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केदारघाटी के सीमांत क्षेत्रों में बर्फबारी, काश्तकारों की बढ़ी परेशानियां - Snowfall in Kedar Ghati

केदारघाटी के सीमांत क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है. जिससे तापमान में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है. निचले क्षेत्रों में बारिश होने से काश्तकारों की भी चिंताए बढ़ गई हैं.

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केदारघाटी के सीमांत क्षेत्रों में बर्फबारी
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Published : Feb 9, 2022, 5:26 PM IST

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के हिमालयी भू-भाग सहित सीमान्त क्षेत्र में एक बार फिर से बर्फबारी होने लगी है. जिससे यहां के तापमान में भारी गिरावट आ गई है. मौसम के बार-बार करवट लेने व निचले क्षेत्रों में बारिश होने से काश्तकारों की चिंताएं बढ़ती जा रही है. निचले क्षेत्रों में बारिश होने से काश्तकारों की खेती खासी प्रभावित हो रही है.

तुंगनाथ घाटी में मौसम के अनुकूल बर्फबारी होने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में खासा इजाफा देखने को मिल तो रहा है, मगर बर्फबारी के कारण मोटरमार्ग कुछ स्थानों पर बाधित होने के कारण पर्यटकों को मंजिल तक पहुंचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें- उत्तराखंड बीजेपी का मेनिफेस्टो जारी, सख्त बनेगा लव जिहाद कानून, 24 हजार युवाओं को तत्काल नौकरी

केदारघाटी में मंगलवार देर रात को अचानक मौसम के करवट बदलने से सुबह होते-होते केदारनाथ, पंवालीकांठा, मनणामाई तीर्थ, शीला समुद्र, मद्महेश्वर, पांडव सेरा, नन्दीकुण्ड, वासुकीताल, विसुणीताल, तुंगनाथ, ताली रौणी सहित ऊंचाई वाले भू-भाग बर्फबारी से लकदक होने तथा निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने से तापमान में भारी गिरावट महसूस होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. निचले क्षेत्रों में बारिश होने से काश्तकारों की दिनचर्या के साथ ही धान की बुवाई भी खासी प्रभावित हो गयी है.

पढ़ें- 'अपना पुष्कर फ्लावर भी है और फायर भी, ना झुकेगा ना रुकेगा', जब राजनाथ सिंह ने बोला पुष्पा फिल्म का डायलॉग

विगत वर्षों की बात करें तो काश्तकार बसंती पंचमी से खेतों में धान की असिंचित बुवाई की तैयारियों में जुट जाता था, मगर इस बार मौसम की बेरूखी के कारण काश्तकार घरों में कैद रहने के लिए विवश है. काश्तकार बिक्रम सिंह रावत ने बताया कि मौसम की बेरूखी के कारण काश्तकारों की धान की असिंचित बुवाई शुरू न होने से काश्तकार खासे परेशान हैं.

तुंगनाथ घाटी में समय-समय पर हो रही बर्फबारी से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा तो हो रहा है, मगर कुण्ड-चोपता-गोपेश्वर मोटर मार्ग पर कई स्थानों पर यातायात बाधित होने से पर्यटकों को मंजिल तक पहुंचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें- देवप्रयाग विधानसभा सीट: जहां सास-बहू के संगम से बनी गंगा, क्या कहती है वहां की जनता

वहीं, ईको पर्यटन विकास समिति अध्यक्ष चोपता भूपेन्द्र मैठाणी ने बताया कि तुंगनाथ घाटी में कई स्थानों पर छह फीट तक बर्फ जमी है. तुंगनाथ धाम में बर्फबारी जारी है. मद्महेश्वर घाटी विकास मंच अध्यक्ष मदन भट्ट ने बताया कि मौसम का मिजाज इसी प्रकार रहने से सीमान्त गांवों में बर्फबारी हो रही है, जिस कारण जनजीवन खासा प्रभावित हो रहा है.

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी के हिमालयी भू-भाग सहित सीमान्त क्षेत्र में एक बार फिर से बर्फबारी होने लगी है. जिससे यहां के तापमान में भारी गिरावट आ गई है. मौसम के बार-बार करवट लेने व निचले क्षेत्रों में बारिश होने से काश्तकारों की चिंताएं बढ़ती जा रही है. निचले क्षेत्रों में बारिश होने से काश्तकारों की खेती खासी प्रभावित हो रही है.

तुंगनाथ घाटी में मौसम के अनुकूल बर्फबारी होने से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में खासा इजाफा देखने को मिल तो रहा है, मगर बर्फबारी के कारण मोटरमार्ग कुछ स्थानों पर बाधित होने के कारण पर्यटकों को मंजिल तक पहुंचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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केदारघाटी में मंगलवार देर रात को अचानक मौसम के करवट बदलने से सुबह होते-होते केदारनाथ, पंवालीकांठा, मनणामाई तीर्थ, शीला समुद्र, मद्महेश्वर, पांडव सेरा, नन्दीकुण्ड, वासुकीताल, विसुणीताल, तुंगनाथ, ताली रौणी सहित ऊंचाई वाले भू-भाग बर्फबारी से लकदक होने तथा निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश होने से तापमान में भारी गिरावट महसूस होने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. निचले क्षेत्रों में बारिश होने से काश्तकारों की दिनचर्या के साथ ही धान की बुवाई भी खासी प्रभावित हो गयी है.

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विगत वर्षों की बात करें तो काश्तकार बसंती पंचमी से खेतों में धान की असिंचित बुवाई की तैयारियों में जुट जाता था, मगर इस बार मौसम की बेरूखी के कारण काश्तकार घरों में कैद रहने के लिए विवश है. काश्तकार बिक्रम सिंह रावत ने बताया कि मौसम की बेरूखी के कारण काश्तकारों की धान की असिंचित बुवाई शुरू न होने से काश्तकार खासे परेशान हैं.

तुंगनाथ घाटी में समय-समय पर हो रही बर्फबारी से स्थानीय पर्यटन व्यवसाय में इजाफा तो हो रहा है, मगर कुण्ड-चोपता-गोपेश्वर मोटर मार्ग पर कई स्थानों पर यातायात बाधित होने से पर्यटकों को मंजिल तक पहुंचने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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