रुद्रप्रयाग: कोरोना संकट के बीच केदारनाथ धाम के कपाट पूर्व निर्धारित तिथि 29 अप्रैल को मेष लग्न में सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर खुलेंगे. कपाट खुलने के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं से गुलजार रहने वाला केदारनाथ धाम का कपाट इस बार सादगी से खुलेगा. कपाट खुलने के अवसर पर केदारनाथ में मात्र 16 लोग मौजूद रहेंगे. केदारनाथ धाम के रावल महाराष्ट्र से लौटने पर क्वारंटाइन किए गए हैं. जिसके बाद उनके द्वारा अधिकृत मुख्य पुजारी केदारनाथ धाम के कपाट खोलेंगे.
जिसके लिए मंदिर समिति ने जिला प्रशासन ने केदारनाथ के मुख्य पुजारी, डोली ले जाने वाले छह लोग, पंचगाई के ग्रामीण और वाद्य यंत्र बजाने वाले लोगों के लिए अनुमति मांगी है. इसके साथ ही पहली बार केदारनाथ के शीतकालीन गददीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से गौरीकुण्ड तक बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली वाहन से जाएगी. गौरीकुण्ड से बाबा की डोली को पैदल केदारनाथ ले जाया जाएगा.
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पुरोहित श्रीनिवास पोस्ती के मुताबिक भगवान केदारनाथ के कपाट तय तिथि पर ही खोले जाएंगे. पौराणिक परंपराओं से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि बदरीनाथ और केदारनाथ की पूजा में अंतर है. क्योंकि बदरीनाथ में रावल ही मंदिर के अंदर पूजा करते हैं. जबकि केदारनाथ में पूजा के लिए रावल की तरफ से पुजारी को अधिकृत किया जाता है.
रावल भीमा शंकर लिंग होम क्वारंटाइन हैं. ऐसे में उनकी तरफ से अधिकृत पुजारी ही कपाट खोलेंगे. जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट खुलते वक्त मुख्य पुजारी सहित केवल 16 लोग ही मौजूद रहेंगे. भक्तों को फिलहाल दर्शन करने की अनुमति नहीं है.