रुद्रप्रयाग: श्री पंच दशनाम जूना भैरव अखाड़ा हरिद्वार के सहयोग से पवित्र छड़ी यात्रा (Pavitra chadi yatra) रुद्रप्रयाग पहुंच गई है. इस मौके पर नगर में पद यात्रा करते हुए छड़ी यात्रा भक्तों के साथ कोटेश्वर पहुंची. यहां संतों की ओर से भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें छड़ी यात्रा के महत्व और इसकी परंपरा को लेकर चर्चा की गई. जिसके बाद छड़ी यात्रा केदारनाथ से बदरीनाथ और फिर बागेश्वर को प्रस्थान करेगी.
बीते 24 सितंबर को हरिद्वार के माया देवी मन्दिर परिसर से पूजा अर्चना के बाद धार्मिक छड़ी यात्रा शुरू हुई. यहां हरिद्वार सांसद डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने यात्रा का श्रीगणेश किया. इसके बाद विभिन्न स्थानों से होते हुए यात्रा शनिवार को रुद्रप्रयाग पहुंची. यह यात्रा प्रदेश के चारों धामों के साथ ही अन्य पौराणिक स्थलों तथा मठ मन्दिरों की यात्रा करेगी. रुद्रप्रयाग नगर में रुद्रा कॉम्पलेक्स से कोटेश्वर तक बड़ी संख्या में भक्तों ने छड़ी यात्रा में प्रतिभाग कर पुण्य अर्जित किया. यहां पहले से ही स्वागत के लिए मौजूद कोटेश्वर महंत शिवानंद महाराज ने भक्तों के साथ यात्रा का स्वागत किया.
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जिसके बाद पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ यात्रा के सभापति प्रेम गिरी महाराज, कपिल पुरी महाराज, मोहन भारती महाराज, छड़ी महंत पुष्कर गिरी, शिव दत्त गिरी, महंत पशुपति महाराज, सिद्धेश्वर गिरी की अगुवाई में छड़ी यात्रा रुद्रप्रयाग से कोटेश्वर पहुंची. यहां पर पवित्र छड़ी का पूजन किया गया. इस मौके पर एसडीएम सदर अर्पणा ढौंडियाल ने भी छड़ी पूजन किया. ऐसे में यात्रा समिति ने एसडीएम का सम्मान किया. इसके बाद कोटेश्वर महंत शिवानंद महाराज ने सभी संतों का सम्मान किया। भव्य पूजा अर्चना के बाद विभिन्न स्थानों से आए संतों को भोजन कराया गया.
इस मौके पर श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के सभापति एवं पवित्र छड़ी यात्रा के प्रमुख महंत प्रेम गिरी एवं काशी सुमेरु पीठाधीश्वर शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती (Shankaracharya Narendranand Saraswati) ने बताया कि यह छड़ी यात्रा उत्तराखंड के प्रसिद्ध मदिरों में जाएगी. पूर्व से चली आ रही परंपरा का सतत साधु संत निर्वहन कर रहे हैं. धर्म की रक्षा और इसके प्रचार के लिए यात्रा निकाली जा रही है. उन्होंने कहा कि सनातन धर्म को बढ़ावा देने के साथ ही जीर्ण-शीर्ण मठ मन्दिरों, सिद्ध स्थलों के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से छड़ी यात्रा विभिन्न स्थानों पर की जा रही है. एक नवम्बर को पवित्र छड़ी यात्रा बागेश्वर होते हुए माया देवी मंदिर पहुंचेगी, जहां यात्रा का समापन किया जाएगा.