रुद्रप्रयाग: प्रदेश में पलायन से गांव के गांव खाली होते जा रहे हैं. सरकार पलायन को रोकने के लिए कई योजनाएं बना रही है, जिससे लोगों को गांव में ही रोजगार मिल सके. वहीं पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन की रोकथाम को लेकर पांच जिले चयनित किए गए हैं. जिसमें पहले चरण में बागेश्वर एवं रुद्रप्रयाग से गोट वैली योजना को शुरू किया गया है. इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी अधिकारी धरातल पर कार्य करें. जिन गरीब व्यक्तियों के पास बकरियां उपलब्ध नहीं हैं, उनको भी इस योजना में शामिल किया जाए.
पशुपालन, दुग्ध विकास एवं सेवायोजन मंत्री व जनपद प्रभारी मंत्री सौरभ बहुगुणा ने रुद्रप्रयाग में अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि गोट वैली सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है. जिससे पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन की रोकथाम होगी. उन्होंने कहा कि योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में गोष्ठियों का आयोजन किया जाए. संबंधित क्षेत्र के विधायक एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को भी आमंत्रित करते हुए योजनाओं का व्यापक ढंग से प्रचारित-प्रसारित किया जाए. ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस योजना से लाभान्वित करते हुए पहाड़ से हो रहे पलायन पर रोक लगाई जा सके.
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जिला योजना की समीक्षा करते हुए प्रभारी मंत्री ने निर्देश दिए कि जिला योजना के तहत जो भी योजनाएं संचालित की जा रही हैं, उन योजनाओं को गुणवत्ता के साथ शीर्ष प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए. जिला योजना की पुरानी देनदारी को शीर्ष प्राथमिकता से भुगतान किया जाए. कहा कि विकास योजनाओं में किसी भी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही न बरती जाए तथा सभी अधिकारी आपसी समन्वय के साथ विकास योजनाओं का लाभ अंतिम छोर के व्यक्ति तक उपलब्ध कराएं.
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार, जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी केदारनाथ योगेंद्र सिंह, उप जिलाधिकारी ऊखीमठ जितेंद्र वर्मा, पुलिस उपाधीक्षक हर्षवर्धनी सुमन, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डाॅ. आशीष रावत, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मर्तोलिया, अधिशासी अभियंता जल संस्थान संजय सिंह, डीडीएमए प्रवीण कर्णवाल, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार, पर्यटन अधिकारी सुशील नौटियाल, परियोजना अधिकारी उरेडा राहुल पंत मौजूद रहे.