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केदारनाथ: दक्षिण भारत की सांस्कृतिक झलक, बारिश के बीच शानदार नृत्य

सावन माह के प्रथम दिन चन्द्र ग्रहण समाप्त होने के बाद सुबह पांच बजे केदारनाथ धाम के कपाट विधि-विधान से खोले गये. ठीक छह बजे मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गये

केदारनाथ धाम
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Published : Jul 17, 2019, 1:26 PM IST

Updated : Jul 17, 2019, 4:33 PM IST

रुद्रप्रयाग: वैसे तो हर समय भक्त अपने आराध्य बाबा केदार की भक्ति में झूमते रहते हैं, लेकिन सावन का महीना शुरू होते ही भक्त बाबा केदार की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. बाबा केदार का महाभिषेक करने के लिये श्रद्धालु जल लेकर देश के अनेक हिस्सों से केदारनाथ धाम पहुंचते हैं.

केदारनाथ धाम

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी विश्व विख्यात केदारनाथ के दरबार में सावन माह के पहले दिन हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे. श्रद्धालुओं ने बाबा केदार का जलाभिषेक किया.

पढ़ें- इस वजह से भगवान शिव को सावन में चढ़ाया जाता है जल, त्रेतायुग से चली आ रही है परंपरा

सावन माह के प्रथम दिन चन्द्रग्रहण समाप्त होने के बाद सुबह पांच बजे केदारनाथ धाम के कपाट विधि-विधान से खोले गये. जिसके बाद मंदिर की सफाई और बाबा केदार की विशेष पूजा संपन्न की गईं. ठीक छह बजे मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गये. दक्षिण भारत से पहुंची एक टीम ने केदार मंदिर के प्रांगण में दक्षिण भारत का एक नृत्य प्रस्तुत किया.

रुद्रप्रयाग: वैसे तो हर समय भक्त अपने आराध्य बाबा केदार की भक्ति में झूमते रहते हैं, लेकिन सावन का महीना शुरू होते ही भक्त बाबा केदार की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. बाबा केदार का महाभिषेक करने के लिये श्रद्धालु जल लेकर देश के अनेक हिस्सों से केदारनाथ धाम पहुंचते हैं.

केदारनाथ धाम

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी विश्व विख्यात केदारनाथ के दरबार में सावन माह के पहले दिन हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे. श्रद्धालुओं ने बाबा केदार का जलाभिषेक किया.

पढ़ें- इस वजह से भगवान शिव को सावन में चढ़ाया जाता है जल, त्रेतायुग से चली आ रही है परंपरा

सावन माह के प्रथम दिन चन्द्रग्रहण समाप्त होने के बाद सुबह पांच बजे केदारनाथ धाम के कपाट विधि-विधान से खोले गये. जिसके बाद मंदिर की सफाई और बाबा केदार की विशेष पूजा संपन्न की गईं. ठीक छह बजे मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गये. दक्षिण भारत से पहुंची एक टीम ने केदार मंदिर के प्रांगण में दक्षिण भारत का एक नृत्य प्रस्तुत किया.

Intro:सावन माह शुरू होते ही केदार की भक्ति में झूमने लगे भक्त
सुनसान पड़ा केदारनाथ धाम श्रद्धालुओं की आवाजाही से होने लगा गुलजार
जल लेकर देश के अनेक हिस्सों से पहुंच रहे हैं बाबा केदार के भक्त

एंकर - वैसे तो हर समय भक्त अपने आराध्य बाबा केदार की भक्ति में झूमते रहते हैं, लेकिन सावन का महीना शुरू होते ही भक्त बाबा केदार की विशेष तरह की पूजा-अर्चना करते हैं। बाबा केदार का महाभिषेक करने के लिये श्रद्धालु जल लेकर देश के अनेक हिस्सों से केदारनाथ धाम पहुंचते हैं। सावन माह शुरू होते ही केदारनाथ धाम में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है। भक्त अनेक तरह से अपने आराध्य बाबा केदार को खुश कर रहे हैं।
Body:सावन को जहां पवित्र महीना माना गया है। वहीं सावन माह भगवान शिव का भी अतिप्रिय माह है। इस महीने शिव मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है। श्रद्धालु दुग्धाभिषेक, जलाभिषेक सहित अनेक पूजाएं सपंन्न करवाकर भोले को खुश करते हैं। द्वादश ज्योर्तिलिंगों में अग्रणी विश्व विख्यात केदारनाथ के दरबार में सावन माह के पहले दिन हजारों की संख्या में भक्त पहुंचे। श्रद्धालुओं ने बाबा केदार का जलाभिषेक किया। पिछले कुछ दिनों से भक्तों के अभाव में सुनसान पड़ा केदारनाथ धाम सावन माह शुरू होते ही भक्तों की आवाजाही से गुलजार होने लगा है। भक्तों के साथ ही कांवड़ियों दूर-दराज क्षेत्रों से जल लेकर केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। Conclusion:सावन माह के प्रथम दिन चन्द्रग्रहण समाप्त होने के बाद सुबह पांच बजे केदारनाथ धाम के कपाट विधि-विधान से खोले गये। जिसके बाद मंदिर की सफाई और बाबा केदार की विशेष पूजाएं संपंन की गई। ठीक छह बजे मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले गये। दक्षिण भारत से पहुंची एक टीम ने केदार मंदिर के प्रागंण में दक्षिण भारत का एक नृत्य प्रस्तुत किया। जिसे देखने के लिये सभी भक्तों एवं स्थानीय लोगों की भीड़ उमड़ी पड़ी।
Last Updated : Jul 17, 2019, 4:33 PM IST
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