रुद्रप्रयाग: पूर्व मंत्री के ठेकेदार बेटे ने लॉकडाउन का गलत फायदा उठाया और सौरगढ़ गदेरे में अवैध खनन करके सरकार को लाखों का चूना लगा दिया. इसके लिए बकायदा सड़क भी बनाई और जेसीबी का प्रयोग कर खनन किया. इसका पता तब चला, जब वहीं पास में अगस्त्यमुनि पेयजल योजना के मुख्य स्रोत में पानी लगातार गन्दा होने लगा. तब जल संस्थान ने जिलाधिकारी से इस संबंध में शिकायत की. जिलाधिकारी ने एसडीएम रुद्रप्रयाग को जांच के लिए भेजा. जिन्होंने अवैध खनन से लदे दो वाहनों एवं एक जेसीबी को सीज कर दिया है. ठेकेदार की दबंगई इतनी कि अवैध खनन में सीज वाहनों को छुड़ाने के लिए ग्रामीणों के एक शिष्टमंडल को जिलाधिकारी से गुहार लगाने के लिए भेज दिया.
लॉकडाउन में सरकार ने निर्माण कार्यों में छूट दी तो इस रोड पर भी कार्य शुरू हो गया. इस दौरान ठेकेदार ने रोड पर सोलिंग का कार्य शुरू कर दिया. इसके लिए सड़क कटिंग से निकले पत्थरों को तोड़ना था, लेकिन ठेकेदार ने सौरगढ़ गदेरे से अवैध खनन का सहारा लिया. इसके लिए बाकायदा निर्माणाधीन सड़क से सौरगढ़ गदेरे में जाने के लिए दो सौ मीटर सड़क भी बनाई, जहां से जेसीबी द्वारा खनन कर उस मलबे के रूप में ट्रकों में भर कर सड़क पर बिछाया गया. इस दौरान लगभग दो किमी सड़क पर यह मलबा बिछाया गया. लॉकडाउन के कारण लोगों की आवाजाही बंद होने से इसकी भनक किसी को नहीं हो पाई.
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दरअसल, खनन वाले स्थान के पास ही अगस्त्यमुनि पेयजल योजना का मुख्य स्रोत है. जहां आजकल मरम्मत का कार्य चल रहा है. ठेकेदार द्वारा लगातार खनन करने से स्रोत का पानी मटमैला हो गया है. पहले तो विभाग इसका कारण लगातार होने वाली वर्षा को समझता रहा, लेकिन जब वर्षा थम गई तो फिर भी पानी साफ नहीं हुआ.
वहीं, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि शिकायत मिली थी कि ठेकेदार की ओर से मोटरमार्ग निर्माण से पेयजल योजना को क्षति पहुंचाई गई है. इसके बाद जांच में उप जिलाधिकारी को मौके पर भेजा गया. जांच में पाया गया कि ठेकेदार ने पेयजल योजना को नुकसान पहुंचाने के साथ ही खनन भी किया है. ऐसे में उप जिलाधिकारी को जांच के लिए कहा गया है और ठेकेदार पर जुर्माने की कार्रवाई के लिए आदेश दिया गया है.