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रुद्रप्रयाग में 72,164 बच्चों को खिलाई जाएगी कृमि दवा

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Published : Feb 19, 2021, 7:03 AM IST

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत हुई बैठक में 1 से 6 मार्च तक होने वाले कार्यक्रम को सफल बनाने वाले विषयों पर चर्चा की गई. सीडीओ ने बताया कि मार्च के पहले सप्ताह में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक घरों व स्कूलों में आशाओं के द्वारा बच्चों को दवा खिलाई जाएगी.

rudraprayag
मुख्य विकास अधिकारी की बैठक

रुद्रप्रयाग: विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी भरत चंद्र भट्ट की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की बैठक आहूत की गई. बैठक मे जिले के विकासखंडों के अंतर्गत कुल 72,164 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया. इनमें एक से 6 साल तक के 12,038 से और 6 से 19 साल तक की कुल 60,126 बच्चे शामिल किया गया है.

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत हुई बैठक में 1 से 6 मार्च तक होने वाले कार्यक्रम को सफल बनाने वाले विषयों पर चर्चा की गई. सीडीओ ने बताया कि मार्च के पहले सप्ताह में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक घरों व स्कूलों में आशाओं के द्वारा बच्चों को दवा खिलाई जाएगी. इसके लिए आशाओं को वेबनार के माध्यम से ब्लाॅक स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसमें ब्लाॅक स्तरीय नोडल अधिकारी शिक्षा, बाल विकास, पंचायती राज और स्वास्थ्य विभाग से एएनएम को शामिल किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: मुठभेड़ के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तीन बदमाश किए गिरफ्तार

दवा की उपलब्धता और वितरण को लेकर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जितेंद्र नेगी ने बताया कि राज्य स्तर से तीनों विकास खंडों के लिए कुल 92,141 दवा प्राप्त हुई है. साथ ही उन्होंने ब्लाॅक स्तर पर पहले से शेष बची दवाओं के विवरण के संबंध में उन्होंने बताया कि ब्लाॅक में दवा और फार्मेट वितरण के बाद ब्लाॅक से एएनएम सेंटर तक कृमि दवा वितरित की जाएगी. इसके बाद एक से उन्नीस साल तक के बच्चों को दवा खिलाने के लिए आशाओं को वितरित की जाएगी. दवा वितरण को लेकर उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिए हैं कि बच्चों को खाली पेट दवा न खिलाई जाए. साथ ही मानसिक व शारीरिक विकास प्रभावित बच्चों को भी ये दवा नहीं दी जाएंगी.

ये भी पढ़ें: दिल्ली सरकार ने 488 श्रमिकों को दिए 3.18 करोड़ रुपये

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यह दवाई घुलनशील नहीं होती, इसलिए इसे चबाकर खाने को कहा जाए. तभी यह प्रभावशाली होती है. दवाई के प्रतिकूल असर पर चक्कर, उल्टी, दस्त और खुजली के लक्षण दिखाई देने पर पानी दें और एएनएम अथवा आशा से संपर्क करें. बैठक में सीडीओ ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के लिए मॉनिटरिंग प्लान के लिये शिक्षा व बाल विकास को आपसी समन्वय बनाने के निर्देश दिए.

रुद्रप्रयाग: विकास भवन सभागार में मुख्य विकास अधिकारी भरत चंद्र भट्ट की अध्यक्षता में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस की बैठक आहूत की गई. बैठक मे जिले के विकासखंडों के अंतर्गत कुल 72,164 बच्चों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया. इनमें एक से 6 साल तक के 12,038 से और 6 से 19 साल तक की कुल 60,126 बच्चे शामिल किया गया है.

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत हुई बैठक में 1 से 6 मार्च तक होने वाले कार्यक्रम को सफल बनाने वाले विषयों पर चर्चा की गई. सीडीओ ने बताया कि मार्च के पहले सप्ताह में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के अंतर्गत प्रत्येक घरों व स्कूलों में आशाओं के द्वारा बच्चों को दवा खिलाई जाएगी. इसके लिए आशाओं को वेबनार के माध्यम से ब्लाॅक स्तरीय प्रशिक्षण दिया जाएगा. जिसमें ब्लाॅक स्तरीय नोडल अधिकारी शिक्षा, बाल विकास, पंचायती राज और स्वास्थ्य विभाग से एएनएम को शामिल किया जाएगा.

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दवा की उपलब्धता और वितरण को लेकर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी जितेंद्र नेगी ने बताया कि राज्य स्तर से तीनों विकास खंडों के लिए कुल 92,141 दवा प्राप्त हुई है. साथ ही उन्होंने ब्लाॅक स्तर पर पहले से शेष बची दवाओं के विवरण के संबंध में उन्होंने बताया कि ब्लाॅक में दवा और फार्मेट वितरण के बाद ब्लाॅक से एएनएम सेंटर तक कृमि दवा वितरित की जाएगी. इसके बाद एक से उन्नीस साल तक के बच्चों को दवा खिलाने के लिए आशाओं को वितरित की जाएगी. दवा वितरण को लेकर उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिए हैं कि बच्चों को खाली पेट दवा न खिलाई जाए. साथ ही मानसिक व शारीरिक विकास प्रभावित बच्चों को भी ये दवा नहीं दी जाएंगी.

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अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यह दवाई घुलनशील नहीं होती, इसलिए इसे चबाकर खाने को कहा जाए. तभी यह प्रभावशाली होती है. दवाई के प्रतिकूल असर पर चक्कर, उल्टी, दस्त और खुजली के लक्षण दिखाई देने पर पानी दें और एएनएम अथवा आशा से संपर्क करें. बैठक में सीडीओ ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के लिए मॉनिटरिंग प्लान के लिये शिक्षा व बाल विकास को आपसी समन्वय बनाने के निर्देश दिए.

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