रुद्रप्रयाग: अगर सबकुछ योजना के तहत हुआ तो जल्द ही रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय वासियों को जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी. साथ ही केदारनाथ एवं बदरीनाथ जाने वाले तीर्थ यात्रियों को सहूलियत मिलेगी, उनका काफी समय भी बचेगा. केंद्र सरकार की इस महत्वकांक्षी योजना पर जल्द ही कार्य शुरू होने जा रहा है. इसका लाभ रुद्रप्रयाग एवं चमोली जनपद के साथ ही देश-विदेश से आने वाले तीर्थ यात्रियों को भी मिलेगा.
जल्द ही चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थ यात्रियों एवं रुद्रप्रयाग व चमोली जिले के वासियों को समस्या से निजात मिलने जा रही है. बता दें कि वर्ष 2003-2004 में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने रुद्रप्रयाग शहर की भौगोलिक परिस्थिति एवं जनता की मांग पर जवाड़ी बाईपास निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी. इसके तहत दो चरणों में कार्य पूरा होना था.
प्रथम चरण में गुलाबराय से जवाड़ी होते हुए गौरीकुंड हाईवे पर बाईपास को जोड़ना था, जिसका निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. जबकि दूसरे चरण में गौरीकुंड हाईवे पर लोनिवि रुद्रप्रयाग खंड कार्यालय के पास से रुद्रप्रयाग चोपता-पोखरी मोटर मार्ग पर बेलणी के निकट तक 900 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण होना है. इसके अलावा अलकनंदा नदी पर 200 मीटर लंबा पुल का निर्माण कर इसे बदरीनाथ हाईवे से जोड़ना है.
बीसी खंडूड़ी ने दी थी स्वीकृतिः दरअसल तत्कालीन केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी ने अपने कार्यकाल में इस महत्वकांझी योजना को 2003 में स्वीकृति दी थी. प्रथम चरण का कार्य पूरा हो चुका है और अब द्वितीय चरण का कार्य भी दो माह बाद शुरू हो जाएगा. इसके लिए नेशनल हाईवे लोनिवि की ओर से ठेकेदार से अनुबंध की प्रक्रिया चल रही है.
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बदरी-केदार के यात्रियों को मिलेगी सुविधाः सुरंग निर्माण के बाद बदरीनाथ से आने वाले तीर्थयात्री सीधे केदारनाथ के लिए निकल सकेंगे, जबकि पोखरी, चोपता, दशज्यूला के ग्रामीण भी सीधे इसी रास्ते से होकर जा सकेंगे. इन्हें रुद्रप्रयाग मुख्य बाजार आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इसके अलावा केदारनाथ से बदरीनाथ जाने वाले तीर्थयात्री सुरंग के जरिए सीधे पहुंच जाएंगे.
एनएच विभाग के अधिशासी अभियंता जितेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि लोनिवि कार्यालय के पास से बेलणी तक 900 मीटर लंबी सुरंग का निर्माण होना है. साथ ही अलकनंदा नदी पर 200 मीटर पुल का निर्माण होगा. इसमें 20 करोड़ की लागत से मोटरपुल का निर्माण होना है.
ठेकेदार से अनुबंध की प्रक्रिया चल रही है. 2 महीने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा और जल्द से जल्द निर्माण कार्य को पूरा कराने के प्रयास किए जाएंगे. इस महत्वाकांक्षी परियोजना के निर्माण के बाद तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों को जाम की समस्या से निजात मिल जाएगी, साथ ही स्थानीय लोगों को भी राहत मिलेगी.