रुद्रप्रयाग: तल्लानागपुर पट्टी का उतर्सू गांव आज भी सड़क मार्ग से वंचित है. सड़क के अभाव में ग्रामीणों को चार किमी का सफर पैदल तय करना पड़ रहा है, जबकि सबसे बड़ी समस्या मरीज को सड़क मार्ग तक पहुंचाने में हो रही हैं. ऐसे में मरीज रास्ते में ही दम तोड़ रहे हैं.
बता दें कि वर्षों से तल्लानागपुर पट्टी के उतर्सू गांव के ग्रामीण सड़क मार्ग की मांग कर रहे हैं. रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए ग्रामीणों को मुख्य बाजार चोपड़ा आना पड़ता है. वहीं 5वीं पास के बाद आगे की पढ़ाई के लिए ग्रामीण बच्चे भी चोपड़ा पहुंचते हैं. हर दिन ग्रामीण और स्कूली बच्चे 8 किमी आना-जाना कर रहे हैं. ग्रामीणों के सामने सबसे बड़ी समस्या गर्भवती महिलाओं, घायल ग्रामीणों को सड़क मार्ग तक पहुंचाने की हो रही है. पिछले दिनों घास काटने गई एक बालिका पहाड़ी से गिरकर घायल हो गई, जिसे सड़क मार्ग तक पहुंचाने में काफी समय लग गया और बालिका ने दम तोड़ दिया. इसके अलावा एक गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाने में ग्रामीणों की हालात खराब हो गई और आखिरी में गर्भवती महिला ने भी दम तोड़ दिया. इसके साथ ही एक बुजुर्ग व्यक्ति को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाया और उसने भी दम तोड़ दिया.
ग्रामीण धर्मेन्द बिष्ट, बलबीर बिष्ट, लक्ष्मण बिष्ट, महेन्द्र बिष्ट, शांति देवी, संजय नेगी, मगन सिंह नेगी, जानकी देवी, दलबीर सिंह, जोत सिंह बिष्ट, विजय बिष्ट, प्रमोद नेगी ने कहा कि चोपड़ा-चापड़-डुंगरी मोटरमार्ग से उतर्सू गांव के लिए साढ़े तीन किमी मोटरमार्ग का निर्माण किया जाना है. लेकिन आज तक यह कार्य शुरू नहीं हो पाया है. तीन साल पहले मोटर मार्ग निर्माण को लेकर सर्वे का कार्य किया गया. इसके बाद कोई भी कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है.
ग्रामीण धर्मेन्द बिष्ट ने कहा कि सड़क के अभाव में ग्रामीण खुद को पिछड़ा हुआ समझते हैं. मोटर मार्ग की सुविधा नहीं होने से हादसे पर हादसे हो रहे हैं. स्कूली बच्चे चार से पांच किलो के बैग को पीठ पर ढोकर चार किमी का पैदल सफर तय करते हैं. गांव में जंगली जानवरों का भय भी बना हुआ है. कहा कि उतर्सू गांव के 30 परिवार लम्बे समय से सड़क निर्माण की मांग कर रहे हैं और अगर मोटरमार्ग निर्माण में कोई समस्या है तो विभाग उसका भी जल्द समाधान करे.