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सैनिक स्कूल निर्माण के लिए 'डबल इंजन' सरकार का बजट देने से इनकार, UKD करेगी उपवास - यूकेडी ने सैनिक स्कूल निर्माण की मांग की

रुद्रप्रयाग के थाती-दिग्धार में सैनिक स्कूल निर्माण के लिए बजट देने से केंद्र व राज्य सरकार ने इनकार कर दिया है. यूकेडी ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया है. यूकेडी नेता मोहित डिमरी 17 अक्टूबर को स्कूल निर्माण स्थल पर उपवास पर बैठेंगे. वहीं, यूकेडी ने पूर्व में हुए स्कूल निर्माण पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है.

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Published : Oct 12, 2021, 6:13 PM IST

Updated : Oct 12, 2021, 8:18 PM IST

रुद्रप्रयागः रुद्रप्रयाग जिले के अंतर्गत बड़मा पट्टी के थाती-दिग्धार में सैनिक स्कूल निर्माण को लेकर केंद्र व राज्य सरकार ने बजट देने से साफ इंकार कर दिया है. ऐसे में क्षेत्रीय ग्रामीणों के साथ ही कांग्रेस व यूकेडी में सरकार के खिलाफ आक्रोश पैदा हो गया है. कांग्रेस-यूकेडी ने सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने का मन बना लिया है.

सैनिक स्कूल निर्माण को लेकर केंद्र व राज्य सरकार से बजट न मिलने पर यूकेडी के युवा नेता मोहित डिमरी ने सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग की है. मोहित डिमरी केंद्र व राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ 17 अक्टूबर को निर्माण स्थल थाती-दिग्धार में उपवास पर बैठेंगे.

सैनिक स्कूल निर्माण के लिए 'डबल इंजन' सरकार का बजट देने से इनकार

2016 से ठप पड़ा है निर्माण कार्य: दरअसल, साल 2012-13 में दिग्धार बड़मा में सैनिक विद्यालय की स्थापना की घोषणा की गई थी. 2014 में उसके प्रारंभिक व्यय के लिए 10 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराकर निर्माण कार्य आरंभ भी करवा दिया गया था, जो 2016 में प्रदेश में हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बाद से ठप पड़ गया. इसमें थाती-बड़मा गांव के लोगों द्वारा चार हेक्टेयर उपजाऊ कृषि भूमि तथा 12.4 हेक्टेयर ग्राम समाज की वन भूमि और गौचर-पनघट की भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई गई थी. उक्त भूमि पर अभी भी अधूरा कार्य हुआ है और लोगों द्वारा दी गई भूमि बंजर पड़ी हुई है. इसके अलावा यूकेडी ने विद्यालय को अन्यत्र स्थानांतरित करने के दुष्प्रचार पर भी आक्रोश जताया है.

ये भी पढ़ेंः नंदप्रयाग-घाट मोटर मार्ग के चौड़ीकरण का मामला, कोर्ट ने 5 आंदोलनकारियों को भेजा समन

10 करोड़ में बनी एक दीवार और बदहाल सड़कः यूकेडी नेता मोहित डिमरी का कहना है कि सैनिक स्कूल के नाम पर दस करोड़ रुपए की धनराशि खर्च होने के बावजूद एक दीवार और टूटी-फूटी सड़क के सिवाय कुछ भी काम नहीं हो पाया है. सैनिक स्कूल के निर्माण के लिए ग्रामीणों द्वारा दी गई करीब 13 सौ नाली भूमि भी बर्बाद हो गई है. स्थिति यह है कि सैनिक स्कूल भी नहीं बना और काश्तकारों की जमीन खेती के लायक भी नहीं रही.

निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोपः ग्रामीणों का आरोप है कि सैनिक स्कूल के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है. कार्यकारी संस्था यूपी निर्माण निगम ने 10 करोड़ रुपये की धनराशि से दिग्धार में खानापूर्ति के लिए जमीन समतलीकरण, दीवार और डेढ़ किमी कच्ची सड़क का ही निर्माण किया है. ग्रामीणों का कहना है कि सैनिक स्कूल निर्माण से विकास की उम्मीद जगी थी. सैनिक स्कूल के लिए उन्होंने अपनी उपजाऊ जमीन तक दे दी थी. अब उनके पास खेती के लिए जमीन भी नहीं बची.

ये भी पढ़ेंः रामनगर: जिप्सी कारोबारियों का अनिश्चितकालीन धरना, बुकिंग प्रणाली खत्म किए जाने की मांग

कांग्रेस ने लगाया आरोपः पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी का कहना है कि सैनिक स्कूल के निर्माण के नाम पर भाजपा सरकार जनता को गुमराह कर रही है. डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद केंद्र सरकार ने बजट देने से इनकार कर दिया है.

यूकेडी ने रखी मांगः यूकेडी ने अब तक निर्माण कार्यों में हुए घोटालों की निष्पक्ष जांच की मांग की है. यूकेडी ने कहा कि सैनिक स्कूल के निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था सरकार को जल्द करनी चाहिए. साथ ही सैनिक विद्यालय के भवनों एवं अन्य निर्माण कार्यों के लिए एक निश्चित समय सीमा निर्धारित की जाए. निर्माण कार्य किसी सक्षम एवं विश्वसनीय कार्यदायी संस्था को सौंपा जाए. निर्माण कार्यों की गुणवत्ता तथा समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय स्तर पर एक समिति गठित की जाए, जिसमें तकनीकी व प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा स्थानीय ग्रामीणों द्वारा मनोनीत एक जनप्रतिनिधि भी सम्मिलित हो.

रुद्रप्रयागः रुद्रप्रयाग जिले के अंतर्गत बड़मा पट्टी के थाती-दिग्धार में सैनिक स्कूल निर्माण को लेकर केंद्र व राज्य सरकार ने बजट देने से साफ इंकार कर दिया है. ऐसे में क्षेत्रीय ग्रामीणों के साथ ही कांग्रेस व यूकेडी में सरकार के खिलाफ आक्रोश पैदा हो गया है. कांग्रेस-यूकेडी ने सरकार के खिलाफ आंदोलन छेड़ने का मन बना लिया है.

सैनिक स्कूल निर्माण को लेकर केंद्र व राज्य सरकार से बजट न मिलने पर यूकेडी के युवा नेता मोहित डिमरी ने सैनिक स्कूल का निर्माण कार्य शुरू कराने की मांग की है. मोहित डिमरी केंद्र व राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ 17 अक्टूबर को निर्माण स्थल थाती-दिग्धार में उपवास पर बैठेंगे.

सैनिक स्कूल निर्माण के लिए 'डबल इंजन' सरकार का बजट देने से इनकार

2016 से ठप पड़ा है निर्माण कार्य: दरअसल, साल 2012-13 में दिग्धार बड़मा में सैनिक विद्यालय की स्थापना की घोषणा की गई थी. 2014 में उसके प्रारंभिक व्यय के लिए 10 करोड़ रुपए की धनराशि उपलब्ध कराकर निर्माण कार्य आरंभ भी करवा दिया गया था, जो 2016 में प्रदेश में हुई राजनीतिक उथल-पुथल के बाद से ठप पड़ गया. इसमें थाती-बड़मा गांव के लोगों द्वारा चार हेक्टेयर उपजाऊ कृषि भूमि तथा 12.4 हेक्टेयर ग्राम समाज की वन भूमि और गौचर-पनघट की भूमि निशुल्क उपलब्ध कराई गई थी. उक्त भूमि पर अभी भी अधूरा कार्य हुआ है और लोगों द्वारा दी गई भूमि बंजर पड़ी हुई है. इसके अलावा यूकेडी ने विद्यालय को अन्यत्र स्थानांतरित करने के दुष्प्रचार पर भी आक्रोश जताया है.

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10 करोड़ में बनी एक दीवार और बदहाल सड़कः यूकेडी नेता मोहित डिमरी का कहना है कि सैनिक स्कूल के नाम पर दस करोड़ रुपए की धनराशि खर्च होने के बावजूद एक दीवार और टूटी-फूटी सड़क के सिवाय कुछ भी काम नहीं हो पाया है. सैनिक स्कूल के निर्माण के लिए ग्रामीणों द्वारा दी गई करीब 13 सौ नाली भूमि भी बर्बाद हो गई है. स्थिति यह है कि सैनिक स्कूल भी नहीं बना और काश्तकारों की जमीन खेती के लायक भी नहीं रही.

निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोपः ग्रामीणों का आरोप है कि सैनिक स्कूल के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है. कार्यकारी संस्था यूपी निर्माण निगम ने 10 करोड़ रुपये की धनराशि से दिग्धार में खानापूर्ति के लिए जमीन समतलीकरण, दीवार और डेढ़ किमी कच्ची सड़क का ही निर्माण किया है. ग्रामीणों का कहना है कि सैनिक स्कूल निर्माण से विकास की उम्मीद जगी थी. सैनिक स्कूल के लिए उन्होंने अपनी उपजाऊ जमीन तक दे दी थी. अब उनके पास खेती के लिए जमीन भी नहीं बची.

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कांग्रेस ने लगाया आरोपः पूर्व कैबिनेट मंत्री मातबर सिंह कंडारी, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश प्रवक्ता सूरज नेगी का कहना है कि सैनिक स्कूल के निर्माण के नाम पर भाजपा सरकार जनता को गुमराह कर रही है. डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद केंद्र सरकार ने बजट देने से इनकार कर दिया है.

यूकेडी ने रखी मांगः यूकेडी ने अब तक निर्माण कार्यों में हुए घोटालों की निष्पक्ष जांच की मांग की है. यूकेडी ने कहा कि सैनिक स्कूल के निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि की व्यवस्था सरकार को जल्द करनी चाहिए. साथ ही सैनिक विद्यालय के भवनों एवं अन्य निर्माण कार्यों के लिए एक निश्चित समय सीमा निर्धारित की जाए. निर्माण कार्य किसी सक्षम एवं विश्वसनीय कार्यदायी संस्था को सौंपा जाए. निर्माण कार्यों की गुणवत्ता तथा समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए विद्यालय स्तर पर एक समिति गठित की जाए, जिसमें तकनीकी व प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा स्थानीय ग्रामीणों द्वारा मनोनीत एक जनप्रतिनिधि भी सम्मिलित हो.

Last Updated : Oct 12, 2021, 8:18 PM IST

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