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साइकिल से यात्रा कर युवा सुमित दे रहा पर्यावरण संदेश, पहुंचा तुंगनाथ घाटी

राजस्थान के सुमित पंवार साइकिल यात्रा के जरिए तुंगनाथ घाटी पहुंच गए हैं. सुमित बीती 17 मई को राजस्थान से साइकिल यात्रा पर निकले थे. अपने इस साइकिल यात्रा के दौरान सुमित पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहे हैं.

Cyclist Sumit Panwar
सुमित पंवार
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Published : May 29, 2023, 10:45 PM IST

रुद्रप्रयागः पर्यावरण बचाने का संदेश लेकर साइकिल यात्रा पर निकले राजस्थान के सुमित पंवार तुंगनाथ घाटी पहुंचे. जहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया. बीती 17 मई को राजस्थान से साइकिल यात्रा पर निकले सुमित पंवार जयपुर, दिल्ली, हरिद्वार, केदारनाथ समेत विभिन्न राज्यों का भ्रमण कर आम जनमानस को पर्यावरण के प्रति सजग कर रहे हैं. उन्होंने आने वाले समय में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से प्रशिक्षण लेकर एवरेस्ट को फतह करने का लक्ष्य रखा है.

साइकिल यात्री सुमित पंवार का कहना है कि पूरे विश्व में पर्यावरण की समस्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. भविष्य में पर्यावरण की समस्या और गंभीर हो सकती है. इसलिए साइकिल यात्रा कर जनता को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा रहा है. 26 वर्षीय सुमित पंवार ने बताया कि वो बीते 17 मई को राजस्थान से साइकिल यात्रा पर निकले थे. उनकी साइकिल यात्रा जयपुर, दिल्ली, हरियाणा, यूपी के विभिन्न शहरों में आम जनमानस को पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन का संदेश देते हुए हरिद्वार पहुंची.

हरकी पैड़ी पर स्नान के बाद सुमित पंवार ने पहाड़ी जिलों में पर्दापण किया. सुमित पंवार देवप्रयाग, धारी देवी, रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, केदारनाथ, त्रियुगीनारायण और मदमहेश्वर तीर्थों समेत छोटे छोटे हिल स्टेशनों पर आम जनता को पर्यावरण का संदेश देते हुए करीब एक हजार किमी की दूरी साइकिल से तय कर तुंगनाथ घाटी पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया. तुंगनाथ घाटी का भ्रमण करने के बाद वे बदरीनाथ धाम, रुद्रनाथ, कल्पनाथ, गोपेश्वर, जोशीमठ, हेमकुंड साहिब समेत विभिन्न तीर्थों और शहरों में तीर्थ यात्रियों व आम जनमानस को पर्यावरण का संदेश देते हुए देहरादून पहुंचेंगे.
ये भी पढ़ेंः साइकिल से सिंगापुर की यात्रा पर निकले राजस्थान के आदित्य कुमार, जानिए मकसद

देहरादून से फिर गंगोत्री, यमुनोत्री के लिए साइकिल यात्रा शुरू करेंगे. दोनों तीर्थों की यात्रा पूरी होने पर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से प्रशिक्षण लेंगे. जिसके बाद एवरेस्ट की यात्रा पर निकलेंगे. सुमित पंवार का कहना है कि भारत ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व आज पर्यावरण समस्या से जूझ रहा है. पर्यावरण संरक्षण के लिए यदि आम जनता, केंद्र व प्रदेश सरकारें समेत विभिन्न सामाजिक संगठन आगे नहीं आए तो भविष्य में परिणाम गंभीर हो सकते हैं. उनका कहना है कि अन्य वाहनों के संचालन से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है. इसलिए छोटी-छोटी यात्राओं के लिए साइकिल का प्रयोग किया जाना चाहिए.

सुमित पंवार ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड हकीकत में स्वर्ग के समान है. इसलिए यहां पग पग पर अपार आनंद की अनुभूति होने के साथ यहां का जनमानस बहुत ही मृदुभाषी और सौम्य व्यवहार का है. सुमित पंवार के तुंगनाथ घाटी पहुंचने पर विजय सिंह पंवार, गौरव, बिशीला पंवार और प्रीति पंवार ने उनका भव्य स्वागत कर उनके प्रयासों की प्रशंसा की. साथ ही उनकी ओर से चलाए जा रहे अभियान में सहयोग की बात कही.

रुद्रप्रयागः पर्यावरण बचाने का संदेश लेकर साइकिल यात्रा पर निकले राजस्थान के सुमित पंवार तुंगनाथ घाटी पहुंचे. जहां स्थानीय जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने उनका जोरदार स्वागत किया. बीती 17 मई को राजस्थान से साइकिल यात्रा पर निकले सुमित पंवार जयपुर, दिल्ली, हरिद्वार, केदारनाथ समेत विभिन्न राज्यों का भ्रमण कर आम जनमानस को पर्यावरण के प्रति सजग कर रहे हैं. उन्होंने आने वाले समय में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से प्रशिक्षण लेकर एवरेस्ट को फतह करने का लक्ष्य रखा है.

साइकिल यात्री सुमित पंवार का कहना है कि पूरे विश्व में पर्यावरण की समस्या प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. भविष्य में पर्यावरण की समस्या और गंभीर हो सकती है. इसलिए साइकिल यात्रा कर जनता को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जा रहा है. 26 वर्षीय सुमित पंवार ने बताया कि वो बीते 17 मई को राजस्थान से साइकिल यात्रा पर निकले थे. उनकी साइकिल यात्रा जयपुर, दिल्ली, हरियाणा, यूपी के विभिन्न शहरों में आम जनमानस को पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन का संदेश देते हुए हरिद्वार पहुंची.

हरकी पैड़ी पर स्नान के बाद सुमित पंवार ने पहाड़ी जिलों में पर्दापण किया. सुमित पंवार देवप्रयाग, धारी देवी, रुद्रप्रयाग, गुप्तकाशी, केदारनाथ, त्रियुगीनारायण और मदमहेश्वर तीर्थों समेत छोटे छोटे हिल स्टेशनों पर आम जनता को पर्यावरण का संदेश देते हुए करीब एक हजार किमी की दूरी साइकिल से तय कर तुंगनाथ घाटी पहुंचे. जहां ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया. तुंगनाथ घाटी का भ्रमण करने के बाद वे बदरीनाथ धाम, रुद्रनाथ, कल्पनाथ, गोपेश्वर, जोशीमठ, हेमकुंड साहिब समेत विभिन्न तीर्थों और शहरों में तीर्थ यात्रियों व आम जनमानस को पर्यावरण का संदेश देते हुए देहरादून पहुंचेंगे.
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देहरादून से फिर गंगोत्री, यमुनोत्री के लिए साइकिल यात्रा शुरू करेंगे. दोनों तीर्थों की यात्रा पूरी होने पर नेहरू पर्वतारोहण संस्थान उत्तरकाशी से प्रशिक्षण लेंगे. जिसके बाद एवरेस्ट की यात्रा पर निकलेंगे. सुमित पंवार का कहना है कि भारत ही नहीं, बल्कि पूरा विश्व आज पर्यावरण समस्या से जूझ रहा है. पर्यावरण संरक्षण के लिए यदि आम जनता, केंद्र व प्रदेश सरकारें समेत विभिन्न सामाजिक संगठन आगे नहीं आए तो भविष्य में परिणाम गंभीर हो सकते हैं. उनका कहना है कि अन्य वाहनों के संचालन से पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है. इसलिए छोटी-छोटी यात्राओं के लिए साइकिल का प्रयोग किया जाना चाहिए.

सुमित पंवार ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड हकीकत में स्वर्ग के समान है. इसलिए यहां पग पग पर अपार आनंद की अनुभूति होने के साथ यहां का जनमानस बहुत ही मृदुभाषी और सौम्य व्यवहार का है. सुमित पंवार के तुंगनाथ घाटी पहुंचने पर विजय सिंह पंवार, गौरव, बिशीला पंवार और प्रीति पंवार ने उनका भव्य स्वागत कर उनके प्रयासों की प्रशंसा की. साथ ही उनकी ओर से चलाए जा रहे अभियान में सहयोग की बात कही.

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