रुद्रप्रयाग: बरसात से पहले ही एनएच की लापरवाही भारी पड़ने लगी है. सुबह से हो रही झमाझम बारिश के चलते नगर में कई जगहों पर जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. जबकि कई आवासीय घरों और दुकानों में हाईवे का पानी जमा हो गया है. वहीं दोपहर बाद इंटर कॉलेज की सड़क के समीप हाईवे पर अचानक पुश्ता टूट गया और यहां खड़ी एक कार खाई में गिर गई. हालांकि, हादसे के वक्त कोई व्यक्ति वहां मौजूद नहीं था, जिससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ.
घरों और दुकानों में घुसा हाईवे का पानी
स्थानीय निवासी सुनीत चौधरी ने कहा कि एनएच की लापरवाही की पोल बरसात से पहले की खुल गई है. लापरवाही के चलते लोगों के आवासीय भवन और दुकानों में हाईवे का पानी आ रहा है. जिससे नगर में कई जगहों पर पहाड़ी टूटने का खतरा बना है. सड़क चौड़ीकरण कार्य के चलते स्थानीय जनता को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर अमसारी को जोड़ने वाले मोटरमार्ग पर पुश्ता टूटकर आवासीय भवनों पर जा गिरा, लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई.
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर बना संवेदनशील जोन
वहीं, ऋषिकेश-बदरीनाथ नेशनल हाईवे 58 पर श्रीनगर-रुद्रप्रयाग के बीच एक नया संवदेशनशील जोन तैयार हो गया है. नरकोटा और सम्राट होटल के बीच बने इस खतरनाक स्थान पर लगातार पत्थर गिर रहे हैं, जिससे हाईवे बाधित रहा. एनएच की मशीनें हाईवे खोलने में लगी हैं, लेकिन लगातार पत्थर गिरने से काम प्रभावित हो रहा है.
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वहीं, दूसरी ओर जिले में दो दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से आमजन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मंदाकिनी और अलनकंदा नदियों सहित सहायक नदियों का जल स्तर उफान पर है. जिस कारण आपदा प्रभावितों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. रुद्रप्रयाग जिला मुख्यालय के बेलणी में शिव की मूर्ति भी नदी में जलमग्न हो चुकी है, जबकि नमामि गंगे के तहत बने सभी घाट पानी में डूब गए हैं.
केदारघाटी में मूसलाधार बारिश
केदारघाटी क्षेत्र में हो रही लगातार मूसलाधार बारिश से आपदा प्रभावितों को भय सता रहा है कि आने वाले समय में कहीं प्रकृति फिर से रौद्र रूप धारण न कर ले. मूसलाधार बारिश से ऊंचाई वाले इलाकों के तापमान में गिरावट महसूस की जा रही है, जबकि निचले क्षेत्रों में लोगों को गर्मी से निजात मिली है. केदारघाटी सहित विभिन्न क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश होने से भेड़ पालकों की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.
भूस्खलन वाले स्थानों पर पोकलैंड मशीन तैनात
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि अलकनंदा और मंदाकिनी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. ऐसे में आस-पास के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गयी है. ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे के भूस्खलन वाले स्थानों पर पोकलैंड मशीन तैनात की गयी हैं, जिससे राजमार्ग बंद होने पर खोलने की कार्रवाई की जा सके.
उन्होंने बताया कि बद्रीनाथ हाईवे के नरकोटा और खांखरा के पास राजमार्ग काफी संवेदनशील हो चुका है. यहां पर दोनों जगहों पर मशीनों को लगाया गया है. इसके अलावा केदारनाथ हाईवे के भी जगह-जगह मशीनें तैनात की गई हैं. ग्रामीण इलाकों में आपदा प्रबंधन के 26 लोग नजर बनाए हुए हैं, जो कोई भी घटना घटने पर शीघ्र सूचना संबंधित विभागों को पहुंचा रहे हैं.