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वनाग्नि को रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं कर रहा वन विभाग, रिहायशी इलाकों तक पहुंची आग - रुद्रप्रयाग हिंदी समाचार

वनाग्नि रिहायशी इलाकों में पहुंचने लगी है. लाखों की वन संपदा जल कर खाक हो चुकी है. लेकिन वन महकमे की ओर से अभी तक वनाग्नि को रोकने के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं.

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वनाग्नि को रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं कर रहा वन विभाग
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Published : Mar 7, 2021, 2:26 PM IST

रुद्रप्रयाग: वन प्रभाग और केदारनाथ वन प्रभाग के जंगलों में आग लगी है. वन विभाग की कुंभकर्णी नींद की वजह से जंगलों की आग रियायशी इलाकों तक पहुंच रही है. वनाग्नि के कारण ग्रामीणों का काफी नुकसान हो रहा है. वहीं, जंगलों में लगी आग की वजह से पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है, वहीं, लाखों की वन सम्पदा भी जलकर खाक हो चुकी है. उधर वन महकमे की ओर से आग पर काबू पाने के लिए अभी तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

वनाग्नि को रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं कर रहा वन विभाग.

केदारनाथ वन प्रभाग के अन्तर्गत नाला में वनाग्नि से दो गौशालाएं जलकर खाक हो चुकी हैं. वनाग्नि के रिहायशी इलाकों में पहुंचने पर ग्रामीणों में अफरा-तफरी का मौहाल बना हुआ है. स्थानीय लोगों वनाग्नि से काफी नुकसान हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर रुद्रप्रयाग वन प्रभाग क्षेत्र में पिछले कई दिनों से हुई वनाग्नि में लाखों की वन संपदा भी जल कर नष्ट हो चुकी है. रेंज कार्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर ही जंगलों में आग लगी है. इसके बावजूद भी जिम्मेदार मौन साधे हुए हैं.

ये भी पढ़ें: ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में 11 मार्च को तय की जाएगी केदारनाथ धाम कपाट खुलने की तिथि

इधर, प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार सिंह का कहना है कि जिले में 40 क्रू स्टेशनों की स्थापना की गई है. केदारनाथ वन प्रभाग और रुद्रप्रयाग वन प्रभाग की ओर से वनाग्नि रोकने के लिए व्यापक रुप से प्रचार-प्रसार किया गया है. इसके अलावा वन पंचायत सरपंत, महिला मंगल दल और ग्राम प्रधानों से भी रायशुमारी की जा रही है. वन पंचायतों को वित्तीय सहायता देकर वनाग्नि पर अंकुश लगाई जाएगी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक मास्टर कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है. कंट्रोल रूम में आग लगने की सूचना आने पर आपदा कंट्रोल रूम को तत्काल सूचित किया जाता है.

रुद्रप्रयाग: वन प्रभाग और केदारनाथ वन प्रभाग के जंगलों में आग लगी है. वन विभाग की कुंभकर्णी नींद की वजह से जंगलों की आग रियायशी इलाकों तक पहुंच रही है. वनाग्नि के कारण ग्रामीणों का काफी नुकसान हो रहा है. वहीं, जंगलों में लगी आग की वजह से पर्यावरण को तो नुकसान हो ही रहा है, वहीं, लाखों की वन सम्पदा भी जलकर खाक हो चुकी है. उधर वन महकमे की ओर से आग पर काबू पाने के लिए अभी तक कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

वनाग्नि को रोकने के लिए ठोस उपाय नहीं कर रहा वन विभाग.

केदारनाथ वन प्रभाग के अन्तर्गत नाला में वनाग्नि से दो गौशालाएं जलकर खाक हो चुकी हैं. वनाग्नि के रिहायशी इलाकों में पहुंचने पर ग्रामीणों में अफरा-तफरी का मौहाल बना हुआ है. स्थानीय लोगों वनाग्नि से काफी नुकसान हो रहा है. वहीं, दूसरी ओर रुद्रप्रयाग वन प्रभाग क्षेत्र में पिछले कई दिनों से हुई वनाग्नि में लाखों की वन संपदा भी जल कर नष्ट हो चुकी है. रेंज कार्यालय से पांच किलोमीटर की दूरी पर ही जंगलों में आग लगी है. इसके बावजूद भी जिम्मेदार मौन साधे हुए हैं.

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इधर, प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार सिंह का कहना है कि जिले में 40 क्रू स्टेशनों की स्थापना की गई है. केदारनाथ वन प्रभाग और रुद्रप्रयाग वन प्रभाग की ओर से वनाग्नि रोकने के लिए व्यापक रुप से प्रचार-प्रसार किया गया है. इसके अलावा वन पंचायत सरपंत, महिला मंगल दल और ग्राम प्रधानों से भी रायशुमारी की जा रही है. वन पंचायतों को वित्तीय सहायता देकर वनाग्नि पर अंकुश लगाई जाएगी. उन्होंने बताया कि इसके अलावा एक मास्टर कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है. कंट्रोल रूम में आग लगने की सूचना आने पर आपदा कंट्रोल रूम को तत्काल सूचित किया जाता है.

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