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तेज बारिश और ओलावृष्टि से केदारघाटी में फसलें हुई बर्बाद, मुआवजे की मांग

बागेश्वर में ओलावृष्टि के कारण अगस्त्यमुनि और बाड़व क्षेत्र में फसलें बर्बाद हो गई हैं. वहीं, किसानों ने प्रशासन से नुकसान का मुआयना कर मुआवजे की मांग की है.

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Published : May 4, 2020, 11:22 PM IST

Updated : May 25, 2020, 2:16 PM IST

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फसल

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी में ओलावृष्टि के कारण किसानों में मायूसी छाई हुई है. पिछले दो दिनों से दोपहर बाद हो रही बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है. विकासखण्ड अगस्त्यमुनि और ऊखीमठ के कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. फसलों के पूरी तरीके से नष्ट होने से किसानों के आगे आजीविका का संकट बना हुआ है.

बता दें कि अगस्त्यमुनि के धार तोंदला में ओलावृष्टि से काश्तकारों की खेतों में पकी, गेहूं, जौ, मटर आदि की फसल बर्बाद हो गयी है. इसके साथ ही बसुकेदार क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि से फसलों के साथ ही वाहनों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. ओलावृष्टि के कारण वाहनों के शीशे टूट गए हैं.

पढ़ें: विदेश में फंसे भारतीयों को लाने की प्रकिया सात मई से होगी शुरू : गृह मंत्रालय

इधर, अरखुंड गांव में प्रवीण सिंह पुत्र दलबीर सिंह रोजगार के लिए मुर्गी फॉर्म चला रहे थे और लगभग बारह सौ चूजे पाल रखे थे, लेकिन ओले गिरने से उनके तीन सौ चूजे खत्म हो गए. बाड़व गांव के ग्रामीण हरेंद्र नेगी ने बताया कि एक तरफ कोरोना वायरस के कारण ग्रामीण मजदूरी का कार्य नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिकी पहले ही कमजोर हो चुकी है और अब ऊपर से मौसम की मार से फसलें भी पूरी तरह खराब हो गई हैं. ऐसे में किसान काफी परेशान हैं.

वहीं, बाड़व प्रधान सुमन देवी, महावीर नेगी, विनोद नेगी, कुंवर सिंह ने प्रशासन से नुकसान का मुआयना कर मुआवजे की मांग की है. वहीं दूसरी ओर अगस्त्यमुनि के धार तोंदला में भयंकर ओलावृष्टि से काश्तकारों की गेहूं आदि की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. इन दिनों पहाड़ों में आये दिन मौसम खराब हो रहा है.

रुद्रप्रयाग: केदारघाटी में ओलावृष्टि के कारण किसानों में मायूसी छाई हुई है. पिछले दो दिनों से दोपहर बाद हो रही बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान पहुंच रहा है. विकासखण्ड अगस्त्यमुनि और ऊखीमठ के कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान हुआ है. फसलों के पूरी तरीके से नष्ट होने से किसानों के आगे आजीविका का संकट बना हुआ है.

बता दें कि अगस्त्यमुनि के धार तोंदला में ओलावृष्टि से काश्तकारों की खेतों में पकी, गेहूं, जौ, मटर आदि की फसल बर्बाद हो गयी है. इसके साथ ही बसुकेदार क्षेत्र में भारी ओलावृष्टि से फसलों के साथ ही वाहनों को भी भारी नुकसान पहुंचा है. ओलावृष्टि के कारण वाहनों के शीशे टूट गए हैं.

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इधर, अरखुंड गांव में प्रवीण सिंह पुत्र दलबीर सिंह रोजगार के लिए मुर्गी फॉर्म चला रहे थे और लगभग बारह सौ चूजे पाल रखे थे, लेकिन ओले गिरने से उनके तीन सौ चूजे खत्म हो गए. बाड़व गांव के ग्रामीण हरेंद्र नेगी ने बताया कि एक तरफ कोरोना वायरस के कारण ग्रामीण मजदूरी का कार्य नहीं कर पा रहे हैं, जिससे उनकी आर्थिकी पहले ही कमजोर हो चुकी है और अब ऊपर से मौसम की मार से फसलें भी पूरी तरह खराब हो गई हैं. ऐसे में किसान काफी परेशान हैं.

वहीं, बाड़व प्रधान सुमन देवी, महावीर नेगी, विनोद नेगी, कुंवर सिंह ने प्रशासन से नुकसान का मुआयना कर मुआवजे की मांग की है. वहीं दूसरी ओर अगस्त्यमुनि के धार तोंदला में भयंकर ओलावृष्टि से काश्तकारों की गेहूं आदि की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. इन दिनों पहाड़ों में आये दिन मौसम खराब हो रहा है.

Last Updated : May 25, 2020, 2:16 PM IST
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