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रुद्रप्रयाग के रांसी गांव में शुरू हुई दिवारा यात्रा, भगवती राकेश्वरी की है ये मान्यता - Diwara Yatra started

मदमहेश्वर घाटी (Rudraprayag Madmaheshwar Valley) के ग्रामीणों की आराध्य देवी व रांसी गांव (Rudraprayag Ransi Village) में विराजमान भगवती राकेश्वरी के मंदिर में आयोजित पौराणिक मांगलिक जागरों का गायन, देव डोलियों के नृत्य व सामूहिक भोज के साथ संपन्न हो गया है. साथ ही आगामी 12 वर्षों में आयोजित होने वाले भगवती राकेश्वरी की दिवारा यात्रा का श्रीगणेश हो गया है.

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Published : Dec 12, 2022, 7:22 AM IST

रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर घाटी (Rudraprayag Madmaheshwar Valley) के ग्रामीणों की आराध्य देवी व रांसी गांव (Rudraprayag Ransi Village) में विराजमान भगवती राकेश्वरी के मंदिर में आयोजित पौराणिक मांगलिक जागरों का गायन, देव डोलियों के नृत्य व सामूहिक भोज के साथ संपन्न हो गया है. जिसमें सैकड़ों भक्तों ने शामिल होकर पुण्य अर्जित किया. पौराणिक मांगलिक जागरों के गायन के साथ ही भगवती राकेश्वरी की चल विग्रह उत्सव मूर्तियां मंदिर गर्भगृह से सभा मंडप में विराजमान हो गयी है और आगामी 12 वर्षों में आयोजित होने वाली भगवती राकेश्वरी की दिवारा यात्रा का श्रीगणेश हो गया है.

शनिवार देर सायं को पंडित रोशन देवशाली व नवीन देवशाली ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजायें संपन्न कर भगवती राकेश्वरी (Maa Bhagwati Rakeshwari) सहित सभी देवी-देवताओं का आह्वान किया तो ठीक सात बजे सायं से पूर्ण सिंह पंवार व शिवराज सिंह पंवार के नेतृत्व में 10 से अधिक ग्रामीणों ने पौराणिक मांगलिक जागरों का शुभारंभ किया. पौराणिक मांगलिक जागरों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण व भगवती राकेश्वरी सहित 33 कोटि देवी-देवताओं का आह्वान किया गया. पौराणिक मांगलिक जागर गायन का सिलसिला रविवार सुबह तक जारी रहा.
पढ़ें-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में किया रुद्राभिषेक, नक्षत्र वाटिका का किया उद्घाटन

इस दौरान राकेश्वरी मंदिर के पुजारी भगवती प्रसाद भट्ट, केशरी प्रसाद भट्ट, मानवेन्द्र प्रसाद भट्ट, ईश्वरी प्रसाद भट्ट व सूरज भट्ट ने रात्रि में चारों तरफ चार आरतियां उतार कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की. रविवार दोपहर को देव डोलियों के नृत्य, शुद्धीकरण यज्ञ व सामूहिक भोज के साथ पौराणिक मांगलिक जागरों का समापन हुआ. मंदिर समिति अध्यक्ष जगत सिंह पंवार ने बताया कि पौराणिक मांगलिक जागरों के साथ ही भगवती राकेश्वरी की 12 वर्षों तक चलने वाली दिवारा यात्रा का श्रीगणेश हो गया है तथा आने वाले समय में भगवती नंदा के पौराणिक मांगलिक जागरों का आयोजन किया जायेगा.

प्रधान कुंती नेगी ने बताया कि पौराणिक मांगलिक जागरों के सफल आयोजन में मदमहेश्वर घाटी के 8 जुला गांवों के ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा. मंदिर समिति उपाध्यक्ष मदन भट्ट ने बताया कि पौराणिक मांगलिक जागरों के गायन के आयोजन को लेकर मदमहेश्वर घाटी के जनमानस में भारी उत्साह देखने को मिला. लेखाकार दलीप सिंह रावत, कार्तिक सिंह खोयाल ने बताया कि भगवती राकेश्वरी के अन्य धार्मिक अनुष्ठानों की तिथि मकर संक्रांति पर्व पर पंचांग गणना के अनुसार घोषित की जाएगी.

रुद्रप्रयाग: मदमहेश्वर घाटी (Rudraprayag Madmaheshwar Valley) के ग्रामीणों की आराध्य देवी व रांसी गांव (Rudraprayag Ransi Village) में विराजमान भगवती राकेश्वरी के मंदिर में आयोजित पौराणिक मांगलिक जागरों का गायन, देव डोलियों के नृत्य व सामूहिक भोज के साथ संपन्न हो गया है. जिसमें सैकड़ों भक्तों ने शामिल होकर पुण्य अर्जित किया. पौराणिक मांगलिक जागरों के गायन के साथ ही भगवती राकेश्वरी की चल विग्रह उत्सव मूर्तियां मंदिर गर्भगृह से सभा मंडप में विराजमान हो गयी है और आगामी 12 वर्षों में आयोजित होने वाली भगवती राकेश्वरी की दिवारा यात्रा का श्रीगणेश हो गया है.

शनिवार देर सायं को पंडित रोशन देवशाली व नवीन देवशाली ने पंचाग पूजन के तहत अनेक पूजायें संपन्न कर भगवती राकेश्वरी (Maa Bhagwati Rakeshwari) सहित सभी देवी-देवताओं का आह्वान किया तो ठीक सात बजे सायं से पूर्ण सिंह पंवार व शिवराज सिंह पंवार के नेतृत्व में 10 से अधिक ग्रामीणों ने पौराणिक मांगलिक जागरों का शुभारंभ किया. पौराणिक मांगलिक जागरों के माध्यम से भगवान श्रीकृष्ण व भगवती राकेश्वरी सहित 33 कोटि देवी-देवताओं का आह्वान किया गया. पौराणिक मांगलिक जागर गायन का सिलसिला रविवार सुबह तक जारी रहा.
पढ़ें-राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज प्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में किया रुद्राभिषेक, नक्षत्र वाटिका का किया उद्घाटन

इस दौरान राकेश्वरी मंदिर के पुजारी भगवती प्रसाद भट्ट, केशरी प्रसाद भट्ट, मानवेन्द्र प्रसाद भट्ट, ईश्वरी प्रसाद भट्ट व सूरज भट्ट ने रात्रि में चारों तरफ चार आरतियां उतार कर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की. रविवार दोपहर को देव डोलियों के नृत्य, शुद्धीकरण यज्ञ व सामूहिक भोज के साथ पौराणिक मांगलिक जागरों का समापन हुआ. मंदिर समिति अध्यक्ष जगत सिंह पंवार ने बताया कि पौराणिक मांगलिक जागरों के साथ ही भगवती राकेश्वरी की 12 वर्षों तक चलने वाली दिवारा यात्रा का श्रीगणेश हो गया है तथा आने वाले समय में भगवती नंदा के पौराणिक मांगलिक जागरों का आयोजन किया जायेगा.

प्रधान कुंती नेगी ने बताया कि पौराणिक मांगलिक जागरों के सफल आयोजन में मदमहेश्वर घाटी के 8 जुला गांवों के ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा. मंदिर समिति उपाध्यक्ष मदन भट्ट ने बताया कि पौराणिक मांगलिक जागरों के गायन के आयोजन को लेकर मदमहेश्वर घाटी के जनमानस में भारी उत्साह देखने को मिला. लेखाकार दलीप सिंह रावत, कार्तिक सिंह खोयाल ने बताया कि भगवती राकेश्वरी के अन्य धार्मिक अनुष्ठानों की तिथि मकर संक्रांति पर्व पर पंचांग गणना के अनुसार घोषित की जाएगी.

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