रुद्रप्रयाग: ई-टेंडरिंग समाप्त करने और लंबित भुगतान सहित अन्य मांगों को लेकर ठेकेदार संघ रुद्रप्रयाग ने अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया है. ठेकेदारों का कहना है कि, जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
लोक निर्माण विभाग कार्यालय के सम्मुख धरना देते हुए ठेकेदार संघ ने कहा कि ठेकेदार लंबे समय से ई-टेंडरिंग का विरोध कर रहे हैं. ई-टेंडरिंग के कारण छोटे ठेकेदारों को काम नहीं मिल रहा है. लंबे समय से ठेकेदारों के लंबित भुगतान नहीं हो पाए हैं. ऐसे में उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.
ठेकेदारों का कहना है कि, ई-टेंडरिंग हर हाल में बंद होनी चाहिए. ई-टेंडरिंग से छोटे ठेकेदारों को काम मिलना बंद हो गया है. ई-टेंडरिंग में अनियमितता बरती जा रही है. विभाग अपने चहेते ठेकेदारों को ही काम दे रहा है. उन्होंने कहा कि केदारनाथ आपदा के दौरान जब सभी ने हाथ खड़े किए थे तो स्थानीय ठेकेदारों ने ही पूरी तरह क्षतिग्रस्त सड़क को खोला था. आपदा के दौरान कई तरह के निर्माण कार्य स्थानीय ठेकेदारों ने किया. विभाग उनके पुराने भुगतान भी नहीं कर रहा है. ऐसे में उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है.
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जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने धरना स्थल पर पहुंचकर ठेकेदार संघ की मांगों का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि ठेकेदार संघ की सभी मांगे जायज हैं. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि रुद्रप्रयाग जनपद में स्थानीय ठेकेदारों को ही काम मिलना चाहिए. स्थानीय ठेकेदार किसी भी तरह के निर्माण कार्य करने में सक्षम हैं. स्थानीय ठेकेदारों की उपेक्षा किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं कि जाएगी.
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उक्रांद के केंद्रीय प्रवस्ता देवेंद्र चमोली और उक्रांद के जनपद रुद्रप्रयाग विधानसभा प्रभारी भगत चौहान ने भी ठेकेदार संघ को अपना समर्थन दिया. उन्होंने कहा कि, ठेकेदारों का रोजगार प्रभावित हो गया है. सरकार को जल्द उनकी मांगें माननी चाहिए.