रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किये गए हैं. इस बार भूकंप का केंद्र रुद्रप्रयाग जिला था. दोपहर 12.21 बजे भूकंप के झटके महसूस किये गये, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.3 मापी गई है. वहीं, सूचना है कि भूकंप से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है.
बता दें, उत्तराखंड अपनी विषम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते आपदा से जूझता रहा है. भूकंप के लिहाज से उत्तराखंड को बेहद संवदेनशील माना गया है. प्रदेश में छोटे भूकंप आते रहते हैं. प्रदेश को जोन चार और पांच में रखा गया है. भूकंप के झटके महसूस होते ही लोग अपने घरों से बाहर निकल आए. इस भूकंप से कोई जानमाल का नुकसान नहीं हुआ है.
क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं. जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है. बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं. जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं, नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है.
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भूंकप के केंद्र और तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं, जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है. इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है. कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है.फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है. लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में. अगर कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा.
कैसे मापी जाती है भूकंप की तीव्रता?
भूकंप की जांच रिक्टर स्केल से होती है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है. रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है. भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है. भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है. इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है.