घोषणा भी की। मेले के संरक्षक व निवर्तमान जिपं उपाध्यक्ष लखपत भंडारी ने कहा कि यह मेला क्षेत्र की जनता को जोड़ने के साथ ही क्षेत्रीय संस्कृति को प्रचारित प्रसारित करेगा। मेलाध्यक्ष जयवर्धन कांडपाल ने कहा कि यह मेला संस्कृति के संरक्षण में मील का पत्थर साबित होगा। मेला महासचिव कालिका कांडपाल ने मेले के इतिहास व तीन दिनों तक होने वाली प्रतियोगिता एवं कार्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम में क्षेत्र के एक दर्जन विद्यालयों के छात्र छात्राओं ने गढ़वाली, हिन्दी, पंजाबी, राजस्थानी समेत कई भाषाओं में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देकर दशकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान कई खेल प्रतियोगिताएं भी हुई। वहीं मेले को भव्य बनाने को लेकर जिला प्रशासन ने मेला समिति को पूर्ण सहयोग का आश्वान दिया, लेकिन मेले में स्टाल व सुरक्षा व्यवस्था होने से उनमें खासा रोष देखा गया।Conclusion:
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