रुद्रप्रयाग: पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विश्व प्रसिद्ध भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने अंतिम रात्रि प्रवास के लिए भनकुण्ड पहुंची. शुक्रवार को भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कडेय तीर्थ तुंगनाथ मन्दिर मक्कूमठ में विराजमान होगी. वहीं शनिवार से भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजा विधिवत मक्कूमठ में शुरू होगी.
गुरूवार को भूतनाथ मंदिर चोपता में विद्वान आचार्यों ने बह्म बेला पर पंचाग पूजन के तहत भगवान तुंगनाथ सहित तैतीस कोटि देवताओं का आह्वान कर आरती उतारी. ठीक आठ बजे भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली अपने अगले पड़ाव के लिए रवाना हुई. स्थानीय वाद्य यंत्रों की मधुर धुनों तथा शिव भक्तों की जयकारों से तुंगनाथ घाटी का वातावरण शिवमय हो गया.
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भगवान तुंगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के बनियाकुण्ड, दुगलबिट्टा, पवधार आगमन पर स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया. भगवान तुंगनाथ की डोली के मक्कूबैण्ड आगमन पर केदार धाम के पूर्व प्रधान पुजारी व पूरी पूर्व प्रधानाचार्य मोहन सिंह बजवाल सहित सैकड़ों श्रद्धालुओं ने डोली के साथ चल रहे भक्तों के लिए जलपान की व्यवस्था की.