रुद्रप्रयाग: मौसम को देखते हुए अब केदारनाथ धाम में रात के समय में भी पुनर्निर्माण कार्य किये जायेंगे. धाम में कब मौसम बदल जाय कहा नहीं जा सकता. ऐसे में केदारनाथ धाम में चल रहे निर्माण कार्यों को गति देने के लिए ये फैसला लिया गया है. बता दें कि इन दिनों केदारनाथ में सरस्वती नदी के घाट पर सुरक्षा दीवार, शंकराचार्य समाधि स्थल एवं तीर्थ पुरोहितों के भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है. जिन्हें हर हाल में अगले वर्ष तक पूरा किया जाना है.
दरअसल, मानसून सीजन शुरू होने के बाद से केदारधाम में पल-पल मौसम बदल रहा है. जिसके कारण यहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों में लगातार देरी हो रही है. धाम में पुननिर्माण कार्यों में तेजी लाने को लेकर जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने धाम पहुंचकर निर्माण एजेंसियों को निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि केदारनाथ में जिस भी समय मौसम साफ रहे निर्माण कार्यों किये जाएं. रात के समय भी निर्माण एजेंसियां पुनर्निर्माण कार्यों में जुट जाएं.
जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि केदारधाम में बारिश का होना आम बात है. ऐसे में रात में पुनर्निर्माण कार्य करने से निर्माण कार्यों में गति आयेगी. जिससे कार्य समय से पूरा हो पाएगा. जिलाधिकारी ने केदारधाम में कुंडों की रिपोर्ट व आंकलन तैयार कर पर्यटन सचिव को भेजने, पूर्व में स्वीकृत हुए तीन प्रशासनिक भवनों को यथाशीघ्र बनाने, मंदाकिनी एवं सरस्वती नदी पर बनने वाले पुलों के कार्यो में तेजी लाने के साथ ही केदारधाम में संचालित सभी कार्यो में को समय से निपटाने के निर्देश कार्यदायी संस्था को दिये.
जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्थाओं को दिन और रात के समय निर्माणकार्य करने के निर्देश भी दिए. जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यो में तेजी लाने के लिए कार्यदायी संस्था किसी एक स्थान पर कार्य होने के बाद उस मशीन को दूसरे स्थान पर लगाए. समाधी स्थल एवं पुल के कार्यों को दिन-रात करने के लिये कार्यदायी संस्थाओं के अभियन्ताओं को पर्यवेक्षक के रूप में कार्य करने के निर्देश दिए गये हैं. उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्था कार्यस्थल पर बैठककर मॉनिटरिंग करे, जिससे जानकारी रहे कि मशीनों द्वारा औसतन कितना कार्य किया जा रहा है.
जिलाधिकारी ने सुलभ इण्टरनेशनल व नगर पंचायत, केदानाथ को सफाई पर ध्यान देने के साथ ही यात्रा के लिए कार्यरत सफाई कर्मचारियों को शीघ्र वेतन देने, विद्युत विभाग को जीएमवीएन के समीप लगे ट्रांसफार्मर को हटाने के निर्देश दिये. साथ ही उन्होंने हेलीपैड के समीप डंडी-कंडी और पालकी के लिये स्टैंड बनाने, हर पड़ाव पर खोया-पाया केन्द्र बनाने, मानक के अनुरूप भीमबली, लिनचोली एवं केदारनाथ में भंडारे लगाने की बात कही.