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टाट गांव के डाॅ. लीलानंद कर रहे काले गेहूं की खेती, औषधीय गुणों से है भरपूर - rudraprayag cultivation of black wheat updates

रुद्रप्रयाग के टाट गांव के काश्तकार डाॅ. लीलानंद थपलियाल काले गेहूं की खेती कर रहे हैं. यह गेहूं औषधीय गुणों से भरपूर है. काले गेहूं का उत्पादन सामान्य गेहूं की अपेक्षा अधिक होता है.

rudraprayag cultivation of black wheat
काले गेहूं की खेती.
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Published : Dec 7, 2020, 1:13 PM IST

रुद्रप्रयाग: विकासखंड जखोली के टाट गांव में औषधीय गुणों से भरपूर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के काले गेहूं की बुआई की जा रही है. प्रगतिशील काश्तकार डाॅ. लीलानंद थपलियाल ने अभिनव प्रयोग करते हुए अपने खेतों में काला गेहूं बोया है. इस कार्य में कृषि विभाग ने उनकी मदद की है. कृषकों की मानें तो असिंचित भूमि में अधिक उत्पादन के साथ ही यह गेहूं कई रोगों के लिए रामबाण है. बता दें कि बीते दो दशक से डॉक्टर लीलानंद उद्यानिकी व सब्जी उत्पादन कर रहे हैं.

rudraprayag cultivation of black wheat
अपने खेतों में काले गेहूं की खेती करते डाॅ. लीलानंद थपलियाल.

डॉक्टर लीलानंद थपलियाल ने कृषि विभाग के सहयोग से राजस्थान का भ्रमण किया, जहां उन्हें काले गेहूं की जानकारी मिली. इसके बाद डाॅ. थपलियाल ने इंटरनेट व अन्य माध्यमों से जानकारी जुटाते हुए विशेषज्ञों से भी राय ली. बीते सप्ताह उन्होंने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से दस किलो काला गेहूं मंगाया. कोरियर के माध्यम से आए गेहूं के लिये डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो भुगतान करना पड़ा. इस बीज को तीन खेतों में कृषि विभाग के सहायक विकास अधिकारी सर्वेश्वर पंत व सहायक रोशन लाल की मदद से बोया गया. असिंचित भूमि पर इस बीज से सामान्य बीज की तुलना में लगभग डेढ़ गुना अधिक उत्पादन की उम्मीद है.

यह भी पढे़ं-सोशल मीडिया वॉलंटियर हैं परिवर्तन के वाहक, बैठक में बोले जेपी नड्डा

बता दें कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़ समेत महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में कई काश्तकारों ने काले गेहूं की खेती कर अच्छी आय अर्जित की है. सिलगढ़ समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश बहुगुणा ने कहा कि डाॅ. थपलियाल का यह प्रयास सराहनीय है. इनके दिशा-निर्देशन में अन्य ग्रामीणों को भी काले गेहूं के प्रति जागरूक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि काला गेहूं कई बीमारियों को दूर करता है. इसके सेवन से मनुष्य चुस्त-दुरुस्त रहता है. बाजारों में आ रहे गेहूं में मिलावट रहती है, जिस कारण लोगों को परेशानियां होती हैं.

उन्होंने कहा कि काला गेहूं औषधीय गुणों से भरपूर है. जल्द ही राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से और गेहूं मंगाया जायेगा और अन्य किसानों को भी खेती के लिए जागरूक किया जाएगा. उन्हें इसकी विधि भी बताई जाएगी. वहीं मुख्य कृषि अधिकारी एसएस वर्मा ने बताया कि काले गेहूं का उत्पादन सामान्य गेहूं की अपेक्षा अधिक होता है. साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है. आने वाले समय में जिले के अन्य काश्तकारों को भी काले गेहूं की खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा.

काले गेहूं के गुण सुनकर हैरान रह जाएंगे आप !

  • दिल के रोगों को रखता है दूर
  • कब्ज दूर करे
  • पेट के कैंसर में फायदा
  • हाई ब्लड प्रेशर में लाभ
  • डायबिटीज में असरदार
  • आंतों का इंफेक्शन करे खत्म

पोषक तत्वों की खान है काला गेहूं

  • प्रति 100 ग्राम में 343 कैलोरी
  • पानी 10%
  • प्रोटीन 13.3 ग्राम
  • कार्ब्स 71.5 ग्राम
  • चीनी 0 ग्राम
  • फाइबर 10 ग्राम
  • वसा 3.4 ग्राम

रुद्रप्रयाग: विकासखंड जखोली के टाट गांव में औषधीय गुणों से भरपूर राजस्थान के चित्तौड़गढ़ के काले गेहूं की बुआई की जा रही है. प्रगतिशील काश्तकार डाॅ. लीलानंद थपलियाल ने अभिनव प्रयोग करते हुए अपने खेतों में काला गेहूं बोया है. इस कार्य में कृषि विभाग ने उनकी मदद की है. कृषकों की मानें तो असिंचित भूमि में अधिक उत्पादन के साथ ही यह गेहूं कई रोगों के लिए रामबाण है. बता दें कि बीते दो दशक से डॉक्टर लीलानंद उद्यानिकी व सब्जी उत्पादन कर रहे हैं.

rudraprayag cultivation of black wheat
अपने खेतों में काले गेहूं की खेती करते डाॅ. लीलानंद थपलियाल.

डॉक्टर लीलानंद थपलियाल ने कृषि विभाग के सहयोग से राजस्थान का भ्रमण किया, जहां उन्हें काले गेहूं की जानकारी मिली. इसके बाद डाॅ. थपलियाल ने इंटरनेट व अन्य माध्यमों से जानकारी जुटाते हुए विशेषज्ञों से भी राय ली. बीते सप्ताह उन्होंने राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से दस किलो काला गेहूं मंगाया. कोरियर के माध्यम से आए गेहूं के लिये डेढ़ सौ रुपये प्रति किलो भुगतान करना पड़ा. इस बीज को तीन खेतों में कृषि विभाग के सहायक विकास अधिकारी सर्वेश्वर पंत व सहायक रोशन लाल की मदद से बोया गया. असिंचित भूमि पर इस बीज से सामान्य बीज की तुलना में लगभग डेढ़ गुना अधिक उत्पादन की उम्मीद है.

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बता दें कि राजस्थान के चित्तौड़गढ़ समेत महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश में कई काश्तकारों ने काले गेहूं की खेती कर अच्छी आय अर्जित की है. सिलगढ़ समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश बहुगुणा ने कहा कि डाॅ. थपलियाल का यह प्रयास सराहनीय है. इनके दिशा-निर्देशन में अन्य ग्रामीणों को भी काले गेहूं के प्रति जागरूक किया जाएगा. उन्होंने कहा कि काला गेहूं कई बीमारियों को दूर करता है. इसके सेवन से मनुष्य चुस्त-दुरुस्त रहता है. बाजारों में आ रहे गेहूं में मिलावट रहती है, जिस कारण लोगों को परेशानियां होती हैं.

उन्होंने कहा कि काला गेहूं औषधीय गुणों से भरपूर है. जल्द ही राजस्थान के चित्तौड़गढ़ से और गेहूं मंगाया जायेगा और अन्य किसानों को भी खेती के लिए जागरूक किया जाएगा. उन्हें इसकी विधि भी बताई जाएगी. वहीं मुख्य कृषि अधिकारी एसएस वर्मा ने बताया कि काले गेहूं का उत्पादन सामान्य गेहूं की अपेक्षा अधिक होता है. साथ ही यह स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है. आने वाले समय में जिले के अन्य काश्तकारों को भी काले गेहूं की खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा.

काले गेहूं के गुण सुनकर हैरान रह जाएंगे आप !

  • दिल के रोगों को रखता है दूर
  • कब्ज दूर करे
  • पेट के कैंसर में फायदा
  • हाई ब्लड प्रेशर में लाभ
  • डायबिटीज में असरदार
  • आंतों का इंफेक्शन करे खत्म

पोषक तत्वों की खान है काला गेहूं

  • प्रति 100 ग्राम में 343 कैलोरी
  • पानी 10%
  • प्रोटीन 13.3 ग्राम
  • कार्ब्स 71.5 ग्राम
  • चीनी 0 ग्राम
  • फाइबर 10 ग्राम
  • वसा 3.4 ग्राम

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