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केदारनाथ में अब रात-दिन होगा पुनर्निर्माण कार्य, मौसम को देखते हुए डीएम ने लिया बड़ा फैसला

मानसून सीजन शुरू होने के बाद से केदारधाम में पल-पल मौसम बदल रहा है. जिसके कारण यहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों में लगातार देरी हो रही है. धाम में पुननिर्माण कार्यों में तेजी लाने को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने धाम पहुंचकर निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिये

रात के समय में भी होंगे केदारधाम में पुनर्निर्माण कार्य
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Published : Jul 10, 2019, 10:14 PM IST

रुद्रप्रयाग: मौसम को देखते हुए अब केदारनाथ धाम में रात के समय में भी पुनर्निर्माण कार्य किये जायेंगे. धाम में कब मौसम बदल जाय कहा नहीं जा सकता. ऐसे में केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों को गति देने के लिए ये फैसला लिया गया है. बता दें कि इन दिनों केदारनाथ में सरस्वती नदी के घाट पर सुरक्षा दीवार, शंकराचार्य समाधि स्थल एवं तीर्थ पुरोहितों के भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है. जिन्हें हर हाल में अगले वर्ष तक पूरा किया जाना है.

रात के समय में भी होंगे केदारधाम में पुनर्निर्माण कार्य

दरअसल, मानसून सीजन शुरू होने के बाद से केदारधाम में पल-पल मौसम बदल रहा है. जिसके कारण यहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों में लगातार देरी हो रही है. धाम में पुननिर्माण कार्यों में तेजी लाने को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने धाम पहुंचकर निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि केदारनाथ में जिस भी समय मौसम साफ रहे निर्माण कार्यों किये जाएं. रात के समय भी निर्माण एजेंसियां पुनर्निर्माण कार्यों में जुट जाएं.

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि केदारधाम में बारिश का होना आम बात है. ऐसे में रात में पुनर्निर्माण कार्य करने से निर्माण कार्यों में गति आयेगी. जिससे कार्य समय से पूरा हो पाएगा. जिलाधिकारी ने केदारधाम में कुंडों की रिपोर्ट व आंकलन तैयार कर पर्यटन सचिव को भेजने, पूर्व में स्वीकृत हुए तीन प्रशासनिक भवनों को यथाशीघ्र बनाने, मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी पर बनने वाले पुलों के कार्यो में तेजी लाने के साथ ही केदारधाम में संचालित सभी कार्यो में को समय से निपटाने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिये.

जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं को दिन और रात के समय निर्माणकार्य करने के निर्देश भी दिए. जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यो में तेजी लाने के लिए कार्यदायी संस्था किसी एक स्थान पर कार्य होने के बाद उस मशीन को दूसरे स्थान पर लगाए. समाधी स्थल एवं पुल के कार्यों को दिन-रात करने के लिये कार्यदायी संस्थाओं के अभियन्ताओं को पर्यवेक्षक के रूप में कार्य करने के निर्देश दिए गये हैं. उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्था कार्यस्थल पर बैठककर मॉनिटरिंग करे, जिससे जानकारी रहे कि मशीनों द्वारा औसतन कितना कार्य किया जा रहा है.

जिलाधिकारी ने सुलभ इण्टरनेशनल व नगर पंचायत, केदानाथ को सफाई पर ध्यान देने के साथ ही यात्रा के लिए कार्यरत सफाई कर्मचारियों को शीघ्र वेतन देने, विद्युत विभाग को जीएमवीएन के समीप लगे ट्रांसफार्मर को हटाने के निर्देश दिये. साथ ही उन्होंने हेलीपैड के समीप डंडी-कंडी और पालकी के लिये स्टैंड बनाने, हर पड़ाव पर खोया-पाया केन्द्र बनाने, मानक के अनुरूप भीमबली, लिनचोली एवं केदारनाथ में भंडारे लगाने की बात कही.

रुद्रप्रयाग: मौसम को देखते हुए अब केदारनाथ धाम में रात के समय में भी पुनर्निर्माण कार्य किये जायेंगे. धाम में कब मौसम बदल जाय कहा नहीं जा सकता. ऐसे में केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों को गति देने के लिए ये फैसला लिया गया है. बता दें कि इन दिनों केदारनाथ में सरस्वती नदी के घाट पर सुरक्षा दीवार, शंकराचार्य समाधि स्थल एवं तीर्थ पुरोहितों के भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है. जिन्हें हर हाल में अगले वर्ष तक पूरा किया जाना है.

रात के समय में भी होंगे केदारधाम में पुनर्निर्माण कार्य

दरअसल, मानसून सीजन शुरू होने के बाद से केदारधाम में पल-पल मौसम बदल रहा है. जिसके कारण यहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों में लगातार देरी हो रही है. धाम में पुननिर्माण कार्यों में तेजी लाने को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने धाम पहुंचकर निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि केदारनाथ में जिस भी समय मौसम साफ रहे निर्माण कार्यों किये जाएं. रात के समय भी निर्माण एजेंसियां पुनर्निर्माण कार्यों में जुट जाएं.

जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि केदारधाम में बारिश का होना आम बात है. ऐसे में रात में पुनर्निर्माण कार्य करने से निर्माण कार्यों में गति आयेगी. जिससे कार्य समय से पूरा हो पाएगा. जिलाधिकारी ने केदारधाम में कुंडों की रिपोर्ट व आंकलन तैयार कर पर्यटन सचिव को भेजने, पूर्व में स्वीकृत हुए तीन प्रशासनिक भवनों को यथाशीघ्र बनाने, मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी पर बनने वाले पुलों के कार्यो में तेजी लाने के साथ ही केदारधाम में संचालित सभी कार्यो में को समय से निपटाने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिये.

जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं को दिन और रात के समय निर्माणकार्य करने के निर्देश भी दिए. जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यो में तेजी लाने के लिए कार्यदायी संस्था किसी एक स्थान पर कार्य होने के बाद उस मशीन को दूसरे स्थान पर लगाए. समाधी स्थल एवं पुल के कार्यों को दिन-रात करने के लिये कार्यदायी संस्थाओं के अभियन्ताओं को पर्यवेक्षक के रूप में कार्य करने के निर्देश दिए गये हैं. उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्था कार्यस्थल पर बैठककर मॉनिटरिंग करे, जिससे जानकारी रहे कि मशीनों द्वारा औसतन कितना कार्य किया जा रहा है.

जिलाधिकारी ने सुलभ इण्टरनेशनल व नगर पंचायत, केदानाथ को सफाई पर ध्यान देने के साथ ही यात्रा के लिए कार्यरत सफाई कर्मचारियों को शीघ्र वेतन देने, विद्युत विभाग को जीएमवीएन के समीप लगे ट्रांसफार्मर को हटाने के निर्देश दिये. साथ ही उन्होंने हेलीपैड के समीप डंडी-कंडी और पालकी के लिये स्टैंड बनाने, हर पड़ाव पर खोया-पाया केन्द्र बनाने, मानक के अनुरूप भीमबली, लिनचोली एवं केदारनाथ में भंडारे लगाने की बात कही.

रात के समय में भी होंगे केदारधाम में पुनर्निर्माण कार्य: मंगेश
जिलाधिकारी ने केदारपुरी पहुंचकर निर्माण कार्यों का लिया जायजा
धाम में पल-पल मौसम बदलने से कार्य में आ रही दिक्कतें
मौसम को देखते हुए डीएम ने रात और दिन दो शिफ्टों में कार्य करने के दिये निर्देश
शंकराचार्य समाधि स्थल, घाट सुरक्षा निर्माण व तीर्थ पुरोहितों के भवनों का होना है कार्य
उत्तराखण्ड डेस्क
स्लग - केदार पुनर्निर्माण जायजा
रिपोर्ट - रोहित डिमरी/10 जुलाई 2019/रुद्रप्रयाग/एवीबी
एंकर - मौसम को देखते हुए अब केदारनाथ धाम में रात के समय में भी पुर्निर्माण कार्य किये जायेंगे। धाम में कब मौसम बदल जाय, कहा नहीं जा सकता। ऐसे में जिस समय मौसम साफ रहेगा, धाम में निर्माण कार्यों को गति दी जायेगी। इन दिनों धाम में सरस्वती नदी पर घाटी व सुरक्षा दीवार, शंकराचार्य समाधि स्थल एवं तीर्थ पुरोहितों के भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है, जिन्हें हर हाल में अगले वर्ष तक पूरा किया जाना जरूरी है।
दरअसल, मानसून सीजन शुरू होने के बाद से केदारधाम में पल-पल में मौसम बदल रहा है। वैसे भी धाम में मौसम का मिजाज कब बदल जाय, यह कहना मुश्किल है और इन दिनों धाम में बारिश का सिलसिला जारी है, जिस कारण पुनिर्माण कार्यों को करने में भी दिक्कतें हो रही है। धाम में पुननिर्माण कार्यों में तेजी लाने को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने धाम पहुंचकर निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिये कि जिस समय भी मौसम साफ रहता है, निर्माण कार्यों को तेजी से किया जाय। चाहे फिर रात के समय ही क्यों न मौसम साफ हो। रात के समय भी निर्माण एजेंसियां पुनर्निर्माण कार्यों में जुट जायं। उन्होंने कहा कि केदारधाम में बारिश का होना आम बात है। मौसम पल-पल में बदलता रहता है। बारिश के समय काम बंद रखा जायं और बारिश बंद होते ही सीधे पुनर्निर्माण कार्यों को किया जाय। ऐसा करने से निर्माण कार्यों में गति आयेगी और अगले वर्ष तक कार्य भी पूरे हो सकेंगे। जिलाधिकारी केदारधाम में अवस्थित कुण्डों की रिपोर्ट व आंकलन तैयार कर सचिव पर्यटन को भेजने, पूर्व में स्वीकृत हुए तीन प्रशासनिक भवनोें को यथाशीघ्र बनाने, मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी पर बनने वाले पुलों के कार्यो में तेेजी लाने के साथ ही केदारधाम में संचालित सभी कार्यो में तेेजी लाने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिये। जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं को निर्माण कार्य दिन और रात दोनों शिफ्टों में करने, समय रहते ही मशीनों के महत्वपूर्ण पाटर््स जेसीबी, सीएटी आदि को मंगाने के साथ ही मशीन के चालन के लिए अपना आॅपरेटर रखने के निर्देश भी दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यो में तेजी लाने के लिए कार्यदायी संस्था किसी एक स्थान पर कार्य होने के बाद उस मशीन को दूसरे स्थान पर कार्य में लगाए। समाधी स्थल एवं पुल के कार्यो को दिन-रात करने के लिये कार्यदायी संस्थाओं के अभियन्ताओं को पर्यवेक्षक के रूप में कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि कार्यदायी संस्था कार्यस्थल पर बैठककर माॅनिटरिंग करे, जिससे जानकारी रहे कि मशीनों द्वारा औसतन कितना कार्य किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने सुलभ इण्टरनेशनल व नगर पंचायत, केदानाथ को सफाई पर ध्यान देने के साथ ही यात्रा के लिए कार्यरत सफाई कर्मचारियों को शीघ्र वेतन देने, विद्युत विभाग को जीएमवीएन के समीप लगे ट्रासफामर को हटाने के निर्देश दिये। इस अवसर पर स्थानीय लोगों ने आगामी यात्रा 2020-2021 को बेहतरीन बनाने के लिये सुझाव भी दिए। हेलीपैड के समीप डण्डी-कण्डी और पालकी के लिये स्टेण्ड बनाने, हर पड़ाव पर खोया-पाया केन्द्र बनाने, मानक के अनुरूप भीमबली, लिनचोली एवं केदारनाथ में भण्डारे लगाये जाने, हेली की आॅनलाइन बुकिंग के लिये कुछ नया सिस्टम डेवलप करने, मंदाकिनी नदी की दूसरी ओर टेन्ट कलोनी बनाये जाने, जिसमें एक हजार दर्शनार्थियों के लिए रूकने की व्यवस्था, गौरीकुण्ड में सुरक्षा दीवार के साथ-साथ गौरीकुण्ड से तप्त कुण्ड तक जाने वाले रास्ते स्टेण्ड और शौचालय बनाये जाने का सुझाव दिया।
बाइट - मंगेश घिल्डियाल, जिलाधिकारी 
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