रुद्रप्रयाग: आराध्य देवी क्वारिंका की दिवारा यात्रा का रात्रि प्रवास ओंकारेश्वर मंदिर में हुआ. ये मंदिर भगवान केदारनाथ का शीतकालीन गद्दीस्थल भी है. ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति यानि बुधवार के दिन भगवती क्वारिंका देवी और भगवान ओंकारेश्वर का अद्भुत मिलन होगा.
बता दें कि मां भगवती क्वारिंका 91 साल के बाद ऊखीमठ के गांवों का भ्रमण कर श्रद्धालुओं की कुशलक्षेम पूछ रहीं है. इस मौके पर ग्रामीणों ने भगवती देवी की दिवारा यात्रा पर पुष्प और अक्षतों की वर्षा की और उनका स्वागत किया. अनेक प्रकार की पूजा सामग्रियों से अर्घ्य लगाकर विश्व कल्याण की कामना की. भगवती क्वारिंका देवी की दिवारा यात्रा के आगमन से ऊखीमठ क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है. ब्रह्म बेला पर मंगोली गांव में आचार्य मनीष भट्ट, सिद्धेश्वर भट्ट, तुलसीराम भट्ट और कुशलानन्द भट्ट द्वारा पंचांग पूजन के तहत दिवारा यात्रा में साथ चल रहे अनेक देवी-देवताओं के निशाणों की पूजा-अर्चना और महाभिषेक कर आरती की.
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वहीं, 11 बजे भगवती क्वारिंका देवी का दिवारा यात्रा की मंगोली गांव में लोगों से कुशलक्षेम पूछी. इस मौके पर दिवारा यात्रा में विभिन्न गांव और मोहल्लों पर श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते हुए डंगवाड़ी गांव पहुंची. जबकि, शाम को रात्रि प्रवास के लिए भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचने पर प्रधान पुजारी टी गंगाधर लिंग, राजीव गैरोला और आशाराम नौटियाल सहित कई पुजारियों ने मंत्रोच्चारण के साथ दिवारा यात्रा का स्वागत किया. जिसके बाद बुधवार को भगवती क्वारिंका देवी की दिवारा यात्रा अगले पड़ाव के लिए रवाना होगी.