रुद्रप्रयागः पहाड़ों में बारिश से भूस्खलन की घटनाएं बढ़ती जा रही है. रुद्रप्रयाग जिले के दूरस्थ गांव छिनका (landslide in chinka village) में सोमवार देर रात बारिश के कारण भूस्खलन हो गया. इस भूस्खलन में कई आवासीय भवन और गौशालाएं मलबे (Debris entered house and cowshed due to landslide) की चपेट में आ गए. साथ ही ग्रामीणों के कई खेत भी पूरी तरह से आपदा की भेंट चढ़ गए.
पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश और भूस्खलन का सितम जारी है. बारिश के बाद हो रहे भूस्खलन के कारण लोगों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं. सोमवार देर रात दूरस्थ छिनका गांव में भारी भूस्खलन होने से तीन गौशालाएं ध्वस्त हो गईं. जबकि चार से अधिक आवासीय भवनों के भीतर मलबा और पानी घुस गया. इतना ही नहीं, ग्रामीणों के धान से भरे खेत भी मलबे की चपेट में आने से बुरी तरह तबाह हो गया.
सोमवार देर रात छिनका गांव में बारिश के कारण ग्रामीण विजय लाल, राहुल लाल, जीतपाल सिंह राणा, जगदीश सिंह नेगी, राजेन्द्र नेगी, नरेन्द्र सिंह नेगी आदि की गौशाला और आवासीय भवनों में मलबा घुस गया. जबकि ग्रामीण शिव प्रसाद सती, विष्णु प्रसाद सती, रविंद्र सती, प्रकाश सती आदि के खेत मलबे के भेंट चढ़ गए. इतना ही नहीं, गांव की सिंचाई नहरें, पेयजल योजनाएं भी क्षतिग्रस्त हो गई. गांव के 21 परिवारों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. तहसील प्रशासन ने दो परिवारों को सुरक्षित जगह शिफ्ट कर दिया है. जबकि प्रभावित परिवारों को तहसील प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर सहायता राशि दी है.
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महड़ गांव में आकाशीय बिजली का कहरः दूसरी ओर दशज्यूला कांडई के अंतर्गत महड़ गांव में बिजली गिरने से एक भैंस व दो बकरियों की मौत के साथ ही दो घोड़ों के आंखों की रोशनी चली गई है. जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि छिनका गांव में सूचना मिलने के बाद राहत बचाव के लिए डीडीआरएफ की टीम और तहसील प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. प्रभावित ग्रामीणों को सहायता राशि के साथ ही कंबल एवं रसोई का सामान वितरित किया गया है. यहां ग्रामीणों की फसलों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. प्रभावित परिवारों को मलबे की सफाई तक अन्यत्र शिफ्ट किया गया है.
जिला पंचायत अध्यक्ष सुमंत तिवारी भी मौके पर पहुंचे और प्रभावित ग्रामीणों से वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रभावित ग्रामीणों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी. सभी प्रभावितों को समय पर मुआवजा दिया जाएगा और जिन भी ग्रामीणों के खेतों और फसलों का नुकसान हुआ है, इसके लिए राजस्व विभाग को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.