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15 जुलाई से पहले 35 हजार किसान करा सकेंगे खरीफ की फसल का बीमा

रुद्रप्रयाग में किसान धान और मंडुए की फसल का बीमा करा सकते हैं. साथ ही प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान पर भी मुआवजा दिया जाएगा. बीमा के लिए काश्तकारों को सिर्फ दो फीसदी की धनराशि देनी होगी.

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खरीफ फसल बीमा
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Published : Jun 10, 2020, 5:45 PM IST

रुद्रप्रयागः मुख्य विकास अधिकारी मनविंदर कौर ने विकास भवन सभागार में एक बैठक आयोजित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी काश्तकारों का खरीफ की फसल का बीमा कराया जाएगा. इसके तहत आगामी 15 जुलाई से पहले सभी 35 हजार किसानों का बीमा होगा. वहीं, उन्होंने कृषि विभाग और गैर सरकारी संस्था को आपसी समन्वय के साथ सभी काश्तकारों का बीमा कराने को कहा.

मुख्य विकास अधिकारी मनविंदर कौर ने कहा कि बीमा के लिए आवश्यक दस्तावेज खाता खतौनी, पासबुक और आधार नंबर जमा कराएं. जिससे बीमा में कोई समस्या न आए. साथ ही किसान किसी भी प्रकार की क्षति होने पर 72 घंटे में तहसील और कृषि कार्यालय को इसकी सूचना दें. जिससे इंश्योरेंस कंपनी सर्वे कर प्रभावितों को मुआवजा दे सके.

बता दें कि, राज्य सरकार ने खरीफ की फसल को लेकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को अधिकृत किया है. जिले में किसान धान और मंडुए की फसल का बीमा करा सकते हैं. बीमा के लिए काश्तकारों को सिर्फ दो फीसदी की धनराशि देनी होगी.

ये भी पढ़ेंः मदर गार्डन आफ 'लीची' पूरे उत्तर भारत की है शान, लीची और आम से देश दुनिया में इसका नाम

धान की फसल के लिए काश्तकार को प्रति हेक्टेयर 888 रुपये और एक नाली के 27 रुपये 76 पैसे देने होंगे. जबकि, मंडुए की फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 984 रुपये 86 पैसे और प्रति नाली 19 रुपये 70 पैसे की धनराशि देनी होगी.

काश्तकारों को प्राकृतिक आपदा जैसे सूखा, भूस्खलन, आग, ओलावृष्टि आदि से हुए नुकसान में नियमानुसार क्षतिपूर्ति दी जाएगी. साथ ही फसल कटाई की अवधि और फसल कटाई के बाद नुकसान होने की स्थिति में क्षति का मूल्यांकन कर मुआवजा दिया जाएगा. वहीं, काश्तकार अपने नजदीकी कृषि कार्यालय, कॉमन सर्विस सेंटर, बैंक और मुख्य कृषि अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.

रुद्रप्रयागः मुख्य विकास अधिकारी मनविंदर कौर ने विकास भवन सभागार में एक बैठक आयोजित की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सभी काश्तकारों का खरीफ की फसल का बीमा कराया जाएगा. इसके तहत आगामी 15 जुलाई से पहले सभी 35 हजार किसानों का बीमा होगा. वहीं, उन्होंने कृषि विभाग और गैर सरकारी संस्था को आपसी समन्वय के साथ सभी काश्तकारों का बीमा कराने को कहा.

मुख्य विकास अधिकारी मनविंदर कौर ने कहा कि बीमा के लिए आवश्यक दस्तावेज खाता खतौनी, पासबुक और आधार नंबर जमा कराएं. जिससे बीमा में कोई समस्या न आए. साथ ही किसान किसी भी प्रकार की क्षति होने पर 72 घंटे में तहसील और कृषि कार्यालय को इसकी सूचना दें. जिससे इंश्योरेंस कंपनी सर्वे कर प्रभावितों को मुआवजा दे सके.

बता दें कि, राज्य सरकार ने खरीफ की फसल को लेकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के क्रियान्वयन के लिए एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड को अधिकृत किया है. जिले में किसान धान और मंडुए की फसल का बीमा करा सकते हैं. बीमा के लिए काश्तकारों को सिर्फ दो फीसदी की धनराशि देनी होगी.

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धान की फसल के लिए काश्तकार को प्रति हेक्टेयर 888 रुपये और एक नाली के 27 रुपये 76 पैसे देने होंगे. जबकि, मंडुए की फसल के लिए प्रति हेक्टेयर 984 रुपये 86 पैसे और प्रति नाली 19 रुपये 70 पैसे की धनराशि देनी होगी.

काश्तकारों को प्राकृतिक आपदा जैसे सूखा, भूस्खलन, आग, ओलावृष्टि आदि से हुए नुकसान में नियमानुसार क्षतिपूर्ति दी जाएगी. साथ ही फसल कटाई की अवधि और फसल कटाई के बाद नुकसान होने की स्थिति में क्षति का मूल्यांकन कर मुआवजा दिया जाएगा. वहीं, काश्तकार अपने नजदीकी कृषि कार्यालय, कॉमन सर्विस सेंटर, बैंक और मुख्य कृषि अधिकारी कार्यालय से संपर्क कर सकते हैं.

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